ETV Bharat / bharat

डॉलर के मुकाबले लुढ़कते रुपये से बढ़ रहा है भारत का आयात बिल, जानिए आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर - रुपया

पिछले कई दिनों से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर हुआ है. फेडरल रिजर्व ने हाल ही में बेंचमार्क फंड रेट्स में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. जिसके कारण डॉलर मजबूत हुआ है. एक्सपर्ट का मानना है कि लगातार कमजोर हो रहे रुपये का असर आम लोगों की जेब पर भी पड़ेगा.

rupee hits all time low
rupee hits all time low
author img

By

Published : May 10, 2022, 4:32 PM IST

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपये लगातार कमजोर हो रहा है. सोमवार को रुपया रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 77.5 रुपये हो गई थी. हालांकि ऑल टाइम लो होने के बाद मंगलवार को रुपये में थोड़ी मजबूती आई और यह 77.33 पर पहुंच गया. एक्सपर्ट के मुताबिक, रुपये में यह सुधार टिकाऊ नहीं मानी जा रही है. भारतीय रूपये का आधिकारिक अवमूल्यन नहीं हुआ है बल्कि डिमांड बढ़ने से अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ी है, जिसके कारण विनिमय दर में यह अंतर आया है. तेल आयात पर खर्च का लगातार बढ़ने, भारी मात्रा में सोने और विलासिता वाले सामान के आयात बढ़ने के कारण डॉलर मजबूत हुआ है. इसके अलावा अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ओर से महंगाई पर काबू करने के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की संभावना से डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. निवेशकों का यूएस के बॉन्ड में भी भरोसा बढ़ा है, इसका फायदा डॉलर को मिल रहा है.

एक्सपर्टस का मानना है कि अभी रुपये की कीमत में गिरावट बनी रहेगी, कमजोर एशियाई करेंसीज, महंगाई और घटती विदेशी मुद्रा का असर रुपये पर दिखेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता और भारतीय रिजर्व बैंक के सीमित हस्तक्षेप के कारण के कारण आने वाले समय में एक डॉलर का मूल्य 78 रुपये तक पहुंच सकता है. ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय रुपये की कीमत गिरी है, एशिया के कई देशों की करेंसी भी कमजोर हुई है. ग्लोबल मार्केट में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मंदी की चिंता हावी हो गई है. मुद्रास्फीति को लेकर बढ़ी चिंताओं के कारण निवेशक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम हो रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार घटकर पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है. लगातार आठ हफ्ते से इसमें गिरावट हो रही है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी क्रूड ऑयल आयात करता है, इस कारण देश के इंपोर्ट बिल में भी इजाफा होगा. विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च होने के कारण फॉरेन रिजर्व भी कम होगा. साथ ही देश में महंगाई बढ़ जाएगी. खासकर वे सारी चीजें महंगी हो जाएंगी, जिसका भारत आयात करता है.

माना जा रहा है कि भारत सोना, इलेक्ट्रिक आइमटम्स, कच्चा तेल, खाद्य तेल, फर्टिलाइजर का सबसे बड़ा आयातक है यानी ये सब रुपये के कमजोर होते ही महंगे हो जाएंगे. भारत की अधिकतक कंपनियां विदेशों से कच्चे माल का आयात करती है और इसके लिए डॉलर में भुगतान करती है. यानी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू कम होने के बाद इन कंपनियों आयात के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इससे उत्पादन लागत बढ़ेगा, जिससे संबंधित सामान की कीमतें भी बढ़ जाएंगी. घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ेंगी. इसका असर रोजमर्रा की चीजों की कीमतों पर पड़ सकता है. इसके अलावा विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों का खर्च 15 फीसदी तक बढ़ जाएगा. विदेशों में सैर-सपाटे के लिए अब ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेगे.

भारत चाय, चावल, दवा और कपड़े का निर्यात करता है. इन सेक्टर्स में काम करने वाले कारोबारियों को इसका फायदा मिलेगा. इसके अलावा भारतीय आईटी सेक्टर को भी रुपये की कीमत लुढ़कने का फायदा मिलेगा क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में कंपनियां डॉलर में ही सौदा करती हैं.

पढ़ें : ये हैं दुनिया की 9 दमदार करेंसी, जिसके सामने अमेरिकी डॉलर भी है 'छोटू '

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपये लगातार कमजोर हो रहा है. सोमवार को रुपया रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था. एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 77.5 रुपये हो गई थी. हालांकि ऑल टाइम लो होने के बाद मंगलवार को रुपये में थोड़ी मजबूती आई और यह 77.33 पर पहुंच गया. एक्सपर्ट के मुताबिक, रुपये में यह सुधार टिकाऊ नहीं मानी जा रही है. भारतीय रूपये का आधिकारिक अवमूल्यन नहीं हुआ है बल्कि डिमांड बढ़ने से अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ी है, जिसके कारण विनिमय दर में यह अंतर आया है. तेल आयात पर खर्च का लगातार बढ़ने, भारी मात्रा में सोने और विलासिता वाले सामान के आयात बढ़ने के कारण डॉलर मजबूत हुआ है. इसके अलावा अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ओर से महंगाई पर काबू करने के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की संभावना से डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है. निवेशकों का यूएस के बॉन्ड में भी भरोसा बढ़ा है, इसका फायदा डॉलर को मिल रहा है.

एक्सपर्टस का मानना है कि अभी रुपये की कीमत में गिरावट बनी रहेगी, कमजोर एशियाई करेंसीज, महंगाई और घटती विदेशी मुद्रा का असर रुपये पर दिखेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता और भारतीय रिजर्व बैंक के सीमित हस्तक्षेप के कारण के कारण आने वाले समय में एक डॉलर का मूल्य 78 रुपये तक पहुंच सकता है. ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय रुपये की कीमत गिरी है, एशिया के कई देशों की करेंसी भी कमजोर हुई है. ग्लोबल मार्केट में ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मंदी की चिंता हावी हो गई है. मुद्रास्फीति को लेकर बढ़ी चिंताओं के कारण निवेशक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम हो रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार घटकर पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है. लगातार आठ हफ्ते से इसमें गिरावट हो रही है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी क्रूड ऑयल आयात करता है, इस कारण देश के इंपोर्ट बिल में भी इजाफा होगा. विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च होने के कारण फॉरेन रिजर्व भी कम होगा. साथ ही देश में महंगाई बढ़ जाएगी. खासकर वे सारी चीजें महंगी हो जाएंगी, जिसका भारत आयात करता है.

माना जा रहा है कि भारत सोना, इलेक्ट्रिक आइमटम्स, कच्चा तेल, खाद्य तेल, फर्टिलाइजर का सबसे बड़ा आयातक है यानी ये सब रुपये के कमजोर होते ही महंगे हो जाएंगे. भारत की अधिकतक कंपनियां विदेशों से कच्चे माल का आयात करती है और इसके लिए डॉलर में भुगतान करती है. यानी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू कम होने के बाद इन कंपनियों आयात के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे. इससे उत्पादन लागत बढ़ेगा, जिससे संबंधित सामान की कीमतें भी बढ़ जाएंगी. घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ेंगी. इसका असर रोजमर्रा की चीजों की कीमतों पर पड़ सकता है. इसके अलावा विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों का खर्च 15 फीसदी तक बढ़ जाएगा. विदेशों में सैर-सपाटे के लिए अब ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेगे.

भारत चाय, चावल, दवा और कपड़े का निर्यात करता है. इन सेक्टर्स में काम करने वाले कारोबारियों को इसका फायदा मिलेगा. इसके अलावा भारतीय आईटी सेक्टर को भी रुपये की कीमत लुढ़कने का फायदा मिलेगा क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में कंपनियां डॉलर में ही सौदा करती हैं.

पढ़ें : ये हैं दुनिया की 9 दमदार करेंसी, जिसके सामने अमेरिकी डॉलर भी है 'छोटू '

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.