नई दिल्ली/गाजियाबाद : कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तकरीबन तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. बीते दिनों गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन शुक्रवार से गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की तादाद में इजाफा हुआ है.
'सरकार को समझना चाहिए'
हिसार में हुई महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा था कि गलतफहमी में न रहे सरकार, जरूरत पड़ी तो एक फसल की कुर्बानी दे देंगे किसान. कल राकेश टिकैत का बयान आता है और आज बिजनौर का एक किसान अपनी गेहूं की खड़ी फसल को जोत देता है.
इस पर राकेश टिकैत ने कहा सरकार को समझना चाहिए. किसान इस तरह फसल को नष्ट करने का कदम न उठाए. आंदोलन के चलते किसान की फसल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, किसान खेत पर भी नजर बनाए रखेगा और आंदोलन में भी शामिल होगा.
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गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को युवा किसान का जन्मदिन मनाया गया. अब कई किसान गाजीपुर बार्डर पर अपने सगाई समारोह की भी तैयारी कर रहे हैं. राकेश टिकैत ने बताया कि गाजीपुर पर अगले महीने एक किसान की रिंग सेरेमनी होगी, जिसमें सभी किसान शामिल होंगे. किसान आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि गांवों से रोटेशन में किसान आएंगे, जिससे कि खेत का काम प्रभावित न हो.