पटना: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पूरी तरह से ठीक होकर पटना आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो डॉक्टरों से हरी झंडी मिलने के बाद ही लालू यादव दिल्ली से पटना का रुख कर रहे हैं. दोपहर 3 बजे लालू यादव पटना एयरपोर्ट पर पहुंच जाएंगे. उनके स्वागत के लिए पटना और राबड़ी आवास सजकर तैयार है. उनके स्वागत के लिए कई बड़े नेता एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे और उनका ग्रेंड वेलकम करेंगे.
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नीतीश को 'दिल्ली' भेजने पटना आ रहे लालू: नीतीश कुमार ये कहते रहे हैं कि वो सबकुछ तेजस्वी को सौंपकर खुद 'दिल्ली की सियासत' करेंगे. लेकिन तेजस्वी यादव को अकेले विपक्ष के हवाले करके जाने में नीतीश को डर सता रहा था. ऐसे में जब लालू यादव पटना आ जाएंगे तो नीतीश की राह आसान हो जाएगी. लालू अपने पुराने लिंक और दोस्ती को आगे रखकर नीतीश के दिल्ली के सफर को सुहाना बना देंगे. नीतीश को भी लालू यादव के पटना आने का बेसब्री से इंतजार है.
लालू के आने से नीतीश 'फील गुड': लालू भले ही दिल्ली में डेरा जमाकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे लेकिन बिहार और देश की सियासत उनसे छिपी नहीं थी. हर बड़ा नेता समय समय पर उनसे मुलाकात करता था. महागठबंधन-2 के कार्यकाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी दिल्ली जाते थे तो लालू यादव से जरूर मुलाकात कर उनका मार्गदर्शन लेते थे. 'विपक्ष की एकजुटता मीटिंग' से पहले भी नीतीश ने लालू यादव से मीसा भारती के आवास पर जाकर मुलाकात की थी. अब जब लालू खुद पटना आ जाएंगे तो विपक्ष की हर चाल का तोड़ निकालेंगे.
पार्टी की हर गतिविधि पर लालू की नजर : लालू यादव ने दिल्ली के मीसा भारती आवास से ही पार्टी की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी. कई ऐसे काम हैं जो आज भी अटके हुए हैं. जैसे लंबे समय से बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा की जा रही थी. कैबिनेट विस्तार भी लालू के आने के इंतजार में अटका रहा. अब जब लालू प्रसाद पटना पहुंचेंगे तो कैबिनेट विस्तार को लेकर रणनीति भी बननी शुरू हो जाएगी. वहीं नीतीश की विपक्षी एकता की मुहिम में लालू का सीधा-सीधा साथ मिलेगा. अभी तक नीतीश कुमार के हर फैसले में तेजस्वी यादव को साथ देखा जाता रहा है.
लालू को बरतनी होगी ये सावधानी..: हालांकि बिहार में कोरोना संक्रमण भी फैल रहा है ऐसे में एक किडनी ट्रांसप्लांट कराए मरीज को काफी कुछ एहतियात बरतनी होगी. दिल्ली और सिंगापुर के डॉक्टरों ने भी इसके लिए चेतावनी दी है. डॉक्टरों की सलाह है कि वो कम से कम लोगों से मिलें. क्योंकि ट्रांसप्लांट के 6 महीने तक मरीज को संभलकर रहना होता है. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि कम से कम लोग ही मिलें ताकि संक्रमण के खतरे को टाला जा सके. लालू यादव की बेटियों मीसा और रोहिणी आचार्य ने भी सेहत पर ध्यान रखने की ताकीद की है.