गुवाहाटी : असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा (Assam Congress president Ripun Bora) ने बुधवार को कहा कि हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव से पहले उनके कुछ समर्थकों को टिकट नहीं दिये जाने के बाद उन्होंने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में भाग लेना बंद कर दिया था.
बोरा ने टिकट वितरण की प्रक्रिया पर असंतोष का संकेत देते हुए संवाददाताओं से कहा, 'जब मैं अपने 6-7 समर्थकों को टिकट नहीं दिला सका, तो मैंने और किसी उम्मीदवार के नाम की सिफारिश नहीं की. मैंने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में बिल्कुल हस्तक्षेप नहीं किया.'
कांग्रेस ने असम में 126 विधानसभा सीटों में से 95 पर अपने प्रत्याशियों को उतारा था, जिनमें से 29 जीते. क्या चयन प्रक्रिया से हटने से इस प्रक्रिया की गुणवत्ता प्रभावित हुई, इस सवाल के जवाब में बोरा ने कहा, 'ये गोपनीय विषय हैं और मैं निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ता हूं. इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बोलना मेरे लिए सही नहीं होगा. मैं यह भी नहीं कह रहा कि मेरे समर्थक इन सीटों पर जीत जाते. लेकिन सच यह है कि हम उन सीटों पर हार गये.
चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व के मुद्दे पर बोलना शुरू कर दिया और उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में पैसों के लेन-देन के आरोप लगे.
इस बारे में बोरा ने कहा, 'हमने अनुशासनहीनता, टिकट वितरण और पैसों के लेन-देन जैसे चुनाव से संबंधित सभी विषयों पर पड़ताल के लिए विधायक सुशांत बोरगोहाईं की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई.'
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समिति को एक महीने में रिपोर्ट देनी थी लेकिन कोविड-19 के कारण इसमें थोड़ी देर होगी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के नेतृत्व में भी एक समिति ने 2021 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट तैयार की है.
(पीटीआई भाषा)