अकोला : महाराष्ट्र में परिवार नियोजन और यौन स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आशा वर्कर्स को फैमिली प्लानिंग काउंसलिंग किट दिया है. बुलडाना जिले की आशा कार्यकर्ता इस किट को लेकर असमंजस में हैं. दरअसल आशा कार्यकर्ताओं को जो किट दी जा गई है, उसमें गर्भधारण से जुड़े साहित्य, सामग्री के अलावा महिला-पुरुष के प्रजनन अंगों का मॉडल हैं. ये आशा वर्कर्स के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. रबड़ के बने मॉडल के कारण वे काउंसलिंग सेशन के दौरान शर्मसार हो रही हैं.
आशा वर्कर्स को दी गई इस किट पर बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने सरकार पर निशाना साधा है. चित्रा वाघ ने ट्विटर पर सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सरकार का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है. चित्रा वाघ ने आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय का मुद्दा उठाते हुए लिखा कि कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं को 35 रुपये प्रति दिन देने का निर्णय लिया गया था. इन आशा वर्कर को तो उनका बकाया तो नहीं मिला मगर उन्हें अब शर्मसार करने वाला सामान दिया जा रहा है. सरकार को थोड़ी शर्म आनी चाहिए.
जब मामला गरम हुआ तो मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने इस मामले की जांच के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है. अगर कोई कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश कर रहा है तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
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