ETV Bharat / bharat

Remdesivir and Tocilizumab : आपात प्रयोग के लिए संशोधित दिशानिर्देश, विशेषज्ञ बोले- हेपरिन का भी हो प्रयोग

कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने आपात स्थिति में रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के उपयोग का सुझाव दिया है. रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के आपात उपयोग संबंधी सुझाव संशोधित दिशानिर्देश के तहत जारी किए हैं. स्वास्थ्य मामलों के जानकार डॉ तमोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने हेपरिन के उपयोग (heparin use for covid) का भी सुझाव दिया है. रेमडेसिविर और टोसीलिजुमैब के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि जब सभी जरूरी मापदंड पूरे हो जाएं, तभी इनका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

Dr Tamorish Kole
डॉ तमोरिश कोले
author img

By

Published : Jan 17, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Jan 17, 2022, 11:08 PM IST

नई दिल्ली : ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण कोविड-19 महामारी लगातार बढ़ रही है. कोविड-19 प्रबंधन के लिए संशोधित क्लिनिकल गाइडलाइन भी जारी की गई है. दिशानिर्देशों में आपातकालीन आधार पर रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के उपयोग का सुझाव दिया गया है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि दोनों दवाओं का आपात उपयोग सभी 'मानदंडों' को पूरा करने के बाद ही किया जाए.

संशोधित दिशानिर्देशों पर ईटीवी भारत ने डॉ तमोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) से बात की. उन्होंने बताया कि उपचार चार्ट से कम आणविक भार वाला हेपरिन (low molecular weight heparin) गायब है. उन्होंने बताया कि हेपरिन थक्कारोधी दवाओं का एक वर्ग (anticoagulant medications) है. उन्होंने कहा कि उपचार के लिए हेपरिन का भी प्रयोग किया जाना चाहिए. डॉ कोले ने कहा कि रेमडेसिविर और टोसीलिजुमैब का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब सभी जरूरी मापदंड पूरे हो जाएं. डॉ तमोरिश एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency medicine) के अध्यक्ष हैं.

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वयस्क लोगों में कोरोना संक्रमण (Covid19) के प्रबंधन के लिए संशोधित ​​​​दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें सुझाव दिया गया है कि कोरोना के लक्षण दिखने के शुरुआत 10 दिनों में रोगियों को रेमडेसिविर दवा दी जा सकती है. ऐसे रोगी मध्यम से गंभीर रूप से बीमार होते हैं. इन्हें अलग से ऑक्सीजन दिए जाने की आवश्यकता (requiring supplemental oxygen) होती है.

दिशानिर्देशों में कहा गया है, कोविड-19 के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर का प्रयोग पांच दिनों के लिए ही किया जाए, इस पर विचार करें. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसका उपयोग उन रोगियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जिन्हें या तो ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है या मरीज घरेलू वातावरण में है.

यह भी पढ़ें- अप्रैल-मई में मांग में अचानक वृद्धि से रेमडेसिविर व टोसिलिज़ुमैब की कमी महसूस की गयी : सरकार

टोसीलिज़ुमैब (Tocilizumab) देने की शर्तों में कहा गया है कि दवा को तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण (Covid19) के बीच ऑक्सीजन सप्लीमेंट या IMV की आवश्यकता पड़ने पर रोगियों को टोसीलिज़ुमैब देने पर विचार किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- टोसीलिजुमाब अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की जान बचाने में हो सकता है लाभकारी : अध्ययन

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे ऐसे मरीज जिन्हें आईसीयू में भर्ती किए 24-48 घंटों की अवधि हुए हों, और स्टेरॉयड पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं कर रहा, तो ऐेसे मरीजों पर टोसीलिज़ुमैब का प्रयोग किया जा सकता है. दिशानिर्देशों में यह भी सुझाव दिया गया है कि टोसीलिज़ुमैब का उपयोग ऐसे कोरोना संक्रमितों के लिए भी किया जा सकता है जिनका टीबी रोग ठीक हो गया है. जिन लोगों को फंगल, या प्रणालीगत जीवाणु संक्रमण (systemic bacterial infection) नहीं है, ऐसे रोगियों को भी टोसीलिज़ुमैब दिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-

गंभीर बीमारी और मृत्यु दर की उच्च जोखिम श्रेणी के तहत आने वाले 60 वर्ष से ऊपर के कोमॉर्बिडिटी (co-morbidities) वाले लोगों पर भी टोसीलिज़ुमैब का उपयोग किया जा सकता है. इनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक फेफड़े (chronic lung), गुर्दे और यकृत रोग, सेरेब्रोवास्कुलर रोग (cerebrovascular disease) और मोटापे से जूझ रहे लोग शामिल हैं.

नई दिल्ली : ओमीक्रोन वेरिएंट के कारण कोविड-19 महामारी लगातार बढ़ रही है. कोविड-19 प्रबंधन के लिए संशोधित क्लिनिकल गाइडलाइन भी जारी की गई है. दिशानिर्देशों में आपातकालीन आधार पर रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमैब के उपयोग का सुझाव दिया गया है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि दोनों दवाओं का आपात उपयोग सभी 'मानदंडों' को पूरा करने के बाद ही किया जाए.

संशोधित दिशानिर्देशों पर ईटीवी भारत ने डॉ तमोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) से बात की. उन्होंने बताया कि उपचार चार्ट से कम आणविक भार वाला हेपरिन (low molecular weight heparin) गायब है. उन्होंने बताया कि हेपरिन थक्कारोधी दवाओं का एक वर्ग (anticoagulant medications) है. उन्होंने कहा कि उपचार के लिए हेपरिन का भी प्रयोग किया जाना चाहिए. डॉ कोले ने कहा कि रेमडेसिविर और टोसीलिजुमैब का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए जब सभी जरूरी मापदंड पूरे हो जाएं. डॉ तमोरिश एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency medicine) के अध्यक्ष हैं.

इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वयस्क लोगों में कोरोना संक्रमण (Covid19) के प्रबंधन के लिए संशोधित ​​​​दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें सुझाव दिया गया है कि कोरोना के लक्षण दिखने के शुरुआत 10 दिनों में रोगियों को रेमडेसिविर दवा दी जा सकती है. ऐसे रोगी मध्यम से गंभीर रूप से बीमार होते हैं. इन्हें अलग से ऑक्सीजन दिए जाने की आवश्यकता (requiring supplemental oxygen) होती है.

दिशानिर्देशों में कहा गया है, कोविड-19 के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसिविर का प्रयोग पांच दिनों के लिए ही किया जाए, इस पर विचार करें. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसका उपयोग उन रोगियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जिन्हें या तो ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं है या मरीज घरेलू वातावरण में है.

यह भी पढ़ें- अप्रैल-मई में मांग में अचानक वृद्धि से रेमडेसिविर व टोसिलिज़ुमैब की कमी महसूस की गयी : सरकार

टोसीलिज़ुमैब (Tocilizumab) देने की शर्तों में कहा गया है कि दवा को तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण (Covid19) के बीच ऑक्सीजन सप्लीमेंट या IMV की आवश्यकता पड़ने पर रोगियों को टोसीलिज़ुमैब देने पर विचार किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- टोसीलिजुमाब अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की जान बचाने में हो सकता है लाभकारी : अध्ययन

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे ऐसे मरीज जिन्हें आईसीयू में भर्ती किए 24-48 घंटों की अवधि हुए हों, और स्टेरॉयड पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं कर रहा, तो ऐेसे मरीजों पर टोसीलिज़ुमैब का प्रयोग किया जा सकता है. दिशानिर्देशों में यह भी सुझाव दिया गया है कि टोसीलिज़ुमैब का उपयोग ऐसे कोरोना संक्रमितों के लिए भी किया जा सकता है जिनका टीबी रोग ठीक हो गया है. जिन लोगों को फंगल, या प्रणालीगत जीवाणु संक्रमण (systemic bacterial infection) नहीं है, ऐसे रोगियों को भी टोसीलिज़ुमैब दिया जा सकता है.

यह भी पढ़ें-

गंभीर बीमारी और मृत्यु दर की उच्च जोखिम श्रेणी के तहत आने वाले 60 वर्ष से ऊपर के कोमॉर्बिडिटी (co-morbidities) वाले लोगों पर भी टोसीलिज़ुमैब का उपयोग किया जा सकता है. इनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक फेफड़े (chronic lung), गुर्दे और यकृत रोग, सेरेब्रोवास्कुलर रोग (cerebrovascular disease) और मोटापे से जूझ रहे लोग शामिल हैं.

Last Updated : Jan 17, 2022, 11:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.