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कोविड काल में 'रिवेंज ट्रैवेल' का दौर, सरकार ने जारी की चेतावनी

कोरोना की वजह से स्थिति इस हद तक बिगड़ गई है कि भारत के संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 'रिवेंज ट्रैवल' (Revenge Travel) के खिलाफ एक चेतावनी जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी लोगों को थर्ड वेव और रिवेंज ट्रैवल के बारे में आगाह किया है.

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Published : Jul 18, 2021, 10:09 AM IST

हैदराबाद : कोरोना की वजह से स्थिति इस हद तक बिगड़ गई है कि भारत के संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 'रिवेंज ट्रैवल' (Revenge Travel) के खिलाफ एक चेतावनी जारी की है.

क्या है रिवेंज ट्रैवल?

रिवेंज ट्रैवल या पर्यटन उस घटना को संदर्भित करता है जिसमें लोग उस अस्पष्ट पैटर्न से मुक्त होना चाहते हैं जिसने कोरोनो वायरस संकट के मद्देनजर नया सामान्य मौका विकसित किया है. यह एक ऐसी परिस्थिति से भी उपजा है जिसे लॉकडाउन थकान या थकावट के रूप में वर्णित किया गया है जो एकरसता के कारण बढ़ जाता है.

रिवेंज ट्रैवल क्यों चलन में है?

हाल ही में जुलाई महीने की शुरुआत में भारत के पहाड़ी राज्यों ने कुछ ऐसी गतिविधियां दिखाईं, जो कोविड की तीसरी लहर की चिंता को बढ़ाती है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हजारों पर्यटकों की भीड़ नीरस जीवन से बचने के लिए पहुंची. वे लोग कोरोनो वायरस लॉकडाउन की दूसरी लहर से परेशान थे. हालांकि कोविड की तीसरी लहर के बारे में लोगों को आगाह करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिवेंज ट्रैवल व रिवेंज टूरिज्म शब्द का इस्तेमाल किया.

रिवेंज ट्रैवल के जोखिम

पर्यटन स्थल पर भारी भीड़ के कारण कोविड के मामले बढ़ेंगे जिससे थर्ड वेव हो सकती है. बिना RT-PCR टेस्ट के अंतरराज्यीय यात्रा करने से यह बीमारी और भी ज्यादा फैल सकती है.

रिवेंज ट्रैवल के खिलाफ केंद्र का कदम

केंद्र ने 6 जुलाई 2021 को चेतावनी दी कि 'रिवेंज ट्रैवल' लाभ को खतरे में डाल सकती है और नए कोविड-19 मामले भी पैदा कर सकती है. जबकि देश आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए चेतावनी की दूसरी लहर से जूझ रहा है.

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने 12 जुलाई को कहा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार, राज्य और जिला अधिकारियों के प्रयासों से नहीं जीती जा सकती है. लोगों को अपने दम पर एसओपी और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जुलाई 2021 को आठ मुख्यमंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं बहुत जोर से कहूंगा कि हिल स्टेशनों, बाजारों में बिना मास्क पहने भारी भीड़ होना ठीक नहीं है. वायरस अपने आप नहीं आता और जाता है. हम इसे तब लाते हैं जब हम नियमों की अवहेलना करते हैं.

रिवेंज ट्रैवल को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम

वीकेंड पर उत्तराखंड के मसूरी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इसलिए हिल स्टेशन शहर में प्रवेश करने के लिए COVID-19 नकारात्मक रिपोर्ट अनिवार्य है जिसे उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए आवश्यक बना दिया है.

10 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल और देहरादून में होटलों को 50% ही बुकिंग करने का निर्देश दिया. धामी ने कहा कि मास्क नहीं पहनने वालों का चालान किया जा रहा है.

उत्तराखंड जैसे अन्य पहाड़ी राज्य में प्रवेश करने के लिए ई-पास अनिवार्य

उत्तराखंड राज्य जो पहले से ही पर्यटकों से भरा हुआ है, ने कावड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु कई राज्यों से यात्रा करते हैं. हालांकि बाद में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश ने भी इस यात्रा को रद कर दिया है.

यह भी पढ़ें-महंगाई पर सख्त कदम उठाए मोदी सरकार: बाबा रामदेव

14 जुलाई को चिक्कबल्लापुरा जिला प्रशासन ने कर्नाटक में लोकप्रिय सप्ताहांत गंतव्य नंदी हिल्स में प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया. ताकि भीड़ को रोकने और बेंगलुरु और उसके आसपास COVID-19 मामलों की नई वृद्धि को रोका जा सके.

हैदराबाद : कोरोना की वजह से स्थिति इस हद तक बिगड़ गई है कि भारत के संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय को 'रिवेंज ट्रैवल' (Revenge Travel) के खिलाफ एक चेतावनी जारी की है.

क्या है रिवेंज ट्रैवल?

रिवेंज ट्रैवल या पर्यटन उस घटना को संदर्भित करता है जिसमें लोग उस अस्पष्ट पैटर्न से मुक्त होना चाहते हैं जिसने कोरोनो वायरस संकट के मद्देनजर नया सामान्य मौका विकसित किया है. यह एक ऐसी परिस्थिति से भी उपजा है जिसे लॉकडाउन थकान या थकावट के रूप में वर्णित किया गया है जो एकरसता के कारण बढ़ जाता है.

रिवेंज ट्रैवल क्यों चलन में है?

हाल ही में जुलाई महीने की शुरुआत में भारत के पहाड़ी राज्यों ने कुछ ऐसी गतिविधियां दिखाईं, जो कोविड की तीसरी लहर की चिंता को बढ़ाती है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हजारों पर्यटकों की भीड़ नीरस जीवन से बचने के लिए पहुंची. वे लोग कोरोनो वायरस लॉकडाउन की दूसरी लहर से परेशान थे. हालांकि कोविड की तीसरी लहर के बारे में लोगों को आगाह करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिवेंज ट्रैवल व रिवेंज टूरिज्म शब्द का इस्तेमाल किया.

रिवेंज ट्रैवल के जोखिम

पर्यटन स्थल पर भारी भीड़ के कारण कोविड के मामले बढ़ेंगे जिससे थर्ड वेव हो सकती है. बिना RT-PCR टेस्ट के अंतरराज्यीय यात्रा करने से यह बीमारी और भी ज्यादा फैल सकती है.

रिवेंज ट्रैवल के खिलाफ केंद्र का कदम

केंद्र ने 6 जुलाई 2021 को चेतावनी दी कि 'रिवेंज ट्रैवल' लाभ को खतरे में डाल सकती है और नए कोविड-19 मामले भी पैदा कर सकती है. जबकि देश आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए चेतावनी की दूसरी लहर से जूझ रहा है.

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने 12 जुलाई को कहा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार, राज्य और जिला अधिकारियों के प्रयासों से नहीं जीती जा सकती है. लोगों को अपने दम पर एसओपी और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जुलाई 2021 को आठ मुख्यमंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं बहुत जोर से कहूंगा कि हिल स्टेशनों, बाजारों में बिना मास्क पहने भारी भीड़ होना ठीक नहीं है. वायरस अपने आप नहीं आता और जाता है. हम इसे तब लाते हैं जब हम नियमों की अवहेलना करते हैं.

रिवेंज ट्रैवल को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम

वीकेंड पर उत्तराखंड के मसूरी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इसलिए हिल स्टेशन शहर में प्रवेश करने के लिए COVID-19 नकारात्मक रिपोर्ट अनिवार्य है जिसे उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए आवश्यक बना दिया है.

10 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल और देहरादून में होटलों को 50% ही बुकिंग करने का निर्देश दिया. धामी ने कहा कि मास्क नहीं पहनने वालों का चालान किया जा रहा है.

उत्तराखंड जैसे अन्य पहाड़ी राज्य में प्रवेश करने के लिए ई-पास अनिवार्य

उत्तराखंड राज्य जो पहले से ही पर्यटकों से भरा हुआ है, ने कावड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु कई राज्यों से यात्रा करते हैं. हालांकि बाद में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश ने भी इस यात्रा को रद कर दिया है.

यह भी पढ़ें-महंगाई पर सख्त कदम उठाए मोदी सरकार: बाबा रामदेव

14 जुलाई को चिक्कबल्लापुरा जिला प्रशासन ने कर्नाटक में लोकप्रिय सप्ताहांत गंतव्य नंदी हिल्स में प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया. ताकि भीड़ को रोकने और बेंगलुरु और उसके आसपास COVID-19 मामलों की नई वृद्धि को रोका जा सके.

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