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जवानों पर राहुल के बयान से उठा 'तूफान', जयशंकर बोले- ऐसी उम्मीद नहीं थी

भारतीय सैनिकों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में इस पर आश्चर्य व्यक्त किया. जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक आलोचना अपनी जगह है, लेकिन जवानों के लिए 'पिटाई' शब्द का प्रयोग बहुत ही दुखद है. राहुल ने कहा था कि एलएसी पर हमारे जवान की पिटाई हो रही है, पर सरकार कुछ नहीं कर रही है.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Dec 19, 2022, 6:27 PM IST

Updated : Dec 19, 2022, 11:06 PM IST

लोकसभा में भारत-चीन मुद्दे पर जवाब देते विदेश मंत्री एस जयशंकर

नई दिल्ली : चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाओं में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किसी को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए 'पिटाई' शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए.

लोकसभा में 'समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक, 2019' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा, हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि देश के जवान यांगत्से में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर डटे हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं.

जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा, 'जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उनका अपमान नहीं होना चाहिए. जवानों का सम्मान, आदर होना चाहिए और उनकी सराहना होनी चाहिए.' विदेश मंत्री ने कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाएं हो सकती हैं, उसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 'हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए.'

जयशंकर ने जी-20 की अध्यक्षता के संबंध में चौधरी के एक बयान पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक के दायरे से बाहर का विषय है, लेकिन 'मैं कहना चाहूंगा कि इस समय दुनिया भारतीय नेतृत्व की ओर निहार रही है. दुनिया भारत के नेतृत्व को महत्व देती है. कोई चीज बारी-बारी से मिल रही है, इसका अर्थ यह नहीं है कि उसका कोई महत्व नहीं है.'

इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा था कि जी 20 की भारत की अध्यक्षता का महिमामंडन किया जा रहा है और इसे लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि इसके सदस्यों को बारी-बारी से अध्यक्षता मिलती है. जयशंकर ने यह भी कहा, 'मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मैं न्यूयॉर्क में संयुक्त सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए गया था. यह भारत के लिए गर्व की बात है. संरा सुरक्षा परिषद में सुधार और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं.'

ये भी पढ़ें - लोकसभा में कांग्रेस सांसद ने कश्मीर में टारगेट किलिंग्स पर चर्चा की मांग की

लोकसभा में भारत-चीन मुद्दे पर जवाब देते विदेश मंत्री एस जयशंकर

नई दिल्ली : चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होने के कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान के परोक्ष संदर्भ में कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाओं में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किसी को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सैनिकों के लिए 'पिटाई' शब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए.

लोकसभा में 'समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक, 2019' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा, हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि देश के जवान यांगत्से में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर डटे हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं.

जयशंकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान की ओर परोक्ष इशारा करते हुए कहा, 'जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उनका अपमान नहीं होना चाहिए. जवानों का सम्मान, आदर होना चाहिए और उनकी सराहना होनी चाहिए.' विदेश मंत्री ने कहा कि राजनीतिक मतभेद और आलोचनाएं हो सकती हैं, उसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 'हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की निंदा नहीं करनी चाहिए.'

जयशंकर ने जी-20 की अध्यक्षता के संबंध में चौधरी के एक बयान पर जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक के दायरे से बाहर का विषय है, लेकिन 'मैं कहना चाहूंगा कि इस समय दुनिया भारतीय नेतृत्व की ओर निहार रही है. दुनिया भारत के नेतृत्व को महत्व देती है. कोई चीज बारी-बारी से मिल रही है, इसका अर्थ यह नहीं है कि उसका कोई महत्व नहीं है.'

इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा था कि जी 20 की भारत की अध्यक्षता का महिमामंडन किया जा रहा है और इसे लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है, जबकि इसके सदस्यों को बारी-बारी से अध्यक्षता मिलती है. जयशंकर ने यह भी कहा, 'मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि मैं न्यूयॉर्क में संयुक्त सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के लिए गया था. यह भारत के लिए गर्व की बात है. संरा सुरक्षा परिषद में सुधार और आतंकवाद निरोधक कार्रवाई दोनों ही महत्वपूर्ण विषय हैं.'

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Last Updated : Dec 19, 2022, 11:06 PM IST
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