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'हिंदू-हित हमारी प्राथमिकता होना चाहिए', हैदराबाद में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत - शिवराज सिंह ने मुंचिनताल में रामानुजाचार्य की प्रतिमा के दर्शन किये

रामानुजाचार्य की 1000वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समतामूर्ति सहस्राब्दी समारोह के हिस्से के रूप में आठवें दिन, श्री रामनगरम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने रामानुजाचार्य की प्रतिमा के दर्शन किये.

RSS CHIEF AND MP CM VISITED RAMANUJA STATUE AT MUCHINTHAL
मोहन भागवत और शिवराज सिंह ने मुंचिनताल में रामानुजाचार्य की प्रतिमा के दर्शन किये
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Published : Feb 10, 2022, 7:05 AM IST

Updated : Feb 10, 2022, 2:38 PM IST

हैदराबाद: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) बुधवार को हैदराबाद में रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी समारोह में शामिल हुए। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) इस कार्यक्रम में शामिल हुए. भागवत के साथ शिवराज ने भी स्वामी रामानुजाचार्य की याद में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी (Statue of Equality) के दर्शन किए.

सबसे पहले मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान श्री चिन्ना जीयार स्वामी से उनके आश्रम में मिले. इसके बाद दोनों स्वामीजी के साथ मंदिर के लिए रवाना हुए. मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. श्री चिन्ना जीयार स्वामी को इलेक्ट्रिक वाहन से समतामूर्ति केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने 108 दिव्यक्षेत्रों की विशेषताओं के बारे में बताया. इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में 80 फीसदी हिंदुओं का नारा समाज की भलाई के लिए होना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि महान मातृभूमि में पैदा हुए सभी हिंदुओं को अलग-अलग परंपराओं में रहना चाहिए. याद रहे सब भारत माता के बच्चे हैं. रंगारेड्डी जिले के मुंचिनताल में रामानुजाचार्य सहस्राब्दी समारोह में समानता की मूर्ति के नाम पर भाग्यनगर का नाम स्थापित किया गया था.

उन्होंने कहा कि आरएसएस हजारों सालों से हमारे देश में समानता सुन रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री चिन्ना जीयार स्वामी के साथ समतामूर्ति केंद्र का दौरा किया. उन्होंने श्री चिन्ना जीयार स्वामी से 108 मंदिरों की विशेषता के बारे में पूछा. बाद में मोहन भागवत ने प्रवचन मंडपम में विभिन्न देशों के संतों और भक्तों को संबोधित किया और लोगों से यह सोचने के लिए कहा कि हम इस समाज के लिए क्या कर रहे हैं.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन

मोहन भागवत ने कहा कि 'हिंदू हित' यानी 'राष्ट्र हित' हमारी प्राथमिकता होना चाहिए. दूसरे नंबर पर अपनी भाषा, जाति और परिवार का हित होना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा, 'कोई भी बात जो आपस में झगड़ा लगाने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे, कोई भी बात जो हमें डरपोक बनाने वाली है, उसमें भी हम नहीं जाएंगे। हम स्वाभिमान से जिएंगे और सृष्टि का पालन-पोषण करेंगे. इस तरह का जीवन जीने का संकल्प हमारा होना चाहिए.'

मोहन भागवत ने कहा, 'हमारे पास ऐसा सामर्थ्य है कि हमारे सामने खड़े होने की ताकत किसी में नहीं है। हमें समाप्त करने का बहुत प्रयास किया गया. आरएसएस प्रमुख ने हैदराबाद में कहा, 'अगर हमें समाप्त होना होता तो हम पिछले 1000 साल में हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो हमको नष्ट करने पर तुले थे उनके पैर खोखले हो रहे हैं। हम वैसे के वैसे हैं. आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातम धर्म भारत में वैसे का वैसा देखने को मिलता है.

युवा अपनी सोच बदलेंगे : शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजनेता श्री चिन्ना जीयार स्वामी के पाठों को सुनकर जनकल्याणकारी योजनाओं को बेहतर के लिए बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए उनके शब्द बहुत प्रेरणादायक हैं. शिवराज सिंह ने ओंकारेश्वर में स्टैच्यू ऑफ वननेस बनाने की घोषणा की. उन्होंने मुंचिनताल में आयोजित समतामूर्ति सहस्राब्दी समारोह में अपनी पत्नी साधनासिंह के साथ भाग लिया. यज्ञशाला में लक्ष्मीनारायणपुन महायज्ञ में पूजा अर्चना की. इस अवसर पर मोहन भागवत ने रामानुजाचार्य की भावना की प्रशंसा की.

शिवराज सिंह चौहान का संबोधन

हैदराबाद: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) बुधवार को हैदराबाद में रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी समारोह में शामिल हुए। उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) इस कार्यक्रम में शामिल हुए. भागवत के साथ शिवराज ने भी स्वामी रामानुजाचार्य की याद में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी (Statue of Equality) के दर्शन किए.

सबसे पहले मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान श्री चिन्ना जीयार स्वामी से उनके आश्रम में मिले. इसके बाद दोनों स्वामीजी के साथ मंदिर के लिए रवाना हुए. मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. श्री चिन्ना जीयार स्वामी को इलेक्ट्रिक वाहन से समतामूर्ति केंद्र ले जाया गया, जहां उन्होंने 108 दिव्यक्षेत्रों की विशेषताओं के बारे में बताया. इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में 80 फीसदी हिंदुओं का नारा समाज की भलाई के लिए होना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि महान मातृभूमि में पैदा हुए सभी हिंदुओं को अलग-अलग परंपराओं में रहना चाहिए. याद रहे सब भारत माता के बच्चे हैं. रंगारेड्डी जिले के मुंचिनताल में रामानुजाचार्य सहस्राब्दी समारोह में समानता की मूर्ति के नाम पर भाग्यनगर का नाम स्थापित किया गया था.

उन्होंने कहा कि आरएसएस हजारों सालों से हमारे देश में समानता सुन रहा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री चिन्ना जीयार स्वामी के साथ समतामूर्ति केंद्र का दौरा किया. उन्होंने श्री चिन्ना जीयार स्वामी से 108 मंदिरों की विशेषता के बारे में पूछा. बाद में मोहन भागवत ने प्रवचन मंडपम में विभिन्न देशों के संतों और भक्तों को संबोधित किया और लोगों से यह सोचने के लिए कहा कि हम इस समाज के लिए क्या कर रहे हैं.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन

मोहन भागवत ने कहा कि 'हिंदू हित' यानी 'राष्ट्र हित' हमारी प्राथमिकता होना चाहिए. दूसरे नंबर पर अपनी भाषा, जाति और परिवार का हित होना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा, 'कोई भी बात जो आपस में झगड़ा लगाने वाली है, उसमें हम नहीं जाएंगे, कोई भी बात जो हमें डरपोक बनाने वाली है, उसमें भी हम नहीं जाएंगे। हम स्वाभिमान से जिएंगे और सृष्टि का पालन-पोषण करेंगे. इस तरह का जीवन जीने का संकल्प हमारा होना चाहिए.'

मोहन भागवत ने कहा, 'हमारे पास ऐसा सामर्थ्य है कि हमारे सामने खड़े होने की ताकत किसी में नहीं है। हमें समाप्त करने का बहुत प्रयास किया गया. आरएसएस प्रमुख ने हैदराबाद में कहा, 'अगर हमें समाप्त होना होता तो हम पिछले 1000 साल में हो जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जो हमको नष्ट करने पर तुले थे उनके पैर खोखले हो रहे हैं। हम वैसे के वैसे हैं. आज भी भारत में 5000 साल पुराना सनातम धर्म भारत में वैसे का वैसा देखने को मिलता है.

युवा अपनी सोच बदलेंगे : शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राजनेता श्री चिन्ना जीयार स्वामी के पाठों को सुनकर जनकल्याणकारी योजनाओं को बेहतर के लिए बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण के लिए उनके शब्द बहुत प्रेरणादायक हैं. शिवराज सिंह ने ओंकारेश्वर में स्टैच्यू ऑफ वननेस बनाने की घोषणा की. उन्होंने मुंचिनताल में आयोजित समतामूर्ति सहस्राब्दी समारोह में अपनी पत्नी साधनासिंह के साथ भाग लिया. यज्ञशाला में लक्ष्मीनारायणपुन महायज्ञ में पूजा अर्चना की. इस अवसर पर मोहन भागवत ने रामानुजाचार्य की भावना की प्रशंसा की.

शिवराज सिंह चौहान का संबोधन
Last Updated : Feb 10, 2022, 2:38 PM IST

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