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संघ विचारक राकेश सिन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया की अंजुमन के सदस्य नियुक्त

संघ विचारक व राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा (RSS ideologue Rakesh Sinha ) को दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Millia Islamia University) के कोर्ट जिसे अंजुमन कहा जाता है, का सदस्य नियुक्त किया गया है.

Rakesh Sinha
राकेश सिन्हा
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Published : Feb 20, 2022, 7:35 PM IST

Updated : Feb 20, 2022, 8:50 PM IST

नई दिल्ली: संघ विचारक राकेश सिन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) की अंजुमन के सदस्य नियुक्त किए गए हैं. राज्यसभा सचिवालय के एक पत्र के अनुसार राकेश सिन्हा को जामिया का 11 फरवरी 2022 से अंजुमन का स्थाई सदस्य नियुक्त किया गया है.

राज्यसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी आरके मिलकोट सिंह ने इस बारे में एक सूचना जारी कर राकेश सिन्हा को अंजुमन का रेगुलर सदस्य नियुक्त किए जाने की जानकारी दी है. चूंकि राकेश सिन्हा आरएसएस के मुखर विचारक रहे हैं इसलिए जामिया के अंजुमन में उनकी नियुक्ति को लेकर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है.

दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन रहे जफरूल इस्लाम खान ने सूचना की कॉपी ट्वीटर पर डालकर लिखा कि 'इन्नालिल्लाह व इन्ना इलैहे राजेउन'. दरअसल कुरान की यह दुआ अक्सर किसी बड़े नुक्सान पर पढ़ी जाती है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस पूरे मामले पर डॉ. जफरुल इस्लाम खान से बात करने की कोशिश की लेकिन उनके संपर्क नहीं हो सका. वहीं उनके इस ट्वीट को हिंदू संगठनों द्वारा ट्रोल किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- 'लोकतंत्र की हत्या' के आरोप पर राकेश सिन्हा आक्रामक, खड़गे बोले- बहुत ज्ञान है सेमिनार में बुलाएंगे

उल्लेखनीय है कि अंजुमन, विश्वविद्यालय का सर्वोच्च अधिकारी है जिसमें कुलपति और अन्य प्रमुख अधिकारियों के अलावा कुस 59 सदस्य हैं. इसमें लोकसभा के दो सदस्य और राज्यसभा से एक सदस्य होते हैं. सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और वे विश्वविद्यालय की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेते हैं.

नई दिल्ली: संघ विचारक राकेश सिन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) की अंजुमन के सदस्य नियुक्त किए गए हैं. राज्यसभा सचिवालय के एक पत्र के अनुसार राकेश सिन्हा को जामिया का 11 फरवरी 2022 से अंजुमन का स्थाई सदस्य नियुक्त किया गया है.

राज्यसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी आरके मिलकोट सिंह ने इस बारे में एक सूचना जारी कर राकेश सिन्हा को अंजुमन का रेगुलर सदस्य नियुक्त किए जाने की जानकारी दी है. चूंकि राकेश सिन्हा आरएसएस के मुखर विचारक रहे हैं इसलिए जामिया के अंजुमन में उनकी नियुक्ति को लेकर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है.

दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन रहे जफरूल इस्लाम खान ने सूचना की कॉपी ट्वीटर पर डालकर लिखा कि 'इन्नालिल्लाह व इन्ना इलैहे राजेउन'. दरअसल कुरान की यह दुआ अक्सर किसी बड़े नुक्सान पर पढ़ी जाती है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस पूरे मामले पर डॉ. जफरुल इस्लाम खान से बात करने की कोशिश की लेकिन उनके संपर्क नहीं हो सका. वहीं उनके इस ट्वीट को हिंदू संगठनों द्वारा ट्रोल किया जा रहा है.

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उल्लेखनीय है कि अंजुमन, विश्वविद्यालय का सर्वोच्च अधिकारी है जिसमें कुलपति और अन्य प्रमुख अधिकारियों के अलावा कुस 59 सदस्य हैं. इसमें लोकसभा के दो सदस्य और राज्यसभा से एक सदस्य होते हैं. सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है और वे विश्वविद्यालय की निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेते हैं.

Last Updated : Feb 20, 2022, 8:50 PM IST
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