ETV Bharat / bharat

यूपी: घूस लेने में राजस्व विभाग अव्वल, पुलिस डिपार्टमेंट दूसरे पायदान पर - डीआईजी एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन

राजधानी में मंगलवार को घूस लेते हुए सिपाही को एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन (ACO) की टीम ने गिरफ्तार किया. डीआईजी ACO ने भी माना कि घूस मांगने की सबसे अधिक शिकायतें लखनऊ पुलिस की आती हैं.

etv bharat
घूस लेने में राजस्व विभाग अव्वल
author img

By

Published : Jul 21, 2022, 6:58 PM IST

लखनऊ : राजधानी में मंगलवार को घूस लेते हुए सिपाही को एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन (ACO) की टीम ने गिरफ्तार किया. इस महीने में यह तीसरी बार था जब लखनऊ में घूस लेते हुए पुलिस को गिरफ्तार किया गया हो. डीआईजी ACO ने भी माना कि घूस मांगने की सबसे अधिक शिकायतें लखनऊ पुलिस की आती हैं. ऐसे में अब यह जानना जरूरी है कि क्या सच में पुलिस घूस लेने में अव्वल है या कोई और भी विभाग है जो पुलिस को इस मामले में पछाड़ती है.



कहावत है कि 'जिस खेत को बाड़ ही खाए, उस खेत का रखवाला कौन हो'. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में राजस्व व पुलिस विभाग में घूस लेने की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. हालांकि बीते पांच सालों में राजस्व विभाग के कर्मी इसमें अव्वल हैं. साल 2017 से अब तक कुल 338 सरकारी कर्मचारियों को यूपी की एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन ने घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. इसमें राजस्व विभाग 132 घूसखोर कर्मचारियों के साथ पहले पायदान पर है तो पुलिस विभाग 45 कर्मचारी के साथ दूसरे पायदान पर है.



डीआईजी एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन राजीव मल्होत्रा के मुताबिक, उनकी टीम ने जनवरी से अब तक छह महीने में राज्य में कुल 29 सरकारी कर्मचारियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. जिसमें से राजस्व विभाग के 12 व पुलिस विभाग के 7 कर्मचारी हैं. 10 कर्मचारी अन्य विभागों के हैं. उनके मुताबिक, इन सभी घूसखोर कर्मचारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है.


कन्नौज एक तो लखनऊ दूसरे पायदान पर : डीआईजी के मुताबिक, साल 2022 में कन्नौज में सबसे अधिक 4 कमर्चारियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है. इसमें 2 राजस्व, एक शिक्षा विभाग व एक पुलिस विभाग का कर्मचारी शामिल था. वहीं लखनऊ दूसरे पायदान पर है. यहां 3 कमर्चारी घूस लेते गिरफ्तार किए गए हैं. इसमें सभी पुलिस कर्मी थे. नोएडा तीसरे पायदान पर है, जहां 2 पुलिसकर्मी पकड़े गए थे.

10 यूनिट कर रहीं काम, 8 और खोली जाएंगी : उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय 10 रेंज यूनिट पर एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन काम कर रही है. यह लखनऊ, कानपुर, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी में मौजूद है. राजीव मल्होत्रा बताते हैं कि लगातार घूसखोरी की शिकायतें बढ़ रही हैं. जिसके चलते अब और यूनिट खोलने की जरूरत महसूस हो रही है. जिसके चलते 8 और जिलों में यूनिट खोलने के प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसमें प्रयागराज, बस्ती, गोंडा, आजमगढ़, मिर्जापुर, अलीगढ़, सहारनपुर और बांदा है.

ये भी पढ़ें : यूपी रोडवेज की बस बनी बुलडोजर, पेट्रोल पंप कर दिया तबाह

बीती 19 जुलाई को लखनऊ के बीबीडी थाने में तैनात राहुल शुक्ला सिपाही मारपीट के मुकदमे से नाम निकालने को लेकर महिला दरोगा अंजली दुबे के कहने पर 5 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार हुआ था. इससे पहले 16 जून 2022 को चिनहट थाने में तैनात दरोगा प्रदीप यादव को एंटी करप्शन की टीम ने 5 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा था. आरोप था कि मारपीट के मामले में धारा बढ़ाने के नाम पर दरोगा प्रदीप ने दस हजार की रिश्वत मांगी थी. 16 जुलाई 2022 को दरोगा योगेश सिंह को एंटी करप्शन सात हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. योगेश मारपीट के एक मुकदमे में नाम हटाने के नाम पर घूस ले रहा था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : राजधानी में मंगलवार को घूस लेते हुए सिपाही को एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन (ACO) की टीम ने गिरफ्तार किया. इस महीने में यह तीसरी बार था जब लखनऊ में घूस लेते हुए पुलिस को गिरफ्तार किया गया हो. डीआईजी ACO ने भी माना कि घूस मांगने की सबसे अधिक शिकायतें लखनऊ पुलिस की आती हैं. ऐसे में अब यह जानना जरूरी है कि क्या सच में पुलिस घूस लेने में अव्वल है या कोई और भी विभाग है जो पुलिस को इस मामले में पछाड़ती है.



कहावत है कि 'जिस खेत को बाड़ ही खाए, उस खेत का रखवाला कौन हो'. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में राजस्व व पुलिस विभाग में घूस लेने की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. हालांकि बीते पांच सालों में राजस्व विभाग के कर्मी इसमें अव्वल हैं. साल 2017 से अब तक कुल 338 सरकारी कर्मचारियों को यूपी की एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन ने घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. इसमें राजस्व विभाग 132 घूसखोर कर्मचारियों के साथ पहले पायदान पर है तो पुलिस विभाग 45 कर्मचारी के साथ दूसरे पायदान पर है.



डीआईजी एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन राजीव मल्होत्रा के मुताबिक, उनकी टीम ने जनवरी से अब तक छह महीने में राज्य में कुल 29 सरकारी कर्मचारियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. जिसमें से राजस्व विभाग के 12 व पुलिस विभाग के 7 कर्मचारी हैं. 10 कर्मचारी अन्य विभागों के हैं. उनके मुताबिक, इन सभी घूसखोर कर्मचारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है.


कन्नौज एक तो लखनऊ दूसरे पायदान पर : डीआईजी के मुताबिक, साल 2022 में कन्नौज में सबसे अधिक 4 कमर्चारियों को घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है. इसमें 2 राजस्व, एक शिक्षा विभाग व एक पुलिस विभाग का कर्मचारी शामिल था. वहीं लखनऊ दूसरे पायदान पर है. यहां 3 कमर्चारी घूस लेते गिरफ्तार किए गए हैं. इसमें सभी पुलिस कर्मी थे. नोएडा तीसरे पायदान पर है, जहां 2 पुलिसकर्मी पकड़े गए थे.

10 यूनिट कर रहीं काम, 8 और खोली जाएंगी : उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय 10 रेंज यूनिट पर एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन काम कर रही है. यह लखनऊ, कानपुर, झांसी, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी में मौजूद है. राजीव मल्होत्रा बताते हैं कि लगातार घूसखोरी की शिकायतें बढ़ रही हैं. जिसके चलते अब और यूनिट खोलने की जरूरत महसूस हो रही है. जिसके चलते 8 और जिलों में यूनिट खोलने के प्रस्ताव तैयार किया गया है. इसमें प्रयागराज, बस्ती, गोंडा, आजमगढ़, मिर्जापुर, अलीगढ़, सहारनपुर और बांदा है.

ये भी पढ़ें : यूपी रोडवेज की बस बनी बुलडोजर, पेट्रोल पंप कर दिया तबाह

बीती 19 जुलाई को लखनऊ के बीबीडी थाने में तैनात राहुल शुक्ला सिपाही मारपीट के मुकदमे से नाम निकालने को लेकर महिला दरोगा अंजली दुबे के कहने पर 5 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार हुआ था. इससे पहले 16 जून 2022 को चिनहट थाने में तैनात दरोगा प्रदीप यादव को एंटी करप्शन की टीम ने 5 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा था. आरोप था कि मारपीट के मामले में धारा बढ़ाने के नाम पर दरोगा प्रदीप ने दस हजार की रिश्वत मांगी थी. 16 जुलाई 2022 को दरोगा योगेश सिंह को एंटी करप्शन सात हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. योगेश मारपीट के एक मुकदमे में नाम हटाने के नाम पर घूस ले रहा था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.