हरिद्वारः ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल द्वारा दिए गए बयान पर अब हरिद्वार के साधु-संतों में आक्रोश (Sadhu saint outraged by Badruddin Ajmal statement) देखने को मिल रहा है. विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची (Sadhvi Prachi) ने बदरुद्दीन अजमल की मानसिकता को विकलांग बताया. वहीं, काली सेना का अध्यक्ष स्वामी दिनेशानंद भारती (Swami Dineshanand Bharti) ने मानसिकता में अंतर बताया है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हिंदू परंपराओं का ज्ञान नहीं होता है.
साध्वी प्राची ने बदरुद्दीन अजमल की विकलांग मानसिकता बताते हुए कहा कि यदि हमारे युवक थोड़ा लेट विवाह कर रहे हैं तो उसका सिर्फ एकमात्र कारण है कि वह अपना करियर बनाना चाहते हैं. साध्वी प्राची ने बदरुद्दीन अजमल के बयान पर बोलते हुए कहा कि इनका काम सिर्फ और सिर्फ बच्चे पैदा करना ही है.
वहीं, स्वामी दिनेशानंद भारती ने बदरुद्दीन अजमल के बयान पर बोलते हुए कहा कि हिंदू संस्कृति के अनुसार विवाह एक अद्भुत बंधन है. जिसमें दो जीवों का मेल होता है. ऐसे में यदि हमारे हिंदू बच्चे विवाह में थोड़ा विलंब कर रहे हैं. लेकिन इसमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है. यह लोग (मुस्लिम समाज) जल्दी विवाह करके क्या कर रहे हैं, यह देखने वाली बात है. जल्दी विवाह करने के बाद यह लोग सिर्फ और सिर्फ पंचर और रेड़ी ही चलाते दिखते हैं. जबकि हिंदू बच्चे देश को आगे बढ़ाने और देश के प्रति चिंतन करने में लगे हुए हैं.
क्या कहा था बदरुद्दीन अजमल ने?: दरअसल, बदरुद्दीन अजमल ने शुक्रवार को कहा कि मुस्लिम पुरुष 21 साल की उम्र में शादी कर लेते हैं. जबकि हिंदू पुरुष 40 साल की उम्र तक अविवाहित रहते हैं ताकि कम से कम तीन महिलाओं के साथ अवैध संबंध बनाए जा सके. उन्होंने कहा यही कारण है कि आजकल हिंदुओं के कम बच्चे हैं. उन्होंने कहा, 40 साल की उम्र के बाद हिंदू शादी करते हैं. अगर वह इतनी देर से शादी करते हैं तो उनके बच्चे कैसे हो सकते हैं?
बयान पर मांगी माफी: ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख एवं असम से लोकसभा सदस्य बदरुद्दीन अजमल ने कथित रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली अपनी टिप्पणी के लिए शनिवार को माफी मांगी और कहा कि इससे पैदा हुए विवाद पर वह 'शर्मिंदा' हैं. अजमल की टिप्पणी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई गई हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. उन्होंने किसी समुदाय विशेष को निशाना नहीं बनाया था.