विरुधुनगर/चेन्नई: तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले का शिवकाशी पटाखा बनाने के लिए मशहूर है. पटाखा निर्माताओं ने बताया है कि शिवकाशी से पूरे देश में 6,000 करोड़ रुपये के पटाखे बेचे गए हैं.
पटाखा निर्माता शहर शिवकाशी में इस साल 2023 की दिवाली से पहले दिवाली त्योहार के लिए 6 हजार करोड़ रुपये के पटाखों का उत्पादन किया गया है. ये पटाखे भारत के कई जिलों और राज्यों में भी भेजे और बेचे जाते हैं. पटाखा निर्माताओं और विक्रेताओं ने बताया है कि इस साल तमिलनाडु में पटाखों की बिक्री 2022 की तुलना में 50 करोड़ रुपये कम हो गई है.
उन्होंने कहा कि, लगातार बारिश के कारण पटाखों के उत्पादन में गिरावट आई है. पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं में जानमाल के नुकसान के कारण कारखानों में नियमित निरीक्षण जैसे कारणों से दिवाली से पहले एक महीने की अवधि में पटाखों का उत्पादन प्रभावित हुआ और 10 प्रतिशत तक कम हो गया.
इसके अलावा, तमिलनाडु में दिवाली त्योहार के लिए अस्थायी पटाखों के लाइसेंस में देरी के कारणराज्य में पटाखों की बिक्री को पिछले साल की तुलना में इस साल 50 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है. हालांकि, पूरे भारत में बिक्री के लिए भेजे गए पटाखों में से 95 प्रतिशत बेचे जाने की खबर है.
दीपावली पर खूब बिकी शराब : उधर, इस साल दिवाली और दिवाली से एक दिन पहले यानी दो दिन शराब की बिक्री तमिलनाडु में बढ़ गई. खासकर अकेले चेन्नई में दोनों दिन 50-50 करोड़ रुपये के करीब की शराब बिकी है. टैस्मैक प्रशासन ने जानकारी दी है कि दो दिनों में अकेले मदुरै में सबसे ज्यादा 104.70 करोड़ रुपये की शराब बिकी.
दिवाली से एक दिन पहले (11 नवंबर) को राज्य भर में 220.85 करोड़, और दिवाली (12 नवंबर) को 246.78 करोड़ रुपये की शराब बिकी है. यानी इन दो दिनों में कुल 467.15 करोड़ रुपये की शराब बिकी है.
इसमें 11 नवंबर को चेन्नई में 48 करोड़ रुपये, त्रिची में 40.02 करोड़ रुपये, सेलम में 39.78 करोड़ रुपये, मदुरै में सबसे ज्यादा 52.73 करोड़ रुपये और कोयंबटूर में 40.20 करोड़ रुपये की कुल बिक्री हुई.
दिवाली के दिन (12 नवंबर) को शराब की कुल बिक्री 246.78 करोड़ रुपये की हुई, जिसमें चेन्नई में 52.08 करोड़ रुपये, त्रिची में 55.60 करोड़ रुपये, सेलम में 46.62 करोड़ रुपये, मदुरै में 51.97 करोड़ रुपये और कोयंबटूर में 39.61 करोड़ रुपये की बिक्री हुई.
TASMAC प्रशासन ने बताया कि 11 और 12 नवंबर के आखिरी दो दिनों में मदुरै में अधिकतम 104.70 करोड़ रुपये और कोयंबटूर में न्यूनतम 79.81 करोड़ रुपये की शराब बेची गई.