नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को कहा कि भारत सरकार को 'यूक्रेन पर रूसी आक्रमण' की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए और इस बार वो गलती नहीं करनी चाहिए जो अतीत में सोवियत संघ द्वारा कई देशों पर हमले के समय उसकी निंदा नहीं करके की गई थी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट कर यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया तेज करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा, यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीयों की जिंदगी सबसे अहम है, सरकार को भारतीयों को वापस लाने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिए.
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The safety of 20,000 Indians stranded in Ukraine is paramount.
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सत्ता परिवर्तन में भारत शामिल नहीं
पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी (former Union Minister Manish Tewari) ने ट्वीट किया, 'भारत को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए. ऐसे समय आते हैं जब आपको अपने 'मित्रों' को यह बताने की जरूरत होती कि वे सत्ता परिवर्तन कराने में शामिल नहीं हों.'
रूस की वाजिब सुरक्षा चिंताएं स्वीकार
कांग्रेस पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह यूक्रेन में रूस से अपनी कार्रवाई पर विराम लगाने के लिए कहे. थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'तो रूस सत्ता परिवर्तन के लिए अभियान चला रहा है. भारत को ऐसे दखल का निरंतर विरोध करना चाहिए था. वह कब तक चुप रह सकता है? कोई भी रूस की वाजिब सुरक्षा चिंताओं को स्वीकारेगा, लेकिन युद्ध शुरू करने को स्वीकार्य या उचित नहीं ठहराया जा सकता. हमें यह मांग करनी चाहिए कि रूस रुक जाए.'
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के मॉस्को दौरे को लेकर थरूर ने कहा, 'अगर इमरान खान में जरा भी आत्मसम्मान है तो उन्हें वही करना चाहिए था जो (अटल बिहारी)वाजपेयी साहब ने 1979 में किया था जब उन्होंने वियतनाम पर हमले करने वाले चीन का दौरा रद्द कर दिया था और स्वदेश लौट आए थे. अगर इमरान ऐसा नहीं करते हैं जो माना जाएगा कि वह भी आक्रमण में संलिप्त हैं.' कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने भी मोदी सरकार से यूक्रेन के पक्ष में खड़े होने की अपील की.
सुरजेवाला ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर यूक्रेन संकट का जिक्र किया. उन्होंने कहा, भारत सरकार का कहना है कि यूक्रेन में फंसे हमारे 20,000 भारतीय जहां हैं वहीं रहें. चुनावी रैली का जिक्र कर सुरजेवाला ने कहा, क्योंकि सरकार अभी चुनाव लड़ने में व्यस्त है ? उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री जी, आप सभी का ख़याल करने की बजाय चुनावी रैलियों में हवा भर रहे हैं. मगर हम देशवासी आप सभी की सकुशलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
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सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधा और कहा, हर मुश्किल वक्त में मुंह फेर लेना.. और चुप्पी साध लेना ही मोदी सरकार की आदत बन गयी है. उन्होंने कहा, हमारे 20,000 भारतीय युवा भय, आशंका और जीवन पर ख़तरे की स्थिति से जूझने को मजबूर हैं. उन्होंने सवाल किया, समय रहते उन्हें सकुशल लाने का इंतजाम क्यों नहीं किया ? क्या यही 'आत्मनिर्भर' मिशन है ?
पीएम मोदी के लॉकडाउन के फैसले का परोक्ष जिक्र कर सुरजेवाला ने कहा, कोरोना में उनके 'ऐलान' ने लोगों को ज़िंदगी बचाने के लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा, अब 'ख़ामोशी' ने यूक्रेन में जिंदगी और मौत के बीच फंसे 20000 भारतीय युवाओं को ख़तरे में डाल दिया है. क्या मुश्किल में देश के लोगों से मुँह मोड़ लेना ही 'मोदी मॉडल' का समाधान है ?