नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने गहलोत को समन जारी किया. साथ ही सात अगस्त को कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने गहलोत को समन जारी किया.
इससे पहले कोर्ट का ऑर्डर तैयार न होने की वजह से फैसला सुनने का मामला छह जुलाई तक के लिए टल गया था. इससे पहले गजेंद्र शेखावत की तरफ से वकीलों ने गहलोत को समन जारी करने पर अपना पक्ष रखा था. वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर तंज कसा है. उन्होंने लिखा है, 'कीचड़ उछालने वाले लाख है मगर, कंठ तक जल में गड़ा, मुस्कुराता है कमल, तभी तो जग को लुभाता है कमल.'
दिल्ली पुलिस को 3 बिंदुओं पर जांच करने का दिया था आदेशः इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत को आरोपी कहकर संबोधित किया था? क्या अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में आरोप साबित हुआ? संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है या फिर ये लोग मामले में आरोपी के तौर पर शामिल हैं.
बता दें, संजीवनी घोटाले को लेकर एक मामला राजस्थान हाईकोर्ट में भी लंबित है, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल हैं. इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में कई दौर की सुनवाई हो चुकी है.