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One Year Of Russia Ukraine War : यूक्रेनी नागरिकों ने की शांति की उम्मीद, कहा-रूसी सैनिक जल्द वापस जाएं

यूक्रेन पर रूस के हमले का एक साल पूरा हो गया है. इस एक साल में जनहानि होने के साथ ही काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ है. हमले के विरोध में यूक्रेन के नागरिक भारत में यूक्रेन के दूतावास पर इकट्ठा हुए. यूक्रेन के नागरिकों ने मांग की कि रूस जल्द अपनी सेना वापस बुलाए. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट (One Year Of Russia Ukraine War).

One Year Of Russia Ukraine War
रूसी नागरिक
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Published : Feb 24, 2023, 10:16 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 6:19 AM IST

यूक्रेन संघर्ष

नई दिल्ली: यूक्रेन के नागरिक शुक्रवार को दिल्ली में रूस-यूक्रेन संघर्ष की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए यहां यूक्रेन दूतावास में एकत्र हुए. आज से ठीक एक साल पहले यूक्रेन पर रूस ने आक्रमण किया था. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में अब तक का सबसे बड़ा युद्ध है, जिसके कारण भारी तबाही हुई, लोगों की जानें गईं, आर्थिक नुकसान होने के साथ ही वैश्विक ऊर्जा संकट पैदा हुआ है. युद्ध के बाद लगभग 80 लाख यूक्रेनियन भाग गए. युद्ध के दुष्परिणाम न केवल यूरोप में देखे जा रहे हैं बल्कि भू-राजनीति, ऊर्जा या अर्थशास्त्र के मामले में युद्ध के परिणामों को पूरी दुनिया ने भुगता है (One Year Of Russia Ukraine War).

19 साल से भारत में रह रही यूक्रेन की रहने वाली तेत्याना मलिक (Tetyana Malik) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'अगर हम यूक्रेन और रूस के इतिहास में वापस जाएं, तो इसकी शुरुआत कई सदियों पहले हुई थी. रूस यूक्रेनी क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहता था क्योंकि कीव के बिना उनके पास इतिहास नहीं है.'

तेत्याना ने कहा, 'मैं राजनीति के खेल के बारे में बहुत अच्छी तरह से नहीं जानती लेकिन पिछले 10 से अधिक वर्षों में यूक्रेन ने यूरोप की ओर बढ़ना शुरू कर दिया क्योंकि रूस की संस्कृति की तुलना में यूरोप हमारे अधिक निकट है. युद्ध ने दिखाया है कि आजादी के चाहने वाले आजादी के बिना नहीं रह सकते और पिछले साल 24 फरवरी को जो हुआ वह यह है कि 'हम अपनी आजादी के लिए लड़ने लगे'.

उन्होंने कहा कि 'यूक्रेनी लोगों के लिए कोई बातचीत नहीं है. यहां तक ​​​​कि अगर सरकार बातचीत शुरू करती है, तब भी हम लड़ते रहेंगे क्योंकि जब तक रूस आत्मसमर्पण नहीं करता है या सैनिकों को स्थानांतरित नहीं करता है, बातचीत करने और रूसियों के साथ शांति का रास्ता खोजने का कोई अन्य बिंदु नहीं है. क्योंकि वे शांति नहीं देखते हैं. वे (रूसी) फिर से शुरुआत करने के लिए ब्रेक ले सकते हैं. रूस दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता था लेकिन अब हम देख रहे हैं कि ऐसा नहीं है.'

कुछ ऐसा ही कहना है 23 साल से दिल्ली में रहने वाली यूक्रेनी नागरिक मरीना का. उन्होंने यूक्रेन में सभी लोगों को अपनी मूल भाषा में एक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि 'हम अपनी जमीन से दूर हो सकते हैं लेकिन हम यूक्रेन के सभी लोगों के साथ खड़े हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे. हम हार नहीं सकते क्योंकि हम आजादी के लिए लड़ रहे हैं. हम रूस का हिस्सा नहीं बनना चाहते क्योंकि उक्रेनियों के रूप में हमारी अपनी पहचान है. हम एक स्वतंत्र देश हैं जिसकी अपनी भाषा और संस्कृति है.' उन्होंने कहा कि 'रूस की सेना यूक्रेन से बाहर जाए. उम्मीद है कि जल्द ही कायम होगी.'

कई वर्षों से दिल्ली में रह रही, कीव की मूल निवासी इवान ने यूक्रेन के समर्थन में आने के लिए भारत सहित देशों को धन्यवाद दिया और संघर्ष को जल्द समाप्त करने का आग्रह किया. वह उम्मीद करती हैं कि जल्द ही शांति हो. इससे पहले आज, यूरोप में संघर्ष के एक साल पूरे होने पर यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा,' क्रूर रूसी आक्रमण का एक वर्ष. वीर यूक्रेनी प्रतिरोध और यूरोपीय एकजुटता का एक वर्ष. हमारे आगे एकता का भविष्य है. आप स्वतंत्रता के लिए, लोकतंत्र के लिए, और यूरोपीय संघ में अपनी जगह के लिए लड़ रहे हैं, जब तक यह लगता है हम आपके साथ हैं.'

रूसी आक्रमण के एक वर्ष पूरा होने के मद्देनजर दिल्ली में यूक्रेन दूतावास में एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी जिसमें युद्ध का चित्रण किया गया था. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, युद्ध में कम से कम 7,199 नागरिक मारे गए हैं और हजारों अन्य घायल हुए हैं. 130 लाख से अधिक लोगों को शरणार्थी बनाया गया. इस बीच भारत एक बार फिर यूएनजीए में वोट करने से दूर रहा.

पढ़ें- Russia and Ukraine War: युद्ध समाप्ति के लिए रूसी नागरिकों ने किया यज्ञ, हरिद्वार में मां गंगा से की प्रार्थना

यूक्रेन संघर्ष

नई दिल्ली: यूक्रेन के नागरिक शुक्रवार को दिल्ली में रूस-यूक्रेन संघर्ष की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए यहां यूक्रेन दूतावास में एकत्र हुए. आज से ठीक एक साल पहले यूक्रेन पर रूस ने आक्रमण किया था. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में अब तक का सबसे बड़ा युद्ध है, जिसके कारण भारी तबाही हुई, लोगों की जानें गईं, आर्थिक नुकसान होने के साथ ही वैश्विक ऊर्जा संकट पैदा हुआ है. युद्ध के बाद लगभग 80 लाख यूक्रेनियन भाग गए. युद्ध के दुष्परिणाम न केवल यूरोप में देखे जा रहे हैं बल्कि भू-राजनीति, ऊर्जा या अर्थशास्त्र के मामले में युद्ध के परिणामों को पूरी दुनिया ने भुगता है (One Year Of Russia Ukraine War).

19 साल से भारत में रह रही यूक्रेन की रहने वाली तेत्याना मलिक (Tetyana Malik) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 'अगर हम यूक्रेन और रूस के इतिहास में वापस जाएं, तो इसकी शुरुआत कई सदियों पहले हुई थी. रूस यूक्रेनी क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहता था क्योंकि कीव के बिना उनके पास इतिहास नहीं है.'

तेत्याना ने कहा, 'मैं राजनीति के खेल के बारे में बहुत अच्छी तरह से नहीं जानती लेकिन पिछले 10 से अधिक वर्षों में यूक्रेन ने यूरोप की ओर बढ़ना शुरू कर दिया क्योंकि रूस की संस्कृति की तुलना में यूरोप हमारे अधिक निकट है. युद्ध ने दिखाया है कि आजादी के चाहने वाले आजादी के बिना नहीं रह सकते और पिछले साल 24 फरवरी को जो हुआ वह यह है कि 'हम अपनी आजादी के लिए लड़ने लगे'.

उन्होंने कहा कि 'यूक्रेनी लोगों के लिए कोई बातचीत नहीं है. यहां तक ​​​​कि अगर सरकार बातचीत शुरू करती है, तब भी हम लड़ते रहेंगे क्योंकि जब तक रूस आत्मसमर्पण नहीं करता है या सैनिकों को स्थानांतरित नहीं करता है, बातचीत करने और रूसियों के साथ शांति का रास्ता खोजने का कोई अन्य बिंदु नहीं है. क्योंकि वे शांति नहीं देखते हैं. वे (रूसी) फिर से शुरुआत करने के लिए ब्रेक ले सकते हैं. रूस दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनना चाहता था लेकिन अब हम देख रहे हैं कि ऐसा नहीं है.'

कुछ ऐसा ही कहना है 23 साल से दिल्ली में रहने वाली यूक्रेनी नागरिक मरीना का. उन्होंने यूक्रेन में सभी लोगों को अपनी मूल भाषा में एक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि 'हम अपनी जमीन से दूर हो सकते हैं लेकिन हम यूक्रेन के सभी लोगों के साथ खड़े हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे. हम हार नहीं सकते क्योंकि हम आजादी के लिए लड़ रहे हैं. हम रूस का हिस्सा नहीं बनना चाहते क्योंकि उक्रेनियों के रूप में हमारी अपनी पहचान है. हम एक स्वतंत्र देश हैं जिसकी अपनी भाषा और संस्कृति है.' उन्होंने कहा कि 'रूस की सेना यूक्रेन से बाहर जाए. उम्मीद है कि जल्द ही कायम होगी.'

कई वर्षों से दिल्ली में रह रही, कीव की मूल निवासी इवान ने यूक्रेन के समर्थन में आने के लिए भारत सहित देशों को धन्यवाद दिया और संघर्ष को जल्द समाप्त करने का आग्रह किया. वह उम्मीद करती हैं कि जल्द ही शांति हो. इससे पहले आज, यूरोप में संघर्ष के एक साल पूरे होने पर यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा,' क्रूर रूसी आक्रमण का एक वर्ष. वीर यूक्रेनी प्रतिरोध और यूरोपीय एकजुटता का एक वर्ष. हमारे आगे एकता का भविष्य है. आप स्वतंत्रता के लिए, लोकतंत्र के लिए, और यूरोपीय संघ में अपनी जगह के लिए लड़ रहे हैं, जब तक यह लगता है हम आपके साथ हैं.'

रूसी आक्रमण के एक वर्ष पूरा होने के मद्देनजर दिल्ली में यूक्रेन दूतावास में एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी जिसमें युद्ध का चित्रण किया गया था. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, युद्ध में कम से कम 7,199 नागरिक मारे गए हैं और हजारों अन्य घायल हुए हैं. 130 लाख से अधिक लोगों को शरणार्थी बनाया गया. इस बीच भारत एक बार फिर यूएनजीए में वोट करने से दूर रहा.

पढ़ें- Russia and Ukraine War: युद्ध समाप्ति के लिए रूसी नागरिकों ने किया यज्ञ, हरिद्वार में मां गंगा से की प्रार्थना

Last Updated : Feb 25, 2023, 6:19 AM IST
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