कुम्ता (उत्तर कन्नड़) : श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए कई प्रकार के उपाय करते हैं. कोई दान-दक्षिणा देकर तो कोई व्रत रखकर भगवान से मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करता है. लेकिन कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए उबलते तेल में हाथ डाल देते हैं.
जी हां, कुमता शहर में स्थित कामाक्षी देवी मंदिर की यह अनोखी प्रथा है, जहां भक्त अपने नंगे हाथों से उबलते तेल में से तले हुए वड़े निकालते हैं. साथ ही ये वड़े देवी कामाक्षी को चढ़ाया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, कामाक्षी देवी मंदिर में 15 दिवसीय वार्षिक मेले का आयोजन किया गया. इस मेले को 'वड़ा हुन्निमे जठरे' (वड़ा पूर्णिमा मेला) कहा जाता है. यह मेला अश्विनी माह या भूमि हुन्निमे की पूर्णिमा के दिन संपन्न होता है. इस मेले के अंतिम दिन यानि 15वें दिन श्रद्धालुओं ने गर्म तेल से वड़े निकालने की प्रथा पूरी की और वही वड़े कामाक्षी देवी को चढ़ाया गया.
लोगों का मानना है कि इस प्रथा को पूरी करने पर देवी कामाक्षी भी उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगी.
दिलचस्प बात यह है कि अब तक जो लोग उबलते हुए तेल में हाथ डुबोते हैं, उन्हें जलन या हाथों पर चोट जैसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है. इस मेले को देखने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों और गोवा और महाराष्ट्र से भी हजारों भक्त आते हैं.
जो श्रद्धालु इस अनुष्ठान को पूरा करने की सोचते हैं, उन्हें कुछ नियमों का पालन भी करना होता है. मेला शुरू होने के तीन दिन पहले से उन्हें नॉन वेज खाना छोड़ना पड़ता है. उबलते तेल में हाथ डालने से पहले उन्हें मंदिर परिसर में पवित्र स्नान करना पड़ता है.
गौरतलब है कि पिछली बार कोविड-19 के कारण मेला सरल तरीके से मनाया गया था. इस वर्ष कुछ एहतियाती उपायों के साथ उत्सव मनाया गया और मेला कल समाप्त हो गया है.