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साइप्रस दौरे पर बोले एस जयशंकर, भारत वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर अग्रसर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस के दौरे पर हैं. गुरुवार को यहां उन्होंने निवेशकों को संबोधित किया. इसके अलावा वह कोणार्क चक्र को भी देखने गए.

Foreign Minister on Cyprus visit
साइप्रस दौरे पर विदेश मंत्री
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Published : Dec 30, 2022, 10:27 PM IST

निकोसिया: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को साइप्रस में निवेशकों से कहा कि भारत वैश्विक समुदाय के लिए एक विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर है और वर्ष 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का भी लक्ष्य रखा गया है. साइप्रस के दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने यहां भारतीय उच्चायोग की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रौद्योगिकी एवं ढांचागत प्रगति ने दुनिया का ध्यान भारत में निवेश की ओर आकर्षित किया.

उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले साल करीब 21.4 करोड़ डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था. उन्होंने कहा कि साइप्रस पिछले 20 वर्षों में 12 अरब डॉलर के कुल निवेश के साथ भारत में 10वां सबसे बड़ा निवेशक है. भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान साइप्रस को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी जरूरी दवाओं के साथ लोहा, इस्पात, सिरेमिक उत्पाद और बिजली मशीनरी उत्पादों का निर्यात किया.

भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों के 60 साल पूरे होने के मौके पर यहां आए मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे की प्रगति के चलते भारत दुनिया में निवेश का प्रमुख गंतव्य बन गया है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने यूरोपीय संघ के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से बातचीत शुरू करने में साइप्रस की भूमिका की सराहना भी की.

उन्होंने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ एफटीए पर बातचीत वर्ष 2013 से ही स्थगित चल रही थी, लेकिन साइप्रस की सरकार ने इसे बहाल करने में मददगार भूमिका निभाई. जयशंकर ने इस बात पर बल दिया कि जी-20 समूह का अध्यक्ष रहते हुए भारत ऊर्जा, खाद्यान्न एवं उर्वरकों को किफायती बनाने एवं पहुंच आसान बनाने के मुद्दे पर काम करने का इरादा रखता है. भारत ने एक दिसंबर को ही इस समूह का नेतृत्व संभाला है.

कोणार्क चक्र भी देखने पहुंचे एस जयशंकर

इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान 'कोणार्क चक्र' देखने गए, जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है. गौरतलब है कि जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. दोनों देश अपने राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. विदेश मंत्री जयशंकर गुरुवार को 'कोणार्क चक्र' देखने गए, जिसे भारत ने वर्ष 2017 में साइप्रस को भेंट किया था.

साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष डेमेट्रियू से की मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से मुलाकात की और संसदीय परम्पराओं पर दिलचस्प बातचीत की. जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज ही यहां पहुंचे हैं. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे हो गए हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से मुलाकात करके बहुत अच्छा लगा. हमारी संसदीय परम्पराओं पर दिलचस्प बातचीत हुई.'

पढ़ें: एस जयशंकर पहुंचे निकोसिया, साइप्रस के साथ रक्षा सहयोग समझौते पर किए हस्ताक्षर

(पीटीआई-भाषा)

निकोसिया: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को साइप्रस में निवेशकों से कहा कि भारत वैश्विक समुदाय के लिए एक विनिर्माण केंद्र बनने की राह पर है और वर्ष 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का भी लक्ष्य रखा गया है. साइप्रस के दौरे पर पहुंचे जयशंकर ने यहां भारतीय उच्चायोग की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रौद्योगिकी एवं ढांचागत प्रगति ने दुनिया का ध्यान भारत में निवेश की ओर आकर्षित किया.

उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पिछले साल करीब 21.4 करोड़ डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था. उन्होंने कहा कि साइप्रस पिछले 20 वर्षों में 12 अरब डॉलर के कुल निवेश के साथ भारत में 10वां सबसे बड़ा निवेशक है. भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान साइप्रस को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल जैसी जरूरी दवाओं के साथ लोहा, इस्पात, सिरेमिक उत्पाद और बिजली मशीनरी उत्पादों का निर्यात किया.

भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय संबंधों के 60 साल पूरे होने के मौके पर यहां आए मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे की प्रगति के चलते भारत दुनिया में निवेश का प्रमुख गंतव्य बन गया है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने यूरोपीय संघ के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फिर से बातचीत शुरू करने में साइप्रस की भूमिका की सराहना भी की.

उन्होंने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ एफटीए पर बातचीत वर्ष 2013 से ही स्थगित चल रही थी, लेकिन साइप्रस की सरकार ने इसे बहाल करने में मददगार भूमिका निभाई. जयशंकर ने इस बात पर बल दिया कि जी-20 समूह का अध्यक्ष रहते हुए भारत ऊर्जा, खाद्यान्न एवं उर्वरकों को किफायती बनाने एवं पहुंच आसान बनाने के मुद्दे पर काम करने का इरादा रखता है. भारत ने एक दिसंबर को ही इस समूह का नेतृत्व संभाला है.

कोणार्क चक्र भी देखने पहुंचे एस जयशंकर

इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान 'कोणार्क चक्र' देखने गए, जो दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है. गौरतलब है कि जयशंकर 29 से 31 दिसंबर तक साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. दोनों देश अपने राजनयिक संबंध स्थापित होने की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. विदेश मंत्री जयशंकर गुरुवार को 'कोणार्क चक्र' देखने गए, जिसे भारत ने वर्ष 2017 में साइप्रस को भेंट किया था.

साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष डेमेट्रियू से की मुलाकात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साइप्रस की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से मुलाकात की और संसदीय परम्पराओं पर दिलचस्प बातचीत की. जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज ही यहां पहुंचे हैं. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे हो गए हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से मुलाकात करके बहुत अच्छा लगा. हमारी संसदीय परम्पराओं पर दिलचस्प बातचीत हुई.'

पढ़ें: एस जयशंकर पहुंचे निकोसिया, साइप्रस के साथ रक्षा सहयोग समझौते पर किए हस्ताक्षर

(पीटीआई-भाषा)

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