अररिया: सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा का मंगलवार की देर रात निधन हो गया. सहारा इंडिया परिवार के चेयरमैन सुब्रत रॉय काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. सहारा श्री के निधन से अररिया के आम लोगों से लेकर उनके रिश्तेदारों में शोक की लहर है. अररिया में सहारा श्री का ननिहाल है, जहां उनका बचपन गुजरा था.
'सहारा श्री को अररिया के लोग 'चंदन दा' कहते थे': सहारा श्री के रिश्तेदार अजय सेन गुप्ता ने बताया कि उनके नाना अमितो लाल दास गुप्ता और नानी माला दासगुप्ता के घर 10 जून 1948 को उनका जन्म हुआ था. सभी उनको 'चंदन दा' कहा करते थे. चंदन दा (सहारा श्री) फुटबॉल के शौकीन थे. जब मैं ग्राउंड में फुटबॉल की प्रैक्टिस करता था,तब वह बैठकर ध्यान से देखा करता था. मैं सुब्रत से 6 साल बड़ा हूं. उसके जाने (निधन) से मैं बहुत दुखी हूं.
"पूजा के समय उसके बहुत से रिश्तेदार आते थे. नवमी में ढोल नगाड़ा खुद बजाने लगते थे और सभी को एक जगह इकट्ठा करते थे. नगर कीर्तन करना उनको काफी अच्छा लगता था.सुब्रत रॉय के पिताजी का नाम सुधीर चंद्र रॉय और मां का नाम छोबी रॉय है."- अजय सेन गुप्ता, सुब्रत रॉय सहारा के मामा
'अररिया के हाई स्कूल में की पढ़ाई': सहारा श्री के माम सुभाष सेन गुप्ता ने बताया कि हम दोनों हम उम्र थे, इसलिए लड़ाई झगड़े भी होते थे. वो बहुत दिनों तक अररिया में थे. पहले उनके पिता हसनपुर में काम करते थे. बीच-बीच में वे अररिया में आकर रहते थे. अररिया के हाईस्कूल में भी सुब्रत रॉय ने पढ़ाई की थी. घर के पीछे एक बड़ा सा आम का बगीचा था, वहां हम सभी खेला करते थे.
"कुछ समय बाद उनका परिवार लखनऊ चला गया. लेकिन टेलीफोन या चिट्ठी पत्री के माध्यम से हमारी बातचीत होती थी. सुब्रत रॉय का अररिया के प्रति बहुत लगाव था. उनके निधन से अररिया में मुझे सूनापन लग रहा है."-सुभाष सेन गुप्ता, सुब्रत रॉय सहारा के मामा
'अररिया से सुब्रत रॉय सहारा का था गहरा लगाव': वहीं उनके एक अन्य रिश्तेदार ने अतनुदास गुप्ता उर्फ ऐनी दा ने बताया कि उनसे मेरे पिताजी की गहरी दोस्ती थी. बचपन में जब वे अररिया में रहते थे तो मेरे पिताजी के साथ ही उनका रहना खाना और खेलना सब कुछ होता था. उसके बाद उनके पिता सुधीर चंद्र रॉय गोरखपुर में चले गए. धीरे-धीरे उन्होंने अपने व्यापार को वहां से विस्तार देना शुरू किया.
"व्यापार को विस्तार देने के बाद भी वे अररिया में अपने सगे संबंधी और दोस्तों को हर साल किसी न किसी रूप में याद किया करते थे. अररिया उनकी जन्मभूमि है. उनके निधन से हम बहुत दुखी है. मेरे पिता शपथ नारायण गुप्ता और चंदन रॉय एक साथ पले बढ़े. दुर्गा पूजा के समय वो हमेशा आते थे. ढाक बजाकर घर घर जाते थे और लोगों को प्रेरित करते थे."- अतनुदास गुप्ता उर्फ ऐनी दा, सुब्रत रॉय सहारा के रिश्तेदार
चार भाई बहनों में बड़े थे सुब्रत: बता दें कि सुब्रत रॉय की प्रारंभिक शिक्षा अररिया हाईस्कूल से हुई, लेकिन उनके पापा शुगर मिल में इंजीनियर थे. इसीलिए जहां जहां उनकी पोस्टिंग होती थी, वहीं सुब्रत रॉय को शिक्षा ग्रहण करना पड़ा. सुधीर चंद्र रॉय और छबि रॉय के चार संतानों में सुब्रतो रॉय सबसे बड़े लड़के थे.
अररिया के आश्रम रोड में घर: उनके बाद छोटे भाई जयब्रोतो रॉय, छोटी दो बहने माला रॉय और कुमकुम रॉय चौधरी हैं. सुब्रतो रॉय का विवाह स्वपना रॉय से हुआ था. उनके दो पुत्र हैं, जिनका नाम सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय है. अररिया के आश्रम रोड में उनका घर है. इसी घर में सहारा श्री सुब्रत रॉय का जन्म हुआ था.
अपने खर्च से बनवायी थी सड़क: हालांकि अब वहां कोई नहीं रहता है. केयर टेकर के हवाले उनका पैतृक घर है. स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले उनके घर तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं थी. बाद में सुब्रत रॉय ने अपने खर्च पर सड़क बनवाया था. लोग बताते हैं कि उनके नाना का भी घर आश्रम रोड में ही है.
UP बनी कर्मभूमि: सुब्रत रॉय के पिता सुधीर चंद्र रॉय सिविल इंजीनियर थे. इसलिए वो उनके साथ गोरखपुर में ही रहे. सुब्रत रॉय का जन्म बेशक बिहार में हुआ था, लेकिन उत्तर प्रदेश को उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया था. वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. देशभर में उनके द्वारा बनाई गई कई बड़ी कंपनियां चल रही हैं.
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