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कहां सात लाख के इनामी नक्सली दंपति ने किए चौंकाने वाले खुलासे ? - लोन वर्राटू अभियान को मिल रही सफलता

दंतेवाड़ा पुलिस को नक्सलियों के साथ जंग में बड़ी कामयाबी मिली है. सात लाख रुपये के इनामी हार्डकोर नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर के बाद सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए.

Reward Naxalite couple surrendered in Dantewada
सात लाख के इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर
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Published : May 17, 2022, 9:30 PM IST

दंतेवाड़ा: नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में दंतेवाड़ा पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सात लाख के इनामी नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. लाल आतंक का रास्ता छोड़ने के बाद दोनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने नक्सली बर्बरता और जुल्म की कहानी को बंया की है. सरेंडर के बाद सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने पुलिस को बताया कि नक्सली उनको प्रताड़ित करते थे. जब उन्होंने शादी की बात नक्सलियो के टॉप लीडर्स को बताई तो शादी के पहले उनकी नसबंदी करवा दी गई.

शादी के बाद करते थे प्रताड़ित: नक्सली हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने नक्सलियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि "शादी करने की बात जब उन लोगों ने नक्सलियों के टॉप लीडर्स को बताई तब से उन्हें परेशान किया जाने लगा. नक्सलियों के बड़े लीडरों ने शादी से पहले नसबंदी करवा दी. बीमार होने पर उन्हें आराम नहीं करने दिया जाता था". उन्होंने नक्सलियों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है. पहले हुर्रा की नसबंदी करवाई गई.फिर 2018 में इनकी शादी करवा दी गई.

सात लाख के इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर

महिला नक्सली बुधरी माड़ावी ने भी नक्सलियोें पर लगाए गंभीर आरोप: शादी के बाद बुधरी एकाएक बीमार पड़ने लग गई थी. शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं थी. हथियार पकड़कर जंगल में कुछ दूर चलती तो हाथ-पैर में सूजन आ जाते थे. दर्द से तड़पती थी, लेकिन बड़े लीडर्स संगठन के कामों के लिए दबाव बनाते थे. काफी प्रताड़ित करते थे. नक्सली हुर्रा कुंजाम ने बताया कि पत्नी की तकलीफों को देख नहीं पाया, इसलिए संगठन छोड़ने का निर्णय ले लिया. रात के अंधेरे में किसी तरह से छिपते-छिपाते जंगल से बाहर आ गए. फिर दंतेवाड़ा पुलिस और CRPF के अधिकारियों के सामने आकर सरेंडर किया.

ये भी पढ़ें: Lone Varratu campaign: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान का असर, लगातार सरेंडर कर रहे नक्सली

42 जवानों की शहादत के जिम्मेदार: पुलिस के मुताबिक दोनों नक्सली बुरकापाल, मैलावाड़ा, शायमगिरी जैसी कई बड़ी मुठभेड़ों में शामिल रहकर इसको अंजाम दिया है. इन मुठभेड़ों में कुल 42 जवानों की शहादत हुई. नक्सली हुर्रा कुंजाम पर शासन की तरफ से पांच लाख रुपये का इनाम था. जबकि बुधरी मड़ावी पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था. दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया ''नक्सल दंपति ने सरेंडर किया है. दंपति पर 7 लाख का इनाम घोषित किया गया था. दोरनापाल, मैलावाड़ा ब्लास्ट, श्यामगिरी नक्सली हमले जैसी बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है. हम इनका स्वागत करते हैं. करीब 40 से ज्यादा जवानों की शहादत की घटनाओं में ये शामिल रहे हैं.''

नक्सली हुर्रा कुंजाम और बुधरी मड़ावी इन घटनाओं में थे शामिल

  1. साल 2014 में दंतेवाड़ा के श्यामगिरी में सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे जवानों के साथ फायरिंग की घटना. इसमें 5 जवान शहीद हुए थे.
  2. साल 2014 में मैलावाड़ा में IED ब्लास्ट. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे.
  3. साल 2017 में बुरकापाल में CRPF के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की घटना. जिसमें 25 जवानों की शहादत हुई थी
  4. साल 2017 में मदाड़ी में IED ब्लास्ट की घटना, इस घटना में पांच जवान शहीद हुए थे

ये भी पढ़ें: दंतेवाड़ा में सरेंडर नक्सलियों के लिए लोन वर्राटू हब में जानिए क्या है खास ?

लोन वर्राटू अभियान को मिल रही सफलता: बस्तर में लोन वर्राटू अभियान को लगातार सफलता मिल रही है. दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया ''अबतक लोन वर्राटू अभियान में करीब 539 लोगों ने सरेंडर किया है. जिनमें 103 इनामी नक्सली हैं. एक आम जीवन जीने की चाहत और मुख्यधारा में जुड़कर विकास का भागीदार बनना लोगों के सरेंडर के प्रमुख कारण रहे हैं.''

दंतेवाड़ा: नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में दंतेवाड़ा पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर सात लाख के इनामी नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. लाल आतंक का रास्ता छोड़ने के बाद दोनों नक्सलियों ने पुलिस के सामने नक्सली बर्बरता और जुल्म की कहानी को बंया की है. सरेंडर के बाद सेक्शन कमांडर हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने पुलिस को बताया कि नक्सली उनको प्रताड़ित करते थे. जब उन्होंने शादी की बात नक्सलियो के टॉप लीडर्स को बताई तो शादी के पहले उनकी नसबंदी करवा दी गई.

शादी के बाद करते थे प्रताड़ित: नक्सली हुर्रा कुंजाम और उसकी पत्नी बुधरी माड़वी ने नक्सलियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि "शादी करने की बात जब उन लोगों ने नक्सलियों के टॉप लीडर्स को बताई तब से उन्हें परेशान किया जाने लगा. नक्सलियों के बड़े लीडरों ने शादी से पहले नसबंदी करवा दी. बीमार होने पर उन्हें आराम नहीं करने दिया जाता था". उन्होंने नक्सलियों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है. पहले हुर्रा की नसबंदी करवाई गई.फिर 2018 में इनकी शादी करवा दी गई.

सात लाख के इनामी नक्सली दंपति का सरेंडर

महिला नक्सली बुधरी माड़ावी ने भी नक्सलियोें पर लगाए गंभीर आरोप: शादी के बाद बुधरी एकाएक बीमार पड़ने लग गई थी. शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं थी. हथियार पकड़कर जंगल में कुछ दूर चलती तो हाथ-पैर में सूजन आ जाते थे. दर्द से तड़पती थी, लेकिन बड़े लीडर्स संगठन के कामों के लिए दबाव बनाते थे. काफी प्रताड़ित करते थे. नक्सली हुर्रा कुंजाम ने बताया कि पत्नी की तकलीफों को देख नहीं पाया, इसलिए संगठन छोड़ने का निर्णय ले लिया. रात के अंधेरे में किसी तरह से छिपते-छिपाते जंगल से बाहर आ गए. फिर दंतेवाड़ा पुलिस और CRPF के अधिकारियों के सामने आकर सरेंडर किया.

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42 जवानों की शहादत के जिम्मेदार: पुलिस के मुताबिक दोनों नक्सली बुरकापाल, मैलावाड़ा, शायमगिरी जैसी कई बड़ी मुठभेड़ों में शामिल रहकर इसको अंजाम दिया है. इन मुठभेड़ों में कुल 42 जवानों की शहादत हुई. नक्सली हुर्रा कुंजाम पर शासन की तरफ से पांच लाख रुपये का इनाम था. जबकि बुधरी मड़ावी पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था. दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया ''नक्सल दंपति ने सरेंडर किया है. दंपति पर 7 लाख का इनाम घोषित किया गया था. दोरनापाल, मैलावाड़ा ब्लास्ट, श्यामगिरी नक्सली हमले जैसी बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. लोन वर्राटू अभियान और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है. हम इनका स्वागत करते हैं. करीब 40 से ज्यादा जवानों की शहादत की घटनाओं में ये शामिल रहे हैं.''

नक्सली हुर्रा कुंजाम और बुधरी मड़ावी इन घटनाओं में थे शामिल

  1. साल 2014 में दंतेवाड़ा के श्यामगिरी में सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे जवानों के साथ फायरिंग की घटना. इसमें 5 जवान शहीद हुए थे.
  2. साल 2014 में मैलावाड़ा में IED ब्लास्ट. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे.
  3. साल 2017 में बुरकापाल में CRPF के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की घटना. जिसमें 25 जवानों की शहादत हुई थी
  4. साल 2017 में मदाड़ी में IED ब्लास्ट की घटना, इस घटना में पांच जवान शहीद हुए थे

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लोन वर्राटू अभियान को मिल रही सफलता: बस्तर में लोन वर्राटू अभियान को लगातार सफलता मिल रही है. दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया ''अबतक लोन वर्राटू अभियान में करीब 539 लोगों ने सरेंडर किया है. जिनमें 103 इनामी नक्सली हैं. एक आम जीवन जीने की चाहत और मुख्यधारा में जुड़कर विकास का भागीदार बनना लोगों के सरेंडर के प्रमुख कारण रहे हैं.''

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