नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय से जुड़ी जानकारियां हासिल करने में लोगों की मदद के लिए शीर्ष अदालत का 'आरटीआई पोर्टल' बृहस्पतिवार को शुरू हो गया. प्रधान न्यायाधीश ने एक याचिका पर सुनवाई की शुरुआत में कहा था कि 'पोर्टल' जल्द शुरू हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मामले की सुनवाई शुरू करने से पहले मैं कहना चाहूंगा कि आरटीआई पोर्टल तैयार है. वह 15 मिनट में शुरू हो जाएगा. अगर कोई समस्या आती है तो थोड़ा संयम रखें. अगर कोई समस्या आए तो मुझसे संपर्क करें... मैं उस पर गौर करूंगा.
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ विधि छात्रों आकृति अग्रवाल और लक्ष्य पुरोहित द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शीर्ष अदालत में आरटीआई आवेदन ऑनलाइन दाखिल करने के लिए एक पोर्टल शुरू करने का अनुरोध किया गया था. पीठ में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला भी शामिल हैं. उच्चतम न्यायालय ने 11 नवंबर को कहा था कि 'ऑनलाइन पोर्टल' 'व्यावहारिक रूप से तैयार' है.
सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दाखिल किए आवेदनों के जवाब 'पोर्टल' के जरिए दिए जाएंगे. अभी तक शीर्ष अदालत के संबंध में आरटीआई आवेदन डाक के माध्यम से भेजे जाते थे.
'जल्द 500 से अधिक मामले होंगे सूचीबद्ध, तनाव में काम कर रहे जज'
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों पर काम का भारी बोझ है और मामलों के सूचीकरण के कारण गंभीर तनाव में हैं. सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला अपने मामलों की तत्काल लिस्टिंग के लिए अधिवक्ताओं द्वारा किए गए उल्लेखों को सुन रहे थे, जब सीजेआई चंद्रचूड़ ने बयान दिया.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, "525 मामलों को अगले सप्ताह के लिए 13 बेंचों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना है. दबाव बहुत अधिक है...न्यायाधीश तनाव में हैं. प्रत्येक बेंच के समक्ष लगभग 45 से 50 मामले हैं." सीजेआई चंद्रचूड़ ने रजिस्ट्री को मामलों की लिस्टिंग को कारगर बनाने के निर्देश जारी किए हैं. अगले सप्ताह से कर मामलों, मोटर दुर्घटनाओं, आपराधिक अपीलों और भूमि अधिग्रहण से संबंधित अपीलों की सुनवाई के लिए विशेष पीठों का भी गठन किया गया है. सुप्रीम कोर्ट बोझ कम करने के लिए मामलों को सूचीबद्ध करने के लिए एक तकनीक का उपयोग करने की भी योजना बना रहा है.