वाराणसी : कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकी देने के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है. वाराणसी में एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाने के साथ दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
बता दें कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसके खिलाफ वाराणसी और गाजीपुर समेत 40 मुकदमों में सुनवाई चल रही है. अधिकतम केस ट्रायल पर हैं और जजमेंट की ओर आगे बढ़ रहे हैं. रुंगटा धमकी का मामला 1997 से जुड़ा हुआ है. वाराणसी के भेलूपुर के जवाहर नगर कॉलोनी के रहने वाले नंदकिशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण हुआ था. जिसकी विवेचना चल रही थी. इस दौरान नवंबर 1997 को रूंगटा के छोटे भाई महावीर प्रसाद रुंगटा की तरफ से भेलूपुर थाने में तहरीर देकर यह जानकारी दी गई थी की उनके घर के लैंडलाइन नंबर पर एक धमकी भरा फोन आया था, जिसमें अपहरण कांड में धमकी देते हुए बम से उड़ाने की बात कही गई थी.
इसके बाद महावीर प्रसाद की तहरीर पर भेलूपुर में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने विवेचना पूरी करने के बाद 3 जुलाई 1998 को मुक्तर अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित किया था. नंदकिशोर रुंगटा अपहरण केस में सीबीआई कोर्ट ने 27 जून 2000 को फैसला सुनाते हुए मुख्तार समेत 6 आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया था.
शुक्रवार को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने धमकी के मामले में दोषी करार दिया. साथ ही मुख्तार को पांच साल छह महीने कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि मुख्तार को पहले ही कोर्ट ने अपहरण केस में बरी कर दिया था. उस समय सारी चीज स्पष्ट हो चुकी थी कि मुख्तार का इस मामले में कोई हाथ नहीं था. हम आगे अपील करके इस फैसले के खिलाफ जाएंगे.
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