भोपाल। सेंट्रल मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी की रिपोर्ट के ताज़ा आंकड़े कह रहे हैं कि देश में बेरोजगारी की दर नवंबर महीने में 8.96 फीसदी पर पहुंच गई है. जो तीन महीने में अपने उच्चतम स्तर पर है. मध्यप्रदेश की 2021 -22 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहले ही ये खुलासा हो चुका है कि एक साल के भीतर 5.51 लाख बेरोजगार प्रदेश में बढ़े हैं. जाहिर 2022 के दिसंबर महीने तक ये आंकड़ा और आगे बढ़ चुका होगा. बेरोजगारी के इस मुद्दे को समय रहते संभालने के लिए अब संघ मैदान उतर रहा है.
बेरोजगारी से निपटने का संघ फार्मूला : ऐसा देश में पहली बार हो रहा है कि संघ किसी राज्य में रोजगार सृजन केन्द्र खोलने जा रहा हो. छात्रों के कौशल विकास के साथ युवाओँ के लिए रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने में भी अब संघ की भूमिका होगी. मध्यप्रदेश में एक साथ 16 जिलों से संघ के रोजगार सृजन केन्द्रों की शुरुआत होने जा रही है. 11 दिसंबर को तीन दिवसीय दौरे पर मध्यप्रदेश आ रहे सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले इसकी शुरुआत करेंगे. इस दौरे में कौशल विकास केंद्र के नए भवन के लोकार्पण के साथ होसबोले 16 जिलों में रोजगार सृजन केन्द्रों की शुरुआत करेंगे. हालांकि तैयारी काफी पहले से शुरू हो गई थी.
आदिवासी वोट बैंक पर नजर : स्वदेशी जागरण मंच देशभर में बीते एक वर्ष से स्वालंबी भारत अभियान चला रहा है. ये रोजगार सृजन केन्द्र उसी का हिस्सा है. इसके जरिए युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने, उन्हें इन सृजन केन्द्रों के जरिए ट्रेनिंग दी जाती है. ताकि नौजवान अलग अलग कौशल में सिद्धहस्त होकर अपना रोजगार खड़ा कर सकें. 12 दिसम्बर को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले एक साथ प्रदेश के 16 जिलों के रोजगार सृजन केन्द्रों का शुभारंभ करेंगे. मध्यप्रदेश की 47 आदिवासी सीटों समेत देश भर में आदिवासी वोटर अब निर्णायक भूमिका में हैं. लिहाजा वनवासी कल्याण परिषद अब जनजाति के छात्रों के स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहा है. वनवासी कल्याण परिषद के कौशल विकास केन्द्र के नवीन भवन का लोकार्पण भी दत्तात्रेय होसबोले करेंगे.चार मंजिला इस इमारत में एक साथ 50 छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग दी जाएगी.
बेरोजगारी सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा : 2023 के विधानसभा चुनाव मे बेरोजगारी सबसे ब़ड़ा चुनावी मुद्दा होगा. जिस वोटर को ये प्रभावित करता है, प्रदेश में उस नौजवान वोटर की तादाद करीब 35 फीसदी है. विधानसभा में पेश हुए 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में ये सामने आया है कि इस एक वर्ष में 5.51 लाख बेरोजगार प्रदेश में बढ़े हैं. जाहिर है 2022 के दिसंबर तक ये आंकड़ा बहुत आगे जा चुका होगा. राज्य में शिक्षित बेरोजगारों का प्रतिशत बढ़कर 95.07 फीसदी को पहले ही पार कर चुका है. रजिस्टर्ड बेरोजगारों की तादाद 35 लाख के पार पहुंच रही है.