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हिंदू-मुस्लिम एकता पर संघ प्रमुख भागवत का बयान है चर्चा में, पहले भी कह चुके हैं ऐसा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गाजियाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार रहे डॉ. ख्वाजा इफ्तिखार की लिखित पुस्तक द मीटिंग ऑफ माइंड्स का विमोचन करते हुए कहा कि हम एक हैं और इसका आधार हमारी मातृभूमि है. हम समान पूर्वजों के वंशज हैं. भारत के सब लोगों का डीएनए समान है. बयान को लेकर कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है, लेकिन संघ प्रमुख इसके पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत
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Published : Jul 5, 2021, 5:57 PM IST

नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के गाजियाबाद के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में दिया गया बयान खासा चर्चा में है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. हिंदू-मुस्लिम एकता (Hindu Muslim Unity) की बातों को भ्रामक बताते हुए कहा कि ये दोनों अलग नहीं हैं. जाहिर है यह बयान जंगल में आग की तरह फैला. इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, मायावती से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी. संघ प्रमुख के बयान को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

ऐसा नहीं है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू मुस्लिम एकता को लेकर पहली बार ऐसा बयान दिया है. मोहन भागवत बीते कई सालों से ऐसा बयान देते रहे हैं, जो काफी चर्चा में भी रहे.

भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के पूर्वज हिंदू: संघ प्रमुख

सितंबर 2017 में हरिद्वार में मोहन भागवत पतंजलि योगपीठ के सभागार में आयोजित साधु साध्यम समागम कार्यक्रम में भी ऐसा ही बयान दिया था, जो काफी चर्चा में रहा. संघ प्रमुख ने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के पूर्वज पूर्व में हिंदू ही रहे हैं. पूरे विश्व में एक ही धर्म है, बाकी सब संप्रदाय हैं. हम धर्मांतरण के विरोधी हैं, लेकिन जो हमारे साथ मिलना चाहता है उसके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे.

पढ़ें: हिंदुत्व के खिलाफ है लिंचिंग, सभी भारतीयों का डीएनए एक : भागवत

साथ ही लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि व्यर्थ के विवाद में न पड़ें और अपनी इच्छा के अनुसार अपने देश के मान और सम्मान की रक्षा में अपना बेहतर योगदान देंं. सबको साथ लेकर चलने का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म जागरण का काम निरंतर चलता रहना चाहिए. मानवता से देवतत्व की ओर बढ़ाना ही हमारा कार्य है.

2019 में कहा-'देश के 130 करोड़ लोग हैं हिंदू'

दिसंबर 2019 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की 130 करोड़ की आबादी को संघ हिंदू समाज ही मानता है. मोहन भागवत ने कहा कि संघ सभी को साथ लेकर चलना चाहता है. हमारा देश परंपरा से हिंदुत्वादी रहा है. मैं जब हिंदू कहता हूं, तो किसी को अलग करके नहीं कहता, क्योंकि संघ जिन्हें हिंदू मानता है उसके पीछे ठोस वजह है. वो व्यक्ति भारत भूमि से प्रेम करने वाला और भारत की सर्व समावेशी भावना को अपने जीवन में अपनाने वाला, ऐसा कोई भी हो वो किसी भी तरीके से पूजा करने वाला हो या किसी की पूजा न करने वाला हो, वह भारत माता का पुत्र हिंदू है.

विश्व में सबसे ज्यादा संतुष्ट मुस्लिम हैं भारत में

अक्टूबर 2020 में भी उन्होंने महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाली हिंदी पत्रिका ‘विवेक’ को दिए साक्षात्कार में भी हिदू एकता पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सबसे ज्यादा भारत के ही मुस्लिम संतुष्ट हैं. हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए और भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं.

कहा कि हमारे संविधान में यह नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं या यह कहा गया हो कि यहां केवल हिंदुओं की बात सुनी जाएगी. हमने उनके लिए जगह बनाई. यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है. संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए.

नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के गाजियाबाद के एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में दिया गया बयान खासा चर्चा में है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों. हिंदू-मुस्लिम एकता (Hindu Muslim Unity) की बातों को भ्रामक बताते हुए कहा कि ये दोनों अलग नहीं हैं. जाहिर है यह बयान जंगल में आग की तरह फैला. इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, मायावती से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी. संघ प्रमुख के बयान को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

ऐसा नहीं है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू मुस्लिम एकता को लेकर पहली बार ऐसा बयान दिया है. मोहन भागवत बीते कई सालों से ऐसा बयान देते रहे हैं, जो काफी चर्चा में भी रहे.

भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के पूर्वज हिंदू: संघ प्रमुख

सितंबर 2017 में हरिद्वार में मोहन भागवत पतंजलि योगपीठ के सभागार में आयोजित साधु साध्यम समागम कार्यक्रम में भी ऐसा ही बयान दिया था, जो काफी चर्चा में रहा. संघ प्रमुख ने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के पूर्वज पूर्व में हिंदू ही रहे हैं. पूरे विश्व में एक ही धर्म है, बाकी सब संप्रदाय हैं. हम धर्मांतरण के विरोधी हैं, लेकिन जो हमारे साथ मिलना चाहता है उसके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं और आगे भी खुले रहेंगे.

पढ़ें: हिंदुत्व के खिलाफ है लिंचिंग, सभी भारतीयों का डीएनए एक : भागवत

साथ ही लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि व्यर्थ के विवाद में न पड़ें और अपनी इच्छा के अनुसार अपने देश के मान और सम्मान की रक्षा में अपना बेहतर योगदान देंं. सबको साथ लेकर चलने का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म जागरण का काम निरंतर चलता रहना चाहिए. मानवता से देवतत्व की ओर बढ़ाना ही हमारा कार्य है.

2019 में कहा-'देश के 130 करोड़ लोग हैं हिंदू'

दिसंबर 2019 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश की 130 करोड़ की आबादी को संघ हिंदू समाज ही मानता है. मोहन भागवत ने कहा कि संघ सभी को साथ लेकर चलना चाहता है. हमारा देश परंपरा से हिंदुत्वादी रहा है. मैं जब हिंदू कहता हूं, तो किसी को अलग करके नहीं कहता, क्योंकि संघ जिन्हें हिंदू मानता है उसके पीछे ठोस वजह है. वो व्यक्ति भारत भूमि से प्रेम करने वाला और भारत की सर्व समावेशी भावना को अपने जीवन में अपनाने वाला, ऐसा कोई भी हो वो किसी भी तरीके से पूजा करने वाला हो या किसी की पूजा न करने वाला हो, वह भारत माता का पुत्र हिंदू है.

विश्व में सबसे ज्यादा संतुष्ट मुस्लिम हैं भारत में

अक्टूबर 2020 में भी उन्होंने महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाली हिंदी पत्रिका ‘विवेक’ को दिए साक्षात्कार में भी हिदू एकता पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सबसे ज्यादा भारत के ही मुस्लिम संतुष्ट हैं. हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए और भारत में रहने वाले सभी हिंदू हैं.

कहा कि हमारे संविधान में यह नहीं कहा गया कि यहां केवल हिंदू रह सकते हैं या यह कहा गया हो कि यहां केवल हिंदुओं की बात सुनी जाएगी. हमने उनके लिए जगह बनाई. यह हमारे राष्ट्र का स्वभाव है और यह अंतर्निहित स्वभाव ही हिंदू कहलाता है. संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी पूजा करता है. धर्म जोड़ने वाला, उत्थान करने वाला और सभी को एक सूत्र में पिरोने वाला होना चाहिए.

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