मुंबई : मनसुख हिरन मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद उन्होंने एनआईए के समक्ष पेश किया गया. इसके पहले उन्होंने ठाणे की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की.
वाजे ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-438 के तहत ठाणे के जिला सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है. इस धारा के तहत कोई भी व्यक्ति किसी मामले में गिरफ्तारी की आशंका होने पर अग्रिम जमानत का अनुरोध कर सकता है.
सत्र न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की तारीख 19 मार्च तय की है और जांच अधिकारी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले में वाजे का नाम सामने आया है, जिसके बाद से वे विवादों में घिरे गए हैं.
एटीएस ने अबतक चार बार सचिन वजे से पूछताछ की है, जबकि संदिग्ध कार के मामले में जांच में जुटी एनआईए आने-वाले कुछ दिनों में सचिन वजे से पूछताछ करने की तैयारी में है.
इस मामले को लेकर अपराध शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे का तबादला नागरिक सुविधा केन्द्र (सीएफसी) में कर दिया गया है. सीएफसी शहर पुलिस की एक इकाई है.
क्या है मामला
उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के बाहर 25 फरवरी को एक वाहन में विस्फोटक पदार्थ मिला था. वह वाहन हिरेन का था.
ठाणे में हिरेन का शव मिलने के बाद मामले में रहस्य और गहरा गया था.
हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवम्बर में वाजे को अपनी कार दी थी, जिसे मुंबई अपराध शाखा में तैनात रहे अधिकारी ने फरवरी के पहले सप्ताह में लौटाया था.
सचिन वाजे को बुधवार को अपराध खुफिया इकाई से हटा दिया गया था.
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एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीएफसी वह इकाई है जो पासपोर्ट, विभिन्न लाइसेंस और अन्य जन संबंधित सेवाओं के लिए पुलिस की सहमति प्रदान करती है.
मामले की जांच कर रहे महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस सप्ताह की शुरुआत में वाजे का बयान दर्ज किया था.
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया था कि वाजे ने मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कार का उपयोग करने से इनकार किया है.