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चन्नपटना की विरासत को वैश्विक पटल पर ब्रांड बनाएंगे मैसूर के शाही दंपती

मैसूर के शाही परिवार के सदस्य यदुवीर और त्रिशिका कुमारी चन्नपटना की गुड़िया को ऑनलाइन बेचने की तैयारी कर रहे हैं. चन्नपटना खिलौने मैसूर राजाओं के शासनकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रसिद्ध थे.

चन्नपटना के खिलौनों की मार्केटिंग.
चन्नपटना के खिलौनों की मार्केटिंग.
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Published : Jan 21, 2021, 10:09 PM IST

मैसूर : मैसूर के शाही दंपती यदुवीर और त्रिशिका चन्नपटना खिलौनों को बेचने के लिए ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. चन्नपटना के खिलौने मैसूर राजा के शासनकाल में काफी लोकप्रिय थी.

गुड़िया को ऑनलाइन बेचने की तैयारी
गुड़िया को ऑनलाइन बेचने की तैयारी

यदुवीर और त्रिशिका ने चन्नपटना खिलौने की दुकान का दौरा किया. ताकि खिलौनों के निर्माण, बिक्री और स्थायित्व के बारे में जानकारी ले सके. इस दौरान यदुवीर ने कहा कि हमारी विरासत और घरेलू सामान व्यवस्थित रूप से तैयार हैं. कम लागत वाले चीनी खिलौने प्लास्टिक से बने होते है और जल्दी खराब हो जाता है, लेकिन घर की बनी गुड़िया जैसे चन्नपटना की गुड़िया अधिक टिकाऊ हैं.

खिलौने को वैश्विक पटल पर ब्रांड बनाएंगे
खिलौने को वैश्विक पटल पर ब्रांड बनाएंगे

यदुवीर कहते हैं कि हमने अपने घरेलू उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने के लिए अब एक नया ऑनलाइन कारोबार शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. हमारी विरासत को बचाने के लिए इन खिलौनों की ऑनलाइन बिक्री की तैयारी चल रही है. यह प्रधानमंत्री द्वारा देशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के आह्वान से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि त्रिशा इस नए व्यवसाय की जिम्मेदारी लेंगी.

चन्नपटना की लकड़ी से बने खिलौने.
चन्नपटना की लकड़ी से बने खिलौने.

पढ़ें- महाकुंभ 2021 : शांतिकुंज बनेगा 'आधुनिक भगीरथ', घर-घर पहुंचाएंगे गंगा जल

चन्नपटना शहर लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां के कारीगर गुड़िया बनाने में माहिर होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने देश के खिलौनों को विश्व में पहचान देने के लिए यह कदम उठाए हैं. इन गुड़ियों को बनाने के लिए केवल प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. चन्नपटना के खिलौने हमारी विरासत और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

मैसूर : मैसूर के शाही दंपती यदुवीर और त्रिशिका चन्नपटना खिलौनों को बेचने के लिए ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. चन्नपटना के खिलौने मैसूर राजा के शासनकाल में काफी लोकप्रिय थी.

गुड़िया को ऑनलाइन बेचने की तैयारी
गुड़िया को ऑनलाइन बेचने की तैयारी

यदुवीर और त्रिशिका ने चन्नपटना खिलौने की दुकान का दौरा किया. ताकि खिलौनों के निर्माण, बिक्री और स्थायित्व के बारे में जानकारी ले सके. इस दौरान यदुवीर ने कहा कि हमारी विरासत और घरेलू सामान व्यवस्थित रूप से तैयार हैं. कम लागत वाले चीनी खिलौने प्लास्टिक से बने होते है और जल्दी खराब हो जाता है, लेकिन घर की बनी गुड़िया जैसे चन्नपटना की गुड़िया अधिक टिकाऊ हैं.

खिलौने को वैश्विक पटल पर ब्रांड बनाएंगे
खिलौने को वैश्विक पटल पर ब्रांड बनाएंगे

यदुवीर कहते हैं कि हमने अपने घरेलू उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने के लिए अब एक नया ऑनलाइन कारोबार शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. हमारी विरासत को बचाने के लिए इन खिलौनों की ऑनलाइन बिक्री की तैयारी चल रही है. यह प्रधानमंत्री द्वारा देशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के आह्वान से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि त्रिशा इस नए व्यवसाय की जिम्मेदारी लेंगी.

चन्नपटना की लकड़ी से बने खिलौने.
चन्नपटना की लकड़ी से बने खिलौने.

पढ़ें- महाकुंभ 2021 : शांतिकुंज बनेगा 'आधुनिक भगीरथ', घर-घर पहुंचाएंगे गंगा जल

चन्नपटना शहर लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां के कारीगर गुड़िया बनाने में माहिर होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने अपने देश के खिलौनों को विश्व में पहचान देने के लिए यह कदम उठाए हैं. इन गुड़ियों को बनाने के लिए केवल प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. चन्नपटना के खिलौने हमारी विरासत और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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