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आरएसएस 43 शहरों में चला रहा कोविड सेवा केंद्र, इंदौर बना उदाहरण : सुनील आंबेकर - इंदौर बना उदाहरण

कोरोना की दूसरी लहर के बाद पैदा हुए हालात पर आरएसएस ने जनसेवा का अभियान तेज कर दिया है. देश भर के स्वयंसेवकों द्वारा 43 शहरों में स्वयंसेवक कोविड सेवा केंद्र चला रहे हैं. इसके अलावा संघ द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी करने के अलावा रक्तदान, प्लाज्मादान व ऑक्सीजन आपूर्ति जैसे कार्य किए जा रहे हैं.

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Published : Apr 29, 2021, 4:40 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कोरोना महामारी के दौर में जनसेवा का अभियान तेज किया है. देश भर के 43 शहरों में संघ से जुड़े स्वयंसेवक कोविड सेवा केंद्र चला रहे हैं, वहीं 219 स्थानों पर जिला प्रशासन और अस्पतालों के सहयोग में स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं.

यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने दी है. सुनील आंबेकर ने गुरुवार को पत्रकारों से ऑनलाइन वार्ता के दौरान बताया कि कोरोना की महामारी के बीच आरएसएस 12 तरह के सेवा कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की संवेदना व सक्रियता अद्भुत है. अपनी जान जोखिम में डालकर संकट की स्थिति में कार्य कर रहे हैं. परिस्थिति भले ही विकट हो, भारत में समाज की शक्ति भी विशाल है.

पढ़ें- बेड नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने एंबुलेंस में किया कोरोना मरीज का इलाज

उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती सहित अन्य संगठन व संस्थाएं प्रभावित क्षेत्रों व परिवारों में राहत पहुंचाने के काम में जुटे हैं. संघ की पहल पर आवश्यकता के अनुसार अभी बारह प्रकार के कार्य प्राथमिकता से प्रारंभ हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड संदिग्धों के लिए आइसोलेशन केंद्र व पॉजि़टिव रोगियों के लिए कोविड सेवा केंद्र, सरकारी कोविड केंद्र व अस्पतालों में सहायता, हेल्पलाइन नंबर, रक्तदान, प्लाज्मा दान, अंतिम संस्कार, आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण, काउंसलिंग, ऑक्सीजन आपूर्ति, एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता जैसे आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कई प्रांतों में स्वयंसेवकों द्वारा प्रारंभ किया गया है.

स्थानीय प्रशासन की भी हर संभव सहायता की जा रही है ताकि सभी मिलकर इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि इंदौर में संघ की पहल पर अस्पताल, राधा स्वामी सत्संग आदि के सहयोग से दो हजार बेड का कोविड केंद्र शासन व समाज के समन्वित कार्य का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है.

पढ़ें- कोरोना संक्रमित दोस्त की सांसों के लिए तय किया 1400 किमी का सफर

उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की ओर से अभी 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र चलाए जा रहे हैं तथा अन्य 219 स्थानों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है. टीकाकरण के लिए दस हजार से अधिक स्थानों पर जागरूकता अभियान के साथ 2442 टीकाकरण केंद्र अभी तक प्रारंभ किए गए हैं. उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों का इस कार्य में सहयोग आवश्यक है, तथा कोरोना के प्रकोप पर शासन-प्रशासन व समाज के समन्वित प्रयास से ही भारत विजय प्राप्त करेगा.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार प्लाज्मा व रक्तदान में सहयोग किया जा रहा है, कुछ स्थानों पर संभावितों की सूची भी बनी है. दिल्ली में रक्तदाताओं की सूची उपलब्ध है. पुणे में जनजागरण अभियान के माध्यम से 600 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया, जिससे 1500 लोगों का जीवन बचाने में सहायता मिली. उन्होंने बताया कि विभिन्न शहरों में बुजुर्गों व अकेले रहने वालों को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. जिसके माध्यम से जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कोरोना महामारी के दौर में जनसेवा का अभियान तेज किया है. देश भर के 43 शहरों में संघ से जुड़े स्वयंसेवक कोविड सेवा केंद्र चला रहे हैं, वहीं 219 स्थानों पर जिला प्रशासन और अस्पतालों के सहयोग में स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं.

यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने दी है. सुनील आंबेकर ने गुरुवार को पत्रकारों से ऑनलाइन वार्ता के दौरान बताया कि कोरोना की महामारी के बीच आरएसएस 12 तरह के सेवा कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे समाज की संवेदना व सक्रियता अद्भुत है. अपनी जान जोखिम में डालकर संकट की स्थिति में कार्य कर रहे हैं. परिस्थिति भले ही विकट हो, भारत में समाज की शक्ति भी विशाल है.

पढ़ें- बेड नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने एंबुलेंस में किया कोरोना मरीज का इलाज

उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती सहित अन्य संगठन व संस्थाएं प्रभावित क्षेत्रों व परिवारों में राहत पहुंचाने के काम में जुटे हैं. संघ की पहल पर आवश्यकता के अनुसार अभी बारह प्रकार के कार्य प्राथमिकता से प्रारंभ हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड संदिग्धों के लिए आइसोलेशन केंद्र व पॉजि़टिव रोगियों के लिए कोविड सेवा केंद्र, सरकारी कोविड केंद्र व अस्पतालों में सहायता, हेल्पलाइन नंबर, रक्तदान, प्लाज्मा दान, अंतिम संस्कार, आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण, काउंसलिंग, ऑक्सीजन आपूर्ति, एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता जैसे आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कई प्रांतों में स्वयंसेवकों द्वारा प्रारंभ किया गया है.

स्थानीय प्रशासन की भी हर संभव सहायता की जा रही है ताकि सभी मिलकर इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि इंदौर में संघ की पहल पर अस्पताल, राधा स्वामी सत्संग आदि के सहयोग से दो हजार बेड का कोविड केंद्र शासन व समाज के समन्वित कार्य का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है.

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उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की ओर से अभी 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र चलाए जा रहे हैं तथा अन्य 219 स्थानों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है. टीकाकरण के लिए दस हजार से अधिक स्थानों पर जागरूकता अभियान के साथ 2442 टीकाकरण केंद्र अभी तक प्रारंभ किए गए हैं. उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों का इस कार्य में सहयोग आवश्यक है, तथा कोरोना के प्रकोप पर शासन-प्रशासन व समाज के समन्वित प्रयास से ही भारत विजय प्राप्त करेगा.

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि आवश्यकता के अनुसार प्लाज्मा व रक्तदान में सहयोग किया जा रहा है, कुछ स्थानों पर संभावितों की सूची भी बनी है. दिल्ली में रक्तदाताओं की सूची उपलब्ध है. पुणे में जनजागरण अभियान के माध्यम से 600 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया, जिससे 1500 लोगों का जीवन बचाने में सहायता मिली. उन्होंने बताया कि विभिन्न शहरों में बुजुर्गों व अकेले रहने वालों को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. जिसके माध्यम से जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है.

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