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लौट रहे अच्छे दिन : सीजन में लगभग 16 लाख पर्यटक कश्मीर आये

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Published : Aug 5, 2022, 7:35 AM IST

Updated : Aug 5, 2022, 8:36 AM IST

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और फिर लॉकडाउन ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन को बहुत प्रभावित किया था. हालांकि, इस बार कश्मीर में पर्यटन ने सभी पुरानी बाधाओं को तोड़ दिया है. इस सीजन में लगभग 16 लाख पर्यटक कश्मीर आये.

लौट रहे अच्छे दिन
लौट रहे अच्छे दिन

श्रीनगर: तीन साल के अंतराल के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग फिर से पटरी पर आ गया है. आजकल अगर आप यहां किसी पर्यटन स्थल पर जाते हैं तो आपको वहां की भव्यता देखने को मिलेगी. जम्मू और कश्मीर में वर्तमान पर्यटन सीजन को पर्यटन इतिहास में स्वर्ण युग के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि पिछले वर्षों के रिकॉर्ड इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान ही टूट गए. एक अनुमान के मुताबिक जनवरी से अब तक एक करोड़ से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक कश्मीर घाटी का दौरा कर चुके हैं.

सीजन में लगभग 16 लाख पर्यटक कश्मीर आये

पढ़ें:जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तीन आतंकी गिरफ्तार

जुलाई और अगस्त के महीनों को आमतौर पर ऑफ सीजन माना जाता है, लेकिन इस महीने में भी पर्यटकों की संख्या में कमी नहीं आई है. दो साल बाद 30 जून को शुरू हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा भी 43 दिनों से चल रही है. तीर्थ पर्यटन जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा तीर्थ पर्यटन पर भी निर्भर है. ऐसे में इस साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने और अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी रहने से पर्यटन से जुड़े लोग काफी खुश और संतुष्ट हैं.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में कमी: पुलिस

इस साल के शुरुआती महीनों में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में यहां 61,000 पर्यटक विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं, जबकि फरवरी में यह संख्या एक लाख पहुंच गई. इसी तरह मार्च में करीब 2 लाख पर्यटकों ने कश्मीर घाटी का दौरा किया. वहीं अप्रैल के महीने में 260,000 पर्यटकों ने कश्मीर घाटी के अद्भुत नजारों का लुत्फ उठाया. मई और जून में भी देश के अन्य राज्यों से लाखों पर्यटकों कश्मीर आ गये. जून तक होटलों की 95% प्री-बुकिंग हो चुकी थी. कश्मीर होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वाहिद मलिक ने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा का होटल बुकिंग पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि वे दर्शन के लिए पहलगाम और बाल ताल के रास्ते कारवां में आए और लौटे. कश्मीर पर्यटन क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. ऐसे में उद्योग से जुड़े शामिल लोगों को उम्मीद है कि आने वाली सर्दी में यहां रिकॉर्ड संख्या में सैलानी देखने को मिलेंगे.

श्रीनगर: तीन साल के अंतराल के बाद कश्मीर में पर्यटन उद्योग फिर से पटरी पर आ गया है. आजकल अगर आप यहां किसी पर्यटन स्थल पर जाते हैं तो आपको वहां की भव्यता देखने को मिलेगी. जम्मू और कश्मीर में वर्तमान पर्यटन सीजन को पर्यटन इतिहास में स्वर्ण युग के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि पिछले वर्षों के रिकॉर्ड इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान ही टूट गए. एक अनुमान के मुताबिक जनवरी से अब तक एक करोड़ से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक कश्मीर घाटी का दौरा कर चुके हैं.

सीजन में लगभग 16 लाख पर्यटक कश्मीर आये

पढ़ें:जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तीन आतंकी गिरफ्तार

जुलाई और अगस्त के महीनों को आमतौर पर ऑफ सीजन माना जाता है, लेकिन इस महीने में भी पर्यटकों की संख्या में कमी नहीं आई है. दो साल बाद 30 जून को शुरू हुई वार्षिक अमरनाथ यात्रा भी 43 दिनों से चल रही है. तीर्थ पर्यटन जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यहां की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा तीर्थ पर्यटन पर भी निर्भर है. ऐसे में इस साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने और अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से जारी रहने से पर्यटन से जुड़े लोग काफी खुश और संतुष्ट हैं.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद आतंकवाद में कमी: पुलिस

इस साल के शुरुआती महीनों में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में यहां 61,000 पर्यटक विभिन्न स्वास्थ्यवर्धक स्थलों का भ्रमण कर चुके हैं, जबकि फरवरी में यह संख्या एक लाख पहुंच गई. इसी तरह मार्च में करीब 2 लाख पर्यटकों ने कश्मीर घाटी का दौरा किया. वहीं अप्रैल के महीने में 260,000 पर्यटकों ने कश्मीर घाटी के अद्भुत नजारों का लुत्फ उठाया. मई और जून में भी देश के अन्य राज्यों से लाखों पर्यटकों कश्मीर आ गये. जून तक होटलों की 95% प्री-बुकिंग हो चुकी थी. कश्मीर होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वाहिद मलिक ने कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा का होटल बुकिंग पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि वे दर्शन के लिए पहलगाम और बाल ताल के रास्ते कारवां में आए और लौटे. कश्मीर पर्यटन क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. ऐसे में उद्योग से जुड़े शामिल लोगों को उम्मीद है कि आने वाली सर्दी में यहां रिकॉर्ड संख्या में सैलानी देखने को मिलेंगे.

Last Updated : Aug 5, 2022, 8:36 AM IST
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