नई दिल्ली : देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सोमवार को पत्र लिख कर विद्यार्थी परिषद ने उनसे एक वर्ष की छूट की मांग की है. विद्यार्थी परिषद का कहना है कि कोरोना जनित परिस्थितियों के कारण जहां जन-जीवन अस्त व्यस्त हुआ, वहीं दूसरी तरफ भर्ती प्रक्रिया नियमित अंतराल में आयोजित नहीं हो पाई.
कोविड-19 के कारण प्रतिबंधित क्षेत्रों में फंसे परीक्षार्थी भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने से चूक गए. ऐसे अप्रत्याशित रूप से परीक्षा से वंचित रह जाने के कारण कड़ा परिश्रम कर रहे परीक्षार्थियों का सेना में सम्मिलित होकर देश की सेवा करने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है.
परीक्षार्थियों के साथ न्याय हो इसलिए उन्हें एक अतिरिक्त प्रयास का मौका मिलना चाहिए. अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री गजेंद्र तोमर ने कहा कि सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करने का जुनून भारत के युवाओं में बचपन से रहता है.
पिछले वर्षों में कोरोना के कारण परीक्षाओं का नियमित आयोजन नहीं हो पाया और परीक्षार्थी भी स्वास्थ समस्याओं के कारण परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए. इसको ध्यान रखते हुए परीक्षार्थियों को एक अवसर दिया जाना चाहिए.
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि परीक्षा देने से वंचित रहे विद्यार्थियों के हित को ध्यान रखते हुये अभाविप रक्षा मंत्री से यह मांग करती है कि भारतीय सेना में सभी तरह की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए अभ्यर्थियों को एक वर्ष की आयु संबंधी छूट प्रदान की जाए.
ताकि कोरोना जनित परिस्थितियों में अपने अंतिम अवसर से चूक गए अभ्यर्थी अपने अंतिम प्रयास पूरे उत्साह के साथ सम्मिलित हो सकें. कोरोना महामारी के दौर में सेना प्रवेश परीक्षाओं के अलावा देश के कई अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के आयोजन पर भी व्यापक असर पड़ा है.
समय पर प्रवेश परीक्षाएं न होने के कारण तैयारी में जुटे युवाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा है. ऐसे में यदि सरकार सेना भर्ती में आयु सीमा को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लेती है तो देश के लाखों युवाओं के लिए यह एक बड़ा अवसर होगा.