चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में रार (Rift in Punjab Congress) थमती नहीं दिख रही. ताजा घटनाक्रम में पंजाब के गृह मंत्री रंधावा ने कहा, 'सिद्धू को कुछ समस्या (Sidhu has some problem randhawa) है. उनके परिवार के साथ पुराने संबंध हैं. लेकिन जब से मैं पंजाब का गृह मंत्री बना हूं, तब से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मुझसे नाराज हैं. अगर उन्हें गृह मंत्रालय चाहिए, तो मैं पद छोड़ने के लिए तैयार हूं.' (ready to leave minister chair says randhawa)
बता दें कि आंतरिक कलह के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पद छोड़ना पड़ा था. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को मुख्यमंत्री बनाया गया है.
गौरतलब है कि अमरिंदर से इस्तीफे से पहले से ही पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह चरम पर दिख रहा है. डैमेज कंट्रोल की तमाम कवायदों के बावजूद कांग्रेस का बिखराव लगातार हो रहा है. इसका प्रमाण उस समय मिला था जब सितंबर, 2021 के अंतिम सप्ताह में कई कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था.
दरअसल, नाराजगी का इजहार करते हुए पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से पहले इस्तीफा दिया था. इसके बाद पंजाब कैबिनेट में शामिल किए जाने के दो दिन के बाद ही हुईं रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दिया था. सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद रजिया सुल्ताना ने भी मंगलवार को ही राज्य सरकार का कैबिनेट मंत्री पद छोड़ दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भेजे त्यागपत्र में सुल्ताना ने कहा कि वह 'नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे रही हैं.
बता दें कि रजिया सुल्ताना को जल आपूर्ति और स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास तथा मुद्रण एवं स्टेशनरी विभागों का प्रभार सौंपा गया था. अमरिंदर सिंह नीत सरकार में वह परिवहन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही थीं.
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इसके अलावा कांग्रेस महासचिव योगेंद्र ढींगरा और पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंद्र चहल ने भी इस्तीफा दिया. चन्नी के सीएम बनने के बाद कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के भी इस्तीफा देने की बात सामने आई थी. हालांकि, उन्होंने इसका खंडन किया था. परगट ने कहा था कि उनके इस्तीफे की खबरें महज अफवाह हैं. कांग्रेस पार्टी महासचिव और कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया है, इसकी मुझे जानकरी नहीं है.
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी को झटका दिया था. हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे.
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बता दें कि गत 19 सितंबर को चरनजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस का दलित चेहरा हैं और पंजाब की चमकौर साहिब सीट से विधायक हैं. वो विधानसभा में नेता विपक्ष और सरकार में मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं. चन्नी कांग्रेस पार्टी के युवा चेहरे कहे जा सकते हैं. उनकी उम्र महज 48 वर्ष है. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं. 2012 के चुनावों में वे अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3659 वोटों के अंतर से हराकर निर्वाचित हुए थे.
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इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने 22 सितंबर को कहा था कि वह सिद्धू को पंजाब का सीएम बनने से रोकने के लिए वो कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. कैप्टन ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू सीएम चेहरा हुए तो उनके खिलाफ अपना मजबूत उम्मीदवार उतारूंगा और सिद्धू को किसी भी हाल में मुख्यमंत्री नहीं बनने दूंगा क्योंकि वह देश के लिए बड़ा खतरा हैं.
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2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था. बताया जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, मगर बीजेपी ने अरुण जेटली को उम्मीदवार बना दिया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी तो सिद्धू राहुल और प्रियंका के करीबियों में शुमार हो गए. वह अमरिंदर की सरकार में पर्यटन और नगर निकाय के मंत्री बने. यही से अमरिंदर और सिद्धू में खटपट शुरू हुई.
(एएनआई)