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अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए रूस के एनएसए निकोले पेत्रुशेव भारत दौरे पर

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत के. डोभाल के निमंत्रण पर रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव जनरल निकोले पेत्रुशेव एक उच्च स्तरीय भारत-रूस अंतर-सरकारी परामर्श के लिए 7-8 सितंबर को भारत का दौरा कर रहे हैं.

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Published : Sep 7, 2021, 5:46 PM IST

नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत के. डोभाल के निमंत्रण पर रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव जनरल निकोले पेत्रुशेव मंगलवार शाम को नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं और कल बुधवार को भारत के एनएसए से मिलेंगे.

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया अफगानिस्तान में एक बड़े पैमाने पर अप्रत्याशित घटनाओं को देख रही है. जब तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में नियंत्रण हासिल कर लिया है. इससे पहले सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने काबुल के तालिबान अधिग्रहण के बीच अफगानिस्तान से कश्मीर में फैलने वाले आतंकवाद की चिंता साझा की.

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के बारे में चिंता साझा करते हैं और दोहराया कि किसी भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के अनुसार परामर्श इस साल 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का परिणाम है.

यह भी पढ़ें-अफगानिस्तान बन सकता है चरमपंथी समूहों के बीच प्रतिस्पर्धा का रंगमंच : विशेषज्ञ

दोनों नेताओं ने यह विचार व्यक्त किया है कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के लिए एक साथ काम करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अफगानिस्तान पर संपर्क में रहने का निर्देश दिया.

नई दिल्ली : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत के. डोभाल के निमंत्रण पर रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के सचिव जनरल निकोले पेत्रुशेव मंगलवार शाम को नई दिल्ली पहुंचने वाले हैं और कल बुधवार को भारत के एनएसए से मिलेंगे.

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया अफगानिस्तान में एक बड़े पैमाने पर अप्रत्याशित घटनाओं को देख रही है. जब तालिबान ने युद्धग्रस्त देश में नियंत्रण हासिल कर लिया है. इससे पहले सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने काबुल के तालिबान अधिग्रहण के बीच अफगानिस्तान से कश्मीर में फैलने वाले आतंकवाद की चिंता साझा की.

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के बारे में चिंता साझा करते हैं और दोहराया कि किसी भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के अनुसार परामर्श इस साल 24 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का परिणाम है.

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दोनों नेताओं ने यह विचार व्यक्त किया है कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के लिए एक साथ काम करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अफगानिस्तान पर संपर्क में रहने का निर्देश दिया.

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