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सबरीमला मंदिर पहुंची सोने से बनी पोशाक 'तंका अंकी', मंडल पूजा आज - अनुष्ठानिक शोभायात्रा

भगवान अय्यपा को पहनाई जाने वाली स्वर्ण पोशाक 'तंका अंकी' शुक्रवार की शाम को सबरीमला मंदिर पहुंच गई. भगवान अय्यपा को आज मंडल पूजा के दौरान यह पवित्र पोशाक पहनाई जाएगी.

सबरीमला मंदिर
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Published : Dec 26, 2020, 7:59 AM IST

तिरुवनंतपुरम : मंडल पूजा के दिन निकलने वाले वाली अनुष्ठानिक शोभायात्रा के दौरान भगवान अय्यपा को पहनाई जाने वाली स्वर्ण पोशाक 'तंका अंकी' शुक्रवार की शाम को सबरीमला मंदिर पहुंच गई. भगवान अय्यपा को आज मंडल पूजा के दौरान यह पवित्र पोशाक पहनाई जाएगी. मंडल पूजा 41 दिवसीय तीर्थ यात्रा के समापन का संकेत है. इसके साथ ही वार्षिक तीर्थ यात्रा का पहला चरण संपन्न हो जाएगा.

कोविड-19 के कारण भीड़ नहीं
कोविड-19 की वजह से केवल कुछ लोग ही मौजूद थे जबकि सामान्य दिनों में इस शोभायात्रा को देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती थी. ‘तंका अंकी’ को सबरीमला पहुंचाने वाली यह शोभायात्रा चार दिन पहले राज्य के प्रमुख तीर्थ और भगवान कृष्ण के अर्णमुला श्री पार्थसारथी मंदिर से शुरू हुई, जहां पर यह पवित्र पोशाक रखी जाती है.

त्रावणकोर के राजा ने दिया था भेंट
इस पोशाक को त्रावणकोर के राजा दिवंगत श्री चितिरा तिरुनल बलराम वर्मा ने दान किया था. 'अंकी' सोने से बनी पवित्र पोशाक है जिसे भगवान अय्यपा को मंडल पूजा के दिन पहनाया जाता है. मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीपी) ने बताया कि त्रावणकोर के राजा ने वर्ष 1973 में 420 मुद्राओं के वजन के बराबर इस 'अंकी' को भगवान अय्यपा को समर्पित किया था. मंडल पूजा से पहले 'तंका अंकी' को आनुष्ठानिक शोभायात्रा के साथ अर्णमुला मंदिर से सबरीमला ले जाया जाता है.

तिरुवनंतपुरम : मंडल पूजा के दिन निकलने वाले वाली अनुष्ठानिक शोभायात्रा के दौरान भगवान अय्यपा को पहनाई जाने वाली स्वर्ण पोशाक 'तंका अंकी' शुक्रवार की शाम को सबरीमला मंदिर पहुंच गई. भगवान अय्यपा को आज मंडल पूजा के दौरान यह पवित्र पोशाक पहनाई जाएगी. मंडल पूजा 41 दिवसीय तीर्थ यात्रा के समापन का संकेत है. इसके साथ ही वार्षिक तीर्थ यात्रा का पहला चरण संपन्न हो जाएगा.

कोविड-19 के कारण भीड़ नहीं
कोविड-19 की वजह से केवल कुछ लोग ही मौजूद थे जबकि सामान्य दिनों में इस शोभायात्रा को देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती थी. ‘तंका अंकी’ को सबरीमला पहुंचाने वाली यह शोभायात्रा चार दिन पहले राज्य के प्रमुख तीर्थ और भगवान कृष्ण के अर्णमुला श्री पार्थसारथी मंदिर से शुरू हुई, जहां पर यह पवित्र पोशाक रखी जाती है.

त्रावणकोर के राजा ने दिया था भेंट
इस पोशाक को त्रावणकोर के राजा दिवंगत श्री चितिरा तिरुनल बलराम वर्मा ने दान किया था. 'अंकी' सोने से बनी पवित्र पोशाक है जिसे भगवान अय्यपा को मंडल पूजा के दिन पहनाया जाता है. मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीपी) ने बताया कि त्रावणकोर के राजा ने वर्ष 1973 में 420 मुद्राओं के वजन के बराबर इस 'अंकी' को भगवान अय्यपा को समर्पित किया था. मंडल पूजा से पहले 'तंका अंकी' को आनुष्ठानिक शोभायात्रा के साथ अर्णमुला मंदिर से सबरीमला ले जाया जाता है.

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