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उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा: रेस्क्यू ऑपरेशन में ली जाएगी रोबोट की मदद, ऐसे बचेंगी 41 जिंदगियां

Robot help in Silkyara Tunnel accident सिलक्यारा सुरंग हादसे के आठवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में अब 6 विकल्पों पर काम किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब रेस्क्यू ऑपरेशन में रोबोट की मदद ली जाएगी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2023, 6:37 PM IST

Updated : Nov 19, 2023, 8:07 PM IST

Uttarkashi Tunnel Accident
उत्तरकाशी टनल हादसा
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा

उत्तरकाशी(उत्तराखंड): उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए अब रोबोट की भी मदद ली जाएगी. यह रोबोट सुरंग के अंदर आए मलबे के ऊपर बची थोड़ी सी जगह से दूसरी तरफ जाएगा. इस रोबोट के जरिए दूसरी तरफ पाइप आदि डालने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी दी.

Uttarkashi Tunnel Accident
ऐसे बचेंगी 41 जिंदगियां

बता दें 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 41 मजदूरों का जीवन संकट में है. वर्तमान में मजदूरों को बचाने के लिए पांच प्लान पर केंद्र व राज्य की करीब छह एजेंसियां काम कर रही हैं. जिसमें सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग, बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के ऊपर और दाएं व बाएं तरफ से ड्रिलिंग की तैयारी हो चुकी है. सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थाई रोड का निर्माण भी किया जा रहा है, लेकिन अब इन पांच प्लान के साथ छठें की भी तैयारी की जा रही है.

Uttarkashi Tunnel Accident
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा

पढ़ें- उत्तरकाशी टनल हादसे का 8वां दिन, नितिन गडकरी बोले - फंसे लोगों तक 2 से 3 दिन में पहुंच सकते हैं

  • #WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | Drone visuals from the Silkyara tunnel, a part of which collapsed in Uttarkashi on November 12. pic.twitter.com/h8RIhGYSz3

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने इस प्लान की जानकारी दी. उन्होंने बताया सुरंग के अंदर भूस्खलन के कारण जो मलबा आया है, उसके और सुरंग की ऊपरी छत के बीच थोड़ी बह़ुत जगह है. जिससे एक रोबोट को भेजकर दूसरे तरफ तक कितनी जगह है यह देखा जाएगा. जिससे दूसरी तरफ एक पाइप को भी डाला जा सकेगा. इस छठें प्लान को मजदूरों का जीवन बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया जगह बेहद संकरी होने से वहां कोई छोटा रोबोट ही जा सकता है. भारत सरकार या किसी निजी एजेंसी के पास ऐसा कहीं ऐसा रोबोट उपलब्ध होगा तो मंगाया जाएगा.

  • Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is reviewing with senior officers the relief and rescue operations of the landslide incident that occurred in the under-construction Silkyara Tunnel located on the Uttarkashi-Yamnotri road, at the camp office located at the CM… pic.twitter.com/tkhBcXgGr5

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- उत्तरकाशी टनल हादसा: कैसे बचेगी 41 मजदूरों की जान, जानिए रेस्क्यू ऑपरेशन का प्लान, 6 विकल्पों पर काम शुरू

रेस्क्यू में लग सकते हैं 30 से 40 घंटे: आपदा प्रबंधन सचिव डाॅ.सिन्हा ने बताया सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया अगर सब कुछ ठीक रहा और ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान कोई बाधा नहीं आई तो रेस्क्यू ऑपरेशन में 30 से 40 घंटे का समय लग सकता है.

पढ़ें--उत्तरकाशी टनल में 40 नहीं 41 मजदूर फंसे, 7वें दिन मिली जानकारी, PMO से पहुंची टीम

बड़कोट छोर से बनेगी दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग: निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव 4.5 किमी लंबी है. जिसमें बड़कोट छोर से अभी करीब 400 मीटर सुरंग की खुदाई शेष है, लेकिन अभी सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए बड़कोट छोर से भी खुदाई शुरू करवाई जा रही है. अभी उस छोर से पूरी खुदाई की जगह केवल दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी. इसमें काफी समय लग सकता है.

पढ़ें- उत्तरकाशी टनल हादसा: टनल में फंसे मजदूर सोने, खाने और शौच के लिए अपना रहे ये विकल्प, अब इस वजह से हो रही परेशानी

साइड टनल आपस में मलबे के आगे मिलेगी: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग के दाएं और बाएं से भी सुरंग बनाई जा रही है. ये दोनों निकासी सुरंगें भूस्खलन के मलबे के आगे मिलेंगी. जिससे अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकेंगे.

उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा

उत्तरकाशी(उत्तराखंड): उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 41 मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए अब रोबोट की भी मदद ली जाएगी. यह रोबोट सुरंग के अंदर आए मलबे के ऊपर बची थोड़ी सी जगह से दूसरी तरफ जाएगा. इस रोबोट के जरिए दूसरी तरफ पाइप आदि डालने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी दी.

Uttarkashi Tunnel Accident
ऐसे बचेंगी 41 जिंदगियां

बता दें 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 41 मजदूरों का जीवन संकट में है. वर्तमान में मजदूरों को बचाने के लिए पांच प्लान पर केंद्र व राज्य की करीब छह एजेंसियां काम कर रही हैं. जिसमें सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से ऑगर मशीन से ड्रिलिंग, बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के ऊपर और दाएं व बाएं तरफ से ड्रिलिंग की तैयारी हो चुकी है. सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थाई रोड का निर्माण भी किया जा रहा है, लेकिन अब इन पांच प्लान के साथ छठें की भी तैयारी की जा रही है.

Uttarkashi Tunnel Accident
उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसा

पढ़ें- उत्तरकाशी टनल हादसे का 8वां दिन, नितिन गडकरी बोले - फंसे लोगों तक 2 से 3 दिन में पहुंच सकते हैं

  • #WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | Drone visuals from the Silkyara tunnel, a part of which collapsed in Uttarkashi on November 12. pic.twitter.com/h8RIhGYSz3

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने इस प्लान की जानकारी दी. उन्होंने बताया सुरंग के अंदर भूस्खलन के कारण जो मलबा आया है, उसके और सुरंग की ऊपरी छत के बीच थोड़ी बह़ुत जगह है. जिससे एक रोबोट को भेजकर दूसरे तरफ तक कितनी जगह है यह देखा जाएगा. जिससे दूसरी तरफ एक पाइप को भी डाला जा सकेगा. इस छठें प्लान को मजदूरों का जीवन बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने बताया जगह बेहद संकरी होने से वहां कोई छोटा रोबोट ही जा सकता है. भारत सरकार या किसी निजी एजेंसी के पास ऐसा कहीं ऐसा रोबोट उपलब्ध होगा तो मंगाया जाएगा.

  • Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami is reviewing with senior officers the relief and rescue operations of the landslide incident that occurred in the under-construction Silkyara Tunnel located on the Uttarkashi-Yamnotri road, at the camp office located at the CM… pic.twitter.com/tkhBcXgGr5

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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रेस्क्यू में लग सकते हैं 30 से 40 घंटे: आपदा प्रबंधन सचिव डाॅ.सिन्हा ने बताया सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया अगर सब कुछ ठीक रहा और ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के दौरान कोई बाधा नहीं आई तो रेस्क्यू ऑपरेशन में 30 से 40 घंटे का समय लग सकता है.

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बड़कोट छोर से बनेगी दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग: निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव 4.5 किमी लंबी है. जिसमें बड़कोट छोर से अभी करीब 400 मीटर सुरंग की खुदाई शेष है, लेकिन अभी सुरंग के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए बड़कोट छोर से भी खुदाई शुरू करवाई जा रही है. अभी उस छोर से पूरी खुदाई की जगह केवल दो से ढाई मीटर व्यास की सुरंग तैयार की जाएगी. इसमें काफी समय लग सकता है.

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साइड टनल आपस में मलबे के आगे मिलेगी: सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए सुरंग के दाएं और बाएं से भी सुरंग बनाई जा रही है. ये दोनों निकासी सुरंगें भूस्खलन के मलबे के आगे मिलेंगी. जिससे अंदर फंसे मजदूर बाहर आ सकेंगे.

Last Updated : Nov 19, 2023, 8:07 PM IST
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