श्रीनगर : अक्टूबर में हुए टी-20 मैच में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसको को लेकर रिहाई मंच ने सवाल उठाया है. यह तीनों छात्र आगरा के प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए, मानवाधिकार संगठन रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाया और कहा कि यह अवैध और असंवैधानिक है.
उन्होंने कहा कि अगर किसी देश के खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं और उनके खेल की सराहना कोई करता है तो उस पर देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता. अगर भारत अच्छा खेलता है तो बेशक उसकी तारीफ होनी चाहिए और अगर कोई दूसरा देश खेल में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसकी तारीफ करने में कोई दिक्कत नहीं है.
उन्होंने कहा कि खेल की तारीफ करने पर देशद्रोह जैसी धारा के तहत कार्रवाई करना चिंता का विषय है.
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उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे अपना वकील चुनने का अधिकार है. सीआरपीसी 303 के तहत, अगर उसके पास वकील रखने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, तो उसे वकील प्रदान करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है. इसलिए अगर आगरा के वकीलों ने इस मामले को आगे बढ़ाने का बहिष्कार करने की घोषणा की है, तो यह सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि वह कश्मीर के इन तीन छात्रों के लिए एक वकील की व्यवस्था करें.
उन्होंने कहा कि अगर आगरा या राज्य के किसी अन्य जिले में वकील मामले को आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं, तो रिहाई मंच मामले को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, चाहे कुछ भी हो.
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