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सबरीमाला मंदिर मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खुला, पृथक-वास में गए मुख्य पुजारी - कोरोना वायरस से संक्रमित

सबरीमाला के भगवान अय्यप्पा मंदिर को मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति बृहस्पतिवार की सुबह से मिलेगी.

सबरीमाला मंदिर
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Published : Dec 30, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 10:47 PM IST

सबरीमाला : वार्षिक तीर्थयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए बुधवार की शाम को भगवान अय्यप्पा मंदिर को मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खोल दिया गया. हालांकि, मंदिर के मुख्य पुजारी कोविड-19 के तीन मरीजों के संपर्क में आने के बाद सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं.

मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्य ओम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के कपाट बुधवार शाम पांच बजे से ही खोल दिए गए, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति बृहस्पतिवार की सुबह से मिलेगी.

मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खुला अय्यप्पा मंदिर का कपाट.

मकराविलाक्कु उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार मेल्संती (मुख्य पुजारी) वी. के. जयराजन पोट्टी मंगलवार से सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं.

उन्होंने बताया कि उनके करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं. फिलहाल मंदिर की दैनिक पूजा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.

पढ़ें- ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को यूके में हरी झंडी

मंदिर की परंपरा के अनुसार, मुख्य पुजारी मंदिर का प्रभार संभालने से एक साल बाद ही पहाड़ी से नीचे उतर सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि अगर पांच दिन बाद मुख्य पुजारी के संक्रमित होने की पुष्टि होती है, तो बोर्ड आगे की रणनीति तय करेगा.

बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण उत्सव के दौरान मंदिर में प्रतिदिन सिर्फ 5,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी.

मंडल पूजा के साथ 26 दिसंबर को समाप्त हुई तीर्थयात्रा के पहले चरण में कोविड-19 की अधिकतम 48 घंटे पुरानी जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी. इस बार भी यह रिपोर्ट अनिवार्य है.

सबरीमाला : वार्षिक तीर्थयात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए बुधवार की शाम को भगवान अय्यप्पा मंदिर को मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खोल दिया गया. हालांकि, मंदिर के मुख्य पुजारी कोविड-19 के तीन मरीजों के संपर्क में आने के बाद सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं.

मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवस्य ओम बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के कपाट बुधवार शाम पांच बजे से ही खोल दिए गए, लेकिन श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति बृहस्पतिवार की सुबह से मिलेगी.

मकराविलाक्कु उत्सव के लिए खुला अय्यप्पा मंदिर का कपाट.

मकराविलाक्कु उत्सव 14 जनवरी को पड़ेगा और मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा. बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार मेल्संती (मुख्य पुजारी) वी. के. जयराजन पोट्टी मंगलवार से सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं.

उन्होंने बताया कि उनके करीबी संपर्क वालों में से तीन लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. वह सबरीमला में ही पृथक-वास में हैं. फिलहाल मंदिर की दैनिक पूजा पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.

पढ़ें- ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को यूके में हरी झंडी

मंदिर की परंपरा के अनुसार, मुख्य पुजारी मंदिर का प्रभार संभालने से एक साल बाद ही पहाड़ी से नीचे उतर सकते हैं. अधिकारी ने बताया कि अगर पांच दिन बाद मुख्य पुजारी के संक्रमित होने की पुष्टि होती है, तो बोर्ड आगे की रणनीति तय करेगा.

बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण उत्सव के दौरान मंदिर में प्रतिदिन सिर्फ 5,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी.

मंडल पूजा के साथ 26 दिसंबर को समाप्त हुई तीर्थयात्रा के पहले चरण में कोविड-19 की अधिकतम 48 घंटे पुरानी जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी. इस बार भी यह रिपोर्ट अनिवार्य है.

Last Updated : Dec 30, 2020, 10:47 PM IST
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