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एस जयशंकर पहुंचे निकोसिया, साइप्रस के साथ रक्षा सहयोग समझौते पर किए हस्ताक्षर

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Published : Dec 29, 2022, 10:40 PM IST

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद इन दिनों साइप्रस और ऑस्ट्रिया के दौरे पर हैं. अपने पहले पड़ाव के तौर पर वह इस वक्त साइप्रस में हैं और यहां उन्होंने साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस से मुलाकात की.

S Jaishankar reached Nicosia
एस जयशंकर पहुंचे निकोसिया

निकोसिया: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय संबंधों तथा यूक्रेन संकट जैसे परस्पर और वैश्विक हितों के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की. दोनों नेताओं ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज ही यहां पहुंचे हैं.

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे हो गए हैं. जयशंकर ने यात्रा के दौरान साइप्रस के अपने समकक्ष कासोउलिडेस से मुलाकात की और रक्षा तथा सैन्य सहयोग से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. साथ ही आव्रजन और गतिशीलता पर आशय पत्र के साथ ही साइप्रस के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों नेताओं ने विश्व शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी अपने विचार साझा किए. कासोउलिडेस ने कहा कि भारत और साइप्रस लोगों के संपर्क में विविधता लाने तथा उसे गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जयशंकर और कासोउलिडेस ने यूक्रेन संघर्ष तथा अफगानिस्तान में स्थिति जैसे कई वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की. जयशंकर ने कहा, 'विदेश मंत्री के तौर पर मेरी अपनी आधिकारिक यात्रा पर यहां आना खुशी की बात है और यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब हमारे कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे हो गए हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह खासतौर से गर्व की बात है और खुशी है कि इस मौके पर मैं यहां हूं.' उन्होंने कहा कि साइप्रस के समकक्ष से मुलाकात करना यह दिखाता है कि भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'भारत-साइप्रस की साझेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यह लोकतंत्र, विविधता, बहुलवाद और कानून के लिए सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित हैं.'

उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ रही विभिन्न अहम चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान खासतौर से उपयोगी है. अपने संबंध मजबूत करने तथा अन्य साझेदारों के साथ काम करते हुए हम दोनों साझा मूल्यों तथा साझा सिद्धांतों से मार्गदर्शित हैं. जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग, भू-राजनीतिक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर बहुत रचनात्मक चर्चा हुई. हमने अपने-अपने पड़ोसियों, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, यूरोप, भारत-यूरोपीय संघ संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.'

समझौतों को महत्वपूर्ण बताते हुए जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर गुरुवार को स्मारक टिकट जारी किए. जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग सभी को दिखायी दे रहा है और वे कोविड-19 महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ रही अहम चुनौतियों पर सहयोग करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा के साथ ही सतत विकास जैसे अहम मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत मानवीय सहायता, औषधि, टीके, अनाज और अन्य प्रकार की सहायता देने के लिए काम करने में अपने अन्य साझेदारों के साथ है.'

पढ़ें: कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा रेखा पर विदेश मंत्री के दावों पर सवाल उठाए

जयशंकर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता का भी जिक्र किया और कहा कि नई दिल्ली का प्रयास अधिक से अधिक देशों को बातचीत में शामिल करना है. साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर जयशंकर प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से भी भेंट करेंगे. जयशंकर का साइप्रस के कारोबारी एवं निवेश समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. इसके अलावा विदेश मंत्री यहां भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

निकोसिया: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को साइप्रस के अपने समकक्ष लोआनिस कासोउलिडेस से मुलाकात की और उनसे द्विपक्षीय संबंधों तथा यूक्रेन संकट जैसे परस्पर और वैश्विक हितों के मुद्दों पर सार्थक चर्चा की. दोनों नेताओं ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन समेत तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. जयशंकर साइप्रस की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर आज ही यहां पहुंचे हैं.

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे हो गए हैं. जयशंकर ने यात्रा के दौरान साइप्रस के अपने समकक्ष कासोउलिडेस से मुलाकात की और रक्षा तथा सैन्य सहयोग से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. साथ ही आव्रजन और गतिशीलता पर आशय पत्र के साथ ही साइप्रस के अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने पर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों नेताओं ने विश्व शांति, स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी अपने विचार साझा किए. कासोउलिडेस ने कहा कि भारत और साइप्रस लोगों के संपर्क में विविधता लाने तथा उसे गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जयशंकर और कासोउलिडेस ने यूक्रेन संघर्ष तथा अफगानिस्तान में स्थिति जैसे कई वैश्विक मुद्दों के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की. जयशंकर ने कहा, 'विदेश मंत्री के तौर पर मेरी अपनी आधिकारिक यात्रा पर यहां आना खुशी की बात है और यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब हमारे कूटनीतिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे हो गए हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह खासतौर से गर्व की बात है और खुशी है कि इस मौके पर मैं यहां हूं.' उन्होंने कहा कि साइप्रस के समकक्ष से मुलाकात करना यह दिखाता है कि भारत अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, 'भारत-साइप्रस की साझेदारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यह लोकतंत्र, विविधता, बहुलवाद और कानून के लिए सम्मान के हमारे साझा मूल्यों में निहित हैं.'

उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ रही विभिन्न अहम चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान खासतौर से उपयोगी है. अपने संबंध मजबूत करने तथा अन्य साझेदारों के साथ काम करते हुए हम दोनों साझा मूल्यों तथा साझा सिद्धांतों से मार्गदर्शित हैं. जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, 'हमारी द्विपक्षीय संबंधों, बहुपक्षीय सहयोग, भू-राजनीतिक और क्षेत्रीय चुनौतियों पर बहुत रचनात्मक चर्चा हुई. हमने अपने-अपने पड़ोसियों, हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया, यूरोप, भारत-यूरोपीय संघ संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.'

समझौतों को महत्वपूर्ण बताते हुए जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा और सैन्य सहयोग पर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने के मौके पर गुरुवार को स्मारक टिकट जारी किए. जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग सभी को दिखायी दे रहा है और वे कोविड-19 महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आ रही अहम चुनौतियों पर सहयोग करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा के साथ ही सतत विकास जैसे अहम मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत मानवीय सहायता, औषधि, टीके, अनाज और अन्य प्रकार की सहायता देने के लिए काम करने में अपने अन्य साझेदारों के साथ है.'

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जयशंकर ने भारत की जी-20 अध्यक्षता का भी जिक्र किया और कहा कि नई दिल्ली का प्रयास अधिक से अधिक देशों को बातचीत में शामिल करना है. साइप्रस की तीन दिवसीय यात्रा पर जयशंकर प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष अन्निता डेमेट्रियू से भी भेंट करेंगे. जयशंकर का साइप्रस के कारोबारी एवं निवेश समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. इसके अलावा विदेश मंत्री यहां भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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