नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्रालय का ग्रामीण विकास विभाग (Ministry for Rural Development), अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International women's day 2022) के सप्ताह के दौरान 7 से 13 मार्च तक भारत में ग्रामीण महिलाओं के योगदान का समारोह मनाने के लिए 'नए भारत की नारी' (Naye Bharat Ki Nari) है अभियान चलाएगा. इस पूरे एक सप्ताह के दौरान, ग्रामीण विकास विभाग ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समारोह के कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक श्रृंखला अयोजित करने की योजना बनाई है. इस प्रतिष्ठित सप्ताह का प्रत्येक दिन एक उप-विषय को समर्पित किया गया है, जो ग्रामीण महिलाओं द्वारा उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने, उनके द्वारा तोड़े गए सामाजिक बंधनों या उन मुद्दों का स्मरण कराता है, जहां ग्रामीण महिलाओं ने अन्य मंत्रालयों और राज्यों के सहयोग से तथा मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई सहायता से अच्छा प्रदर्शन किया है.
मंगलवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के अलग-अलग राज्यों से आई ऐसी महिलाओं को सम्मानित किया गया जो सेल्फ हैल्प ग्रुप से जुड़ कर न केवल आत्मनिर्भर बनी बल्की अब उनकी आमदनी एक लाख या उससे भी ज्यादा है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अब ऐसी महिलाओं की संख्या अगले दो सालों में बढ़ा कर 10 करोड़ करने का लक्ष्य रखा है. महिला दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बतौर मुख्य अतिथी संबोधित करते हुए कहा कि देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में आठ करोड़ से ज्यादा महिलाएं हैं जो स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हैं. लेकिन आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सांकेतिक रूप से इनमें से कुछ महिलाओं को सम्मानित करने का काम किया है. देश के प्रधानमंत्री ने एक सपना देखा था जिसे मिशन एक लाख के रूप में अब शुरू किया गया है. इसका लक्ष्य होगा कि सेल्फ हैल्प ग्रुप से जुड़ी प्रत्येक महिला की आमदनी कम से कम एक लाख रुपए होनी चाहिए. वर्ष 2014 तक इन महिलाओं की संख्या केवल 2 करोड़ 35 लाख थी लेकिन आज यह बढ़ कर आठ करोड़ हो गई है. जो बैंक लिंकेज पहले 80 हजार करोड़ था वह अब बढ़ कर 4 लाख 75 हजार करोड़ हो गया है.
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एक सप्ताह चलने वाले इस समारोह के दौरान, प्रत्येक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) महिला प्रशिक्षुओं का एक बैच शुरू करेगा, प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में 1 लाख से अधिक अर्जित करने वाले 75 स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को सम्मानित करेगा, प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 75 महिला लाभार्थियों के गृह प्रवेश का आयोजन करेगा, डीएवाई-एनआरएलएम के तहत ग्रामीण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं राज्यों के 75 जिलों में स्वच्छता अभियान चलाएंगी, प्रत्येक जिला एसबीएम-जी के तहत समग्रता के माध्यम से पीएमएवाई-जी के तहत शौचालयों का निर्माण करने के लिए 750 ग्रामीण महिला लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. इन कार्यक्रमों की योजना 'जनभागीदारी' सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है ताकि इन समारोहों को ग्रामीण स्तर तक और संपूर्ण ग्रामीण आबादी तक ले जाया जा सके.
9 मार्च को प्रत्येक राज्य व केंद्र शासित प्रदेश दीनदयाल अंत्योदय- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत 1 लाख रुपये से अधिक अर्जित करने वाले 75 स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को सम्मानित करेगा. देशभर में 75 महिलाओं (एकल या संयुक्त रूप से) को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के आवासों की मंजूरी प्रदान करेगा. वहीं 10 मार्च को दीनदयाल अंत्योदय- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत जिला,ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर वृक्षारोपण और कृषि-पोषक उद्यान अभियान का ऑन-ग्राउंड अभियान शुरू किया जाएगा. पोषण के महत्व पर दीन दयाल उपाध्याय - ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) के प्रशिक्षुओं द्वारा रैली का आयोजन किया जाएगा.
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इसके बाद 11 मार्च को दीनदयाल अंत्योदय - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर पोषण के बारे में जेंडर संवाद का आयोजन किया जाएगा. महात्मा गांधी नरेगा के तहत आजीविका के अवसर उपलब्ध कराई जाने वाली और सफलता हासिल करने वाली 75 महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. इसके बाद 12 मार्च को बेहतर भविष्य के लिए जल संसाधनों को सुरक्षित करना - महिला महात्मा गांधी नरेगा कामगारों द्वारा तालाबों, झीलों, जल धारा और अन्य जल निकायों का सफाई अभियान के तहत- प्रत्येक जिला एसबीएम-जी के तहत समग्रता के माध्यम से शौचालयों का निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 750 ग्रामीण महिला लाभार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगा.
इसके साथ ही 13 मार्च को दीनदयाल अंत्योदय- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत सामाजिक समावेश, सामाजिक विकास और लिंग संबंधी मुद्दों पर काम करने वाले स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के अनुभव साझा करने और उन्हें सम्मानित करने के बारे में राज्य स्तर पर वेबिनार व कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) के तहत प्रशिक्षित महिलाओं को पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा.