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Howrah Express में बच्चे का जन्म, महिला आरपीएफ कर्मियों ने कराई डिलीवरी

पश्चिम बंगाल में ट्रेन के अंदर प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला के लिए तीन महिला आरपीएफ कर्मी देवदूत बनकर सामने आईं. आरपीएफ कर्मियों ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं (RPF personnel help woman deliver baby).

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Published : Oct 18, 2022, 6:31 PM IST

Howrah Express में बच्चे का जन्म
Howrah Express में बच्चे का जन्म

हावड़ा : जयपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में सफर कर रही एक गर्भवती का तीन महिला आरपीएफ कर्मियों ने सुरक्षित प्रसव कराया (woman deliver baby inside Jaipur Howrah Express). घटना सोमवार रात की है. रात करीब 10:12 बजे 12864 जयपुर-हावड़ा एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 18 पर पहुंची. इस दौरान महिला आरपीएफ कर्मी स्निग्धा बाला, पिंकी पांडे और ए. तिर्के रूटीन ड्यूटी पर प्लेटफॉर्म पर थीं. स्निग्धा ने ट्रेन के एस-6 डिब्बे से एक महिला की चीख सुनी. वह तुरंत ट्रेन के डिब्बे में गईं तो देखा कि एक महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही है.

बिना देर किए उसने दोनों ओर से ट्रेन के डिब्बे की खिड़कियों को चादर से ढाक दिया. फिर तीनों आरपीएफ कर्मियों ने महिला को ट्रेन के डिब्बे के अंदर बच्चे को जन्म देने में मदद की. प्रसव के बाद उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और नवजात व मां को रेलवे अस्पताल ले गए. वहां दोनों की गहनता से जांच की गई.

रेलवे अस्पताल सूत्रों के अनुसार फिलहाल मां और नवजात स्वस्थ हैं. पूर्वी रेलवे द्वारा महिला का विवरण प्रस्तुत करने के बाद पता चला कि उसका नाम ललिता गोंड है. वह असम के उडोलगिरी के दीमाकुची इलाके के चेहादगिचा में रहती है (Chehadagicha, Dimakuchi area of Udolgiri, Assam). उसका पति पदन उसके साथ कृष्णराजपुरम से हावड़ा जा रहा था. पत्नी को आरपीएफ कर्मियों से मिली मदद के लिए पति काफी शुक्रगुजार है. रेलवे की तरफ से भी आरपीएफ कर्मियों स्निग्धा, पिंकी और तिर्के के काम की तारीफ की गई है.

पढ़ें- संपर्क क्रांति में जन्मी बेटी का नाम क्रांति रखने पर ETV Bharat की खबर को मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे ने किया ट्वीट

हावड़ा : जयपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में सफर कर रही एक गर्भवती का तीन महिला आरपीएफ कर्मियों ने सुरक्षित प्रसव कराया (woman deliver baby inside Jaipur Howrah Express). घटना सोमवार रात की है. रात करीब 10:12 बजे 12864 जयपुर-हावड़ा एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 18 पर पहुंची. इस दौरान महिला आरपीएफ कर्मी स्निग्धा बाला, पिंकी पांडे और ए. तिर्के रूटीन ड्यूटी पर प्लेटफॉर्म पर थीं. स्निग्धा ने ट्रेन के एस-6 डिब्बे से एक महिला की चीख सुनी. वह तुरंत ट्रेन के डिब्बे में गईं तो देखा कि एक महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही है.

बिना देर किए उसने दोनों ओर से ट्रेन के डिब्बे की खिड़कियों को चादर से ढाक दिया. फिर तीनों आरपीएफ कर्मियों ने महिला को ट्रेन के डिब्बे के अंदर बच्चे को जन्म देने में मदद की. प्रसव के बाद उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और नवजात व मां को रेलवे अस्पताल ले गए. वहां दोनों की गहनता से जांच की गई.

रेलवे अस्पताल सूत्रों के अनुसार फिलहाल मां और नवजात स्वस्थ हैं. पूर्वी रेलवे द्वारा महिला का विवरण प्रस्तुत करने के बाद पता चला कि उसका नाम ललिता गोंड है. वह असम के उडोलगिरी के दीमाकुची इलाके के चेहादगिचा में रहती है (Chehadagicha, Dimakuchi area of Udolgiri, Assam). उसका पति पदन उसके साथ कृष्णराजपुरम से हावड़ा जा रहा था. पत्नी को आरपीएफ कर्मियों से मिली मदद के लिए पति काफी शुक्रगुजार है. रेलवे की तरफ से भी आरपीएफ कर्मियों स्निग्धा, पिंकी और तिर्के के काम की तारीफ की गई है.

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