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कोरोना वायरस को दूर भगाने के लिए सखी दीदियों के उठाया बीड़ा

झारखंड के पाकुड़ जिले में ग्रामीण महिलाओं ने कोरोना संक्रमण से अपने गांव के लोगों को बचाने का बीड़ा उठाया है. ये महिलाएं गांव के लाचार, बीमार और वृद्ध लोगों को कोरोना टीकाकरण केंद्र तक लाने और टीका लगवाने का काम कर रही हैं. इसकी पहल प्रशासन की ओर से की गई है. इस काम से ये महिलाएं आजीविका भी कमा रही हैं.

कोरोना वायरस
कोरोना वायरस
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Published : Mar 25, 2021, 10:21 PM IST

रांची : झारखंड के कम महिला साक्षरता दर वाले पाकुड़ जिले की आधी आबादी कोरोना को हराने और भगाने की शासन प्रशासन की मुहिम में कदम से कदम मिलाकर चल रही है. रोजमर्रा के काम कर अपने और परिवार का भरण पोषण करने वाली जिले की आधी आबादी ने कोरोना संक्रमण को हराने और भगाने का एक तरह से बीड़ा उठा लिया है.

यही वजह है कि ग्रामीण महिलाएं अपने-अपने गांव के लाचार और बेबस बीमार वृद्ध लोगों को कोरोना टीकाकरण सेंटर तक लाने और उन्हें कोरोना का टीका लगवाने के काम में इन दिनों पूरी मेहनत और लगन के साथ जुड़ गई हैं. यह सब हुआ है पाकुड़ जिला प्रशासन की सूझबूझ और गांव की महिलाओं के सामूहिक प्रयास से.

देखें स्पेशल स्टोरी

कोरोना संक्रमण से बचाने का काम
झारखंड के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिले की महिलाएं दूसरे जिलों के मुकाबले शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ी हुई हैं, लेकिन इनकी हिम्मत और लगन ने पढ़ी-लिखी महिलाओं को कोरोना संक्रमण के इस दौर में पीछे छोड़ दिया है.

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की ओर से संचालित सखी मंडलों से जुड़ी वैसी ग्रामीण महिलाएं जो अपने घर का कामकाज निपटाने के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए रोजी रोजगार कर रही हैं. वह अब समय बचा कर कोरोना संक्रमण से अपने गांव के लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.

स्कूटी वाली दीदी
स्कूटी वाली दीदी

टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में दे रहीं साथ
गांव की ये महिलाएं कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने, प्रशासन की तरफ से संक्रमितों को समुचित इलाज मुहैया कराने की न केवल जानकारी दे रही हैं, बल्कि जिले में कोरोना वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रशासन का सहयोग भी कर रही हैं. कुछ तो दीदियां स्कूटी से बुजुर्ग और बीमार से ग्रसित महिला-पुरुषों को वैक्सीनेशन सेंटर पर लाकर उन्हें टीका लगवा रही हैं और सकुशल उन्हें घर पहुंचाने का भी काम कर रही हैं.

पाकुड़ में वैक्सीनेशन
पाकुड़ में वैक्सीनेशन

यह भी पढ़ें- ट्रैक्टर के नीचे आधे घंटे फंसा रहा चालक, देखें कैसे निकला बाहर

गांव की आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका सहायिका और सहिया भी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने में अपना भरपूर सहयोग दे रही हैं. जिले की आदिम जनजाति पहाड़िया आदिवासी बहुल गांव की ग्रामीण महिलाएं पूरे जोश और खरोश के साथ कोरोना वैक्सिनेशन के कार्य को पूरा करने में जुटी हुई हैं.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक 23 मार्च तक जिले के पाकुड़ सदर प्रखंड में 9200, हिरणपुर प्रखंड में 5600, लिट्टीपाड़ा प्रखंड में 5650, अमड़ापाड़ा प्रखंड में 4550, महेशपुर प्रखंड में 9990 और पाकुड़िया प्रखंड में 7900 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है.

रांची : झारखंड के कम महिला साक्षरता दर वाले पाकुड़ जिले की आधी आबादी कोरोना को हराने और भगाने की शासन प्रशासन की मुहिम में कदम से कदम मिलाकर चल रही है. रोजमर्रा के काम कर अपने और परिवार का भरण पोषण करने वाली जिले की आधी आबादी ने कोरोना संक्रमण को हराने और भगाने का एक तरह से बीड़ा उठा लिया है.

यही वजह है कि ग्रामीण महिलाएं अपने-अपने गांव के लाचार और बेबस बीमार वृद्ध लोगों को कोरोना टीकाकरण सेंटर तक लाने और उन्हें कोरोना का टीका लगवाने के काम में इन दिनों पूरी मेहनत और लगन के साथ जुड़ गई हैं. यह सब हुआ है पाकुड़ जिला प्रशासन की सूझबूझ और गांव की महिलाओं के सामूहिक प्रयास से.

देखें स्पेशल स्टोरी

कोरोना संक्रमण से बचाने का काम
झारखंड के अंतिम छोर में बसे पाकुड़ जिले की महिलाएं दूसरे जिलों के मुकाबले शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ी हुई हैं, लेकिन इनकी हिम्मत और लगन ने पढ़ी-लिखी महिलाओं को कोरोना संक्रमण के इस दौर में पीछे छोड़ दिया है.

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की ओर से संचालित सखी मंडलों से जुड़ी वैसी ग्रामीण महिलाएं जो अपने घर का कामकाज निपटाने के बाद आत्मनिर्भर बनने के लिए रोजी रोजगार कर रही हैं. वह अब समय बचा कर कोरोना संक्रमण से अपने गांव के लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.

स्कूटी वाली दीदी
स्कूटी वाली दीदी

टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने में दे रहीं साथ
गांव की ये महिलाएं कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने, प्रशासन की तरफ से संक्रमितों को समुचित इलाज मुहैया कराने की न केवल जानकारी दे रही हैं, बल्कि जिले में कोरोना वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रशासन का सहयोग भी कर रही हैं. कुछ तो दीदियां स्कूटी से बुजुर्ग और बीमार से ग्रसित महिला-पुरुषों को वैक्सीनेशन सेंटर पर लाकर उन्हें टीका लगवा रही हैं और सकुशल उन्हें घर पहुंचाने का भी काम कर रही हैं.

पाकुड़ में वैक्सीनेशन
पाकुड़ में वैक्सीनेशन

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गांव की आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका सहायिका और सहिया भी वैक्सीनेशन के लक्ष्य को हासिल करने में अपना भरपूर सहयोग दे रही हैं. जिले की आदिम जनजाति पहाड़िया आदिवासी बहुल गांव की ग्रामीण महिलाएं पूरे जोश और खरोश के साथ कोरोना वैक्सिनेशन के कार्य को पूरा करने में जुटी हुई हैं.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक 23 मार्च तक जिले के पाकुड़ सदर प्रखंड में 9200, हिरणपुर प्रखंड में 5600, लिट्टीपाड़ा प्रखंड में 5650, अमड़ापाड़ा प्रखंड में 4550, महेशपुर प्रखंड में 9990 और पाकुड़िया प्रखंड में 7900 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है.

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