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क्या आपके RO का पानी सुरक्षित है? सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया बैन? - RO water

कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में आरओ का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सुनाया था. ऐसे में इस पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने कानपुर आईआईटी के विशेषज्ञों के जरिए इसके नुकसान जानने की कोशिश की? साथ ही यह भी जाना कि शुद्ध जल के क्या मानक होने चाहिए? चलिए जानते हैं इस बारे में.

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RO का पानी
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Published : Jun 8, 2022, 8:40 PM IST

कानपुर: कभी सेहत के लिए बेहद सुरक्षित माना जाने वाला RO का पानी अब गुणविहीन हो चुका है. इस पानी को पीने से फाय़दा कम नुकसान ज्यादा है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में इस पानी के उपयोग पर एनजीटी की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को हटाने से मना कर दिया था. इसके बाद ही RO के पानी के नुकसान सामने आए थे.

इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने IIT Kanpur में अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर इंद्रसेन से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर शुद्ध पानी पीना चाहते हैं, या कहीं अन्य उसका उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे पहले पानी की जांच करानी होगी. इसके लिए बाजार में कई तरह की किट उपलब्ध हैं. इसके साथ ही जलकल या नगर निगम जैसे कार्यालयों से भी जांच करा सकते हैं. उसमें जो अशुद्धि सामने आएगी, उसे दूर करने के लिए कोई तरीका अपनाना होगा. हजारों रुपये का आरओ लगाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा की पानी उबालकर पीना बेहद सुरक्षित है. प्रो. इंद्रसेन ने पानी से जुड़ी यह अहम जानकारियां दीं.

RO के नुकसान

  • आर्सेनिक, ले़ड, आयरन व कापर के महीन कणों को हटा देता है.
  • शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम तथा कार्बोनिक एसिड को कम कर देता है.
  • कम मिनरल्स न मिलने से सेहत कमजोर हो जाती है
  • सामान्य जल की तुलना में इस पानी की गुणवत्ता कम होती है

शुद्ध जल के मानक

  • इसकी पीएच वैल्यू 6.5 से सात के बीच होती है.
  • पीएच मात्रा 7.2 तक है तो पानी का उपयोग किया जा सकता है.
    7.2 से अधिक या 6.5 से कम होने पर पानी उपयोग लायक नहीं होता है.

ध्यान रखें

  • पानी में मिलने वाला इकोलाइ एलीमेंट्स (बैक्टीरिया) खतरनाक होता है.
  • इससे कई बीमारिय़ां हो सकती हैं, शरीर कमजोर हो सकता है.
  • पानी में आर्सेनिक कम होने पर आरओ की तलाश न करें, अन्य विकल्प देखें.
  • घर के पानी की गुणवत्ता की बीच-बीच में जांच जरूर कराते रहें.

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई रोक
बीते दिनों दिल्ली में पानी के सैंपल पर विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. RO बनाने वाली कंपनियों ने एनजीटी के दिल्ली के कुछ हिस्सों में RO बैन करने के फैसले के खिलाफ अर्जी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. एनजीटी ने उन इलाको में आरओ की बिक्री बैन की थी जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 एमजी प्रति लीटर से कम थी. इसी के बाद से आरओ की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे.

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कानपुर: कभी सेहत के लिए बेहद सुरक्षित माना जाने वाला RO का पानी अब गुणविहीन हो चुका है. इस पानी को पीने से फाय़दा कम नुकसान ज्यादा है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में इस पानी के उपयोग पर एनजीटी की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को हटाने से मना कर दिया था. इसके बाद ही RO के पानी के नुकसान सामने आए थे.

इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने IIT Kanpur में अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर इंद्रसेन से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर शुद्ध पानी पीना चाहते हैं, या कहीं अन्य उसका उपयोग करना चाहते हैं तो सबसे पहले पानी की जांच करानी होगी. इसके लिए बाजार में कई तरह की किट उपलब्ध हैं. इसके साथ ही जलकल या नगर निगम जैसे कार्यालयों से भी जांच करा सकते हैं. उसमें जो अशुद्धि सामने आएगी, उसे दूर करने के लिए कोई तरीका अपनाना होगा. हजारों रुपये का आरओ लगाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा की पानी उबालकर पीना बेहद सुरक्षित है. प्रो. इंद्रसेन ने पानी से जुड़ी यह अहम जानकारियां दीं.

RO के नुकसान

  • आर्सेनिक, ले़ड, आयरन व कापर के महीन कणों को हटा देता है.
  • शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम तथा कार्बोनिक एसिड को कम कर देता है.
  • कम मिनरल्स न मिलने से सेहत कमजोर हो जाती है
  • सामान्य जल की तुलना में इस पानी की गुणवत्ता कम होती है

शुद्ध जल के मानक

  • इसकी पीएच वैल्यू 6.5 से सात के बीच होती है.
  • पीएच मात्रा 7.2 तक है तो पानी का उपयोग किया जा सकता है.
    7.2 से अधिक या 6.5 से कम होने पर पानी उपयोग लायक नहीं होता है.

ध्यान रखें

  • पानी में मिलने वाला इकोलाइ एलीमेंट्स (बैक्टीरिया) खतरनाक होता है.
  • इससे कई बीमारिय़ां हो सकती हैं, शरीर कमजोर हो सकता है.
  • पानी में आर्सेनिक कम होने पर आरओ की तलाश न करें, अन्य विकल्प देखें.
  • घर के पानी की गुणवत्ता की बीच-बीच में जांच जरूर कराते रहें.

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लगाई रोक
बीते दिनों दिल्ली में पानी के सैंपल पर विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था. RO बनाने वाली कंपनियों ने एनजीटी के दिल्ली के कुछ हिस्सों में RO बैन करने के फैसले के खिलाफ अर्जी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. एनजीटी ने उन इलाको में आरओ की बिक्री बैन की थी जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 एमजी प्रति लीटर से कम थी. इसी के बाद से आरओ की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे.

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