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केरल: साल के आखिरी दिन अय्यप्पा के दर्शन को उमड़े भक्त

पठानमथिट्टा के सबरीमाला मंदिर में साल के आखिरी दिन अय्यप्पा के दर्शनों के लिये भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस बीच मकरविलक्कु तीर्थ के लिए मंदिर के दरवाजे 30 दिसंबर की शाम से ही खोल दिए गये थे, लेकिन तीर्थयात्रियों को 31 दिसंबर की सुबह ही प्रवेश करने का मौका मिला. मकारविलाकु तीर्थ के बाद नाडा मंदिर के दरवाजे 20 जनवरी तक बंद होने हैं.

sabarimala temple
सबरीमाला मंदिर
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Published : Jan 1, 2021, 2:04 PM IST

पथानामथिट्टा (केरल) : पठानमथिट्टा के सबरीमाला मंदिर में अय्यप्पा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. नये साल की अच्छी शुरूआत के लिये भक्तों का 31 दिसंबर की सुबह से ही सबरीमाला मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है. हालांकि, मकरविलक्कु तीर्थ के लिए मंदिर के दरवाजे 30 दिसंबर की शाम से ही खोल दिए गये थे, लेकिन तीर्थयात्रियों को 31 दिसंबर की सुबह ही प्रवेश करने का मौका मिला.

अय्यप्पा के दर्शन को उमड़ी भीड़

आमतौर पर हर साल नये वर्ष की शुरूआत के पहले दिन अयप्पा के दर्शनों के लिये भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. हालांकि, इस बार कोविड-19 महामारी के कारण जारी कड़े नियमों के बीच प्रति दिन केवल पांच हजार तीर्थयात्रियों को मंदिर के अंदर दर्शन की अनुमति है.

जिन यात्रियों ने पहले से ही वर्चुअल कतार प्रणाली पर अपने स्लॉट बुक किए हैं, उन्हें केवल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति होगी. कोविड-19 महामारी के दिशानिर्देशों के पालन के तहत, थर्मल स्कैनर का उपयोग करके तीर्थयात्रियों की जांच वलिया नादापंथल में की जा रही है.

पढ़ें : घने कोहरे के बावजूद बैंगलोर एयरपोर्ट में उड़ान भरना आसान

जो तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं, उन्हें वापस श्रीनिधाम में नहीं रहने दिया जाएगा. उन्हें पंबा तक ट्रेक करना होगा और तुरंत वहां से निकलना होगा. मकारविलाकु तीर्थ के बाद नाडा मंदिर के दरवाजे 20 जनवरी तक बंद होने हैं. तीर्थयात्रियों को 19 जनवरी तक दर्शन की अनुमति होगी. मंदिर के प्रवेश द्वार में प्रवेश के लिए कीटाणुनाशक टर्नल लगाये हैं, जिनमें से होकर गुजरना अनिवार्य है. प्रवेश के लिए रिपोर्टिंग समय से 48 घंटे के भीतर वैध कोविड-19 नकारात्मक प्रमाण पत्र के बिना किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है.

पथानामथिट्टा (केरल) : पठानमथिट्टा के सबरीमाला मंदिर में अय्यप्पा दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. नये साल की अच्छी शुरूआत के लिये भक्तों का 31 दिसंबर की सुबह से ही सबरीमाला मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है. हालांकि, मकरविलक्कु तीर्थ के लिए मंदिर के दरवाजे 30 दिसंबर की शाम से ही खोल दिए गये थे, लेकिन तीर्थयात्रियों को 31 दिसंबर की सुबह ही प्रवेश करने का मौका मिला.

अय्यप्पा के दर्शन को उमड़ी भीड़

आमतौर पर हर साल नये वर्ष की शुरूआत के पहले दिन अयप्पा के दर्शनों के लिये भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. हालांकि, इस बार कोविड-19 महामारी के कारण जारी कड़े नियमों के बीच प्रति दिन केवल पांच हजार तीर्थयात्रियों को मंदिर के अंदर दर्शन की अनुमति है.

जिन यात्रियों ने पहले से ही वर्चुअल कतार प्रणाली पर अपने स्लॉट बुक किए हैं, उन्हें केवल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति होगी. कोविड-19 महामारी के दिशानिर्देशों के पालन के तहत, थर्मल स्कैनर का उपयोग करके तीर्थयात्रियों की जांच वलिया नादापंथल में की जा रही है.

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जो तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं, उन्हें वापस श्रीनिधाम में नहीं रहने दिया जाएगा. उन्हें पंबा तक ट्रेक करना होगा और तुरंत वहां से निकलना होगा. मकारविलाकु तीर्थ के बाद नाडा मंदिर के दरवाजे 20 जनवरी तक बंद होने हैं. तीर्थयात्रियों को 19 जनवरी तक दर्शन की अनुमति होगी. मंदिर के प्रवेश द्वार में प्रवेश के लिए कीटाणुनाशक टर्नल लगाये हैं, जिनमें से होकर गुजरना अनिवार्य है. प्रवेश के लिए रिपोर्टिंग समय से 48 घंटे के भीतर वैध कोविड-19 नकारात्मक प्रमाण पत्र के बिना किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है.

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