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मासूम 'राज' पर मजबूरियां पड़ी भारी, परिवार की दुश्ववारियों ने वक्त से पहले समझा दी 'जिम्मेदारी' - 8 year old raj selling raincoats in rishikesh

ऋषिकेश के मायाकुंड के पास रहने वाले 8 साल के मासूम राज को परिस्थितियों ने इतना मजबूर कर दिया है कि वो सड़कों पर बरसाती और दूसरे सामान बेचने को मजबूर है. राज, किताब उठाने की उम्र में परिवार की जिम्मेदारियां अपने कंधों पर उठा रहा है. हालातों ने ऋषिकेश के इस मासूम को समय से पहले ही बड़ा बना दिया है.

Story of the Raj of Rishikes
मजबूरियां मासूम 'राज' पर पड़ी भारी
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Published : Jul 12, 2023, 1:16 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 3:44 PM IST

परिवार की दुश्ववारियों ने वक्त से पहले समझा दी 'जिम्मेदारी'

ऋषिकेश (उत्तराखंड): 'पापा मर गए, मां काम पर गई है'...ये शब्द 8 साल के मासूम राज के हैं, जो आसमान से बरस रही 'आफत' के बीच जिंदगी की गाड़ी दौड़ाने की कोशिश कर रहा है. कहते हैं वक्त की मार जब इंसान पर पड़ती है तो वो उम्र नहीं देखती. ऐसी परिस्थिति में इंसान कुछ भी करने को मजबूर हो जाता है. ऋषिकेश मायाकुंड में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां 8 साल के मासूम पर मजबूरियां भारी पड़ती दिख रही हैं. जिस वक्त इस मासूम को खिलौनों से खेलना चाहिए था, उस वक्त में ये मासूम जिंदगी की कड़वी हकीकतों से जूझ रहा है.

तर-बतर होकर सड़कों पर भटक रहा मासूम: वक्त की मार का शिकार ये मासूम फिर भी हालातों को हराकर बड़ी ही जिंदादिली से जिंदगी से जंग लड़ रहा है. 8 साल के इस मासूम का नाम राज है. इतनी छोटी उम्र में ही राज जीवन को समझने लगा है. यही वजह है कि भयंकर बारिश के बीच वो बरसाती बेचकर अपनी तीन बड़ी बहनों और मां का पेट पाल रहा है. राज को सड़क पर यूं अकेला भीगता देख कुछ लोगों ने उसे अपने पास बुलाया और उससे हालचाल पूछा. जब राज से पूछा गया कि वो बरसाती बेचकर कितने पैसे कमा लेता है तो उस मासूम का कहना था- 30 रुपये.

परिवार की दुश्ववारियों ने वक्त से पहले समझा दी जिम्मेदारियां: सावन के महीने में उत्तराखंड में जबरदस्त बारिश का दौर जारी है. भारी बारिश के बीच ऋषिकेश की सड़कों पर ये 8 साल का बच्चा बरसाती बेचते हुए दिखाई दे रहा है. कई साल पहले सिर से पिता का साया उठने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मां बेटे को स्कूल न भेज सकी. राज की तीन बड़ी बहने हैं. सबसे छोटा होने के बाद भी राज ने खुद अपने कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी उठा ली है. जिसके कारण वो सड़कों पर भारी बारिश के बीच खुद की चिंता किए बिना बरसाती बेचने में लगा है.
पढ़ें- उत्तराखंड में अब महिलाएं भी कर सकेंगी Night Shift, धामी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला

मां-बहनों की मदद कर रहा बच्चा: बरसाती बेचकर कमाए गये चंद रुपयों से ही राज के परिवार का गुजर बसर होता है. इन्हीं पैसों से राज तीन बड़ी बहनों और मां का पेट पाल रहा है. जब राज से इसके बारे में बात की गई तो उसने बताया कि उसकी मां और तीनों बहनें लोगों के घरों में बर्तन मांजने और झाड़ू पोछा लगाने का काम करती हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वो भी सड़कों पर बारिश के दौरान बरसाती बेचने में लगा है. मौसम साफ होने पर दूसरे दिनों में कई प्रकार का सामान सड़कों पर बेचता है.
पढ़ें- उत्तराखंड में महिलाओं और बच्चों संबंधी अपराध को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने पर जोर, CM ने दिए ये निर्देश

एक सच्ची मदद की जरूरत: इसे वक्त की मार ही कहेंगे कि जिस उम्र में राज के कंधे पर स्कूल का बैग होना चाहिए था, उस उम्र में उसके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी है. छोटा सा राज इस जिम्मेदारी को अपने स्तर से निभा भी रहा है. दूसरी ओर राज उन सभी के लिए प्रेरणा बन रहा है जो जिंदगी की जद्दोजहद के बीच अपने परिवार को पालने की जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं. अगर राज को सरकारी व सामाजिक संगठनों का सहयोग मिल जाए तो हो सकता है वो भविष्य में अपनी मेहनत से आकाश की बुलंदियों को छूकर शहर का नाम रोशन कर दे.

परिवार की दुश्ववारियों ने वक्त से पहले समझा दी 'जिम्मेदारी'

ऋषिकेश (उत्तराखंड): 'पापा मर गए, मां काम पर गई है'...ये शब्द 8 साल के मासूम राज के हैं, जो आसमान से बरस रही 'आफत' के बीच जिंदगी की गाड़ी दौड़ाने की कोशिश कर रहा है. कहते हैं वक्त की मार जब इंसान पर पड़ती है तो वो उम्र नहीं देखती. ऐसी परिस्थिति में इंसान कुछ भी करने को मजबूर हो जाता है. ऋषिकेश मायाकुंड में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां 8 साल के मासूम पर मजबूरियां भारी पड़ती दिख रही हैं. जिस वक्त इस मासूम को खिलौनों से खेलना चाहिए था, उस वक्त में ये मासूम जिंदगी की कड़वी हकीकतों से जूझ रहा है.

तर-बतर होकर सड़कों पर भटक रहा मासूम: वक्त की मार का शिकार ये मासूम फिर भी हालातों को हराकर बड़ी ही जिंदादिली से जिंदगी से जंग लड़ रहा है. 8 साल के इस मासूम का नाम राज है. इतनी छोटी उम्र में ही राज जीवन को समझने लगा है. यही वजह है कि भयंकर बारिश के बीच वो बरसाती बेचकर अपनी तीन बड़ी बहनों और मां का पेट पाल रहा है. राज को सड़क पर यूं अकेला भीगता देख कुछ लोगों ने उसे अपने पास बुलाया और उससे हालचाल पूछा. जब राज से पूछा गया कि वो बरसाती बेचकर कितने पैसे कमा लेता है तो उस मासूम का कहना था- 30 रुपये.

परिवार की दुश्ववारियों ने वक्त से पहले समझा दी जिम्मेदारियां: सावन के महीने में उत्तराखंड में जबरदस्त बारिश का दौर जारी है. भारी बारिश के बीच ऋषिकेश की सड़कों पर ये 8 साल का बच्चा बरसाती बेचते हुए दिखाई दे रहा है. कई साल पहले सिर से पिता का साया उठने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मां बेटे को स्कूल न भेज सकी. राज की तीन बड़ी बहने हैं. सबसे छोटा होने के बाद भी राज ने खुद अपने कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी उठा ली है. जिसके कारण वो सड़कों पर भारी बारिश के बीच खुद की चिंता किए बिना बरसाती बेचने में लगा है.
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मां-बहनों की मदद कर रहा बच्चा: बरसाती बेचकर कमाए गये चंद रुपयों से ही राज के परिवार का गुजर बसर होता है. इन्हीं पैसों से राज तीन बड़ी बहनों और मां का पेट पाल रहा है. जब राज से इसके बारे में बात की गई तो उसने बताया कि उसकी मां और तीनों बहनें लोगों के घरों में बर्तन मांजने और झाड़ू पोछा लगाने का काम करती हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वो भी सड़कों पर बारिश के दौरान बरसाती बेचने में लगा है. मौसम साफ होने पर दूसरे दिनों में कई प्रकार का सामान सड़कों पर बेचता है.
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एक सच्ची मदद की जरूरत: इसे वक्त की मार ही कहेंगे कि जिस उम्र में राज के कंधे पर स्कूल का बैग होना चाहिए था, उस उम्र में उसके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी है. छोटा सा राज इस जिम्मेदारी को अपने स्तर से निभा भी रहा है. दूसरी ओर राज उन सभी के लिए प्रेरणा बन रहा है जो जिंदगी की जद्दोजहद के बीच अपने परिवार को पालने की जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं. अगर राज को सरकारी व सामाजिक संगठनों का सहयोग मिल जाए तो हो सकता है वो भविष्य में अपनी मेहनत से आकाश की बुलंदियों को छूकर शहर का नाम रोशन कर दे.

Last Updated : Jul 13, 2023, 3:44 PM IST
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