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आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट: आदेश का पालन नहीं करने पर सेवानिवृत्त आईएएस को जेल की सजा - रिटायर्ड आईएएस चिन्ना वीरभद्रुदु सजा

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पूर्व शिक्षा निदेशक चिन्ना वीरभद्रुडु को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराते हुए कारावास की सजा सुनाई है. मार्च 2021 में पारित अदालत के अंतरिम आदेश की अवहेलना करने के लिए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. यह मामला कुछ एसजीटी शिक्षकों के बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) कोर्स करने से जुड़ा है.

RETIRED IAS OFFICER VEERABHADRUDU JAILED FOR NON-COMPLIANCE WITH COURT ORDERS
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय: आदेश का पालन नहीं करने पर सेवानिवृत्त आईएएस को जेल की सजा
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Published : May 4, 2022, 5:09 PM IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के एक मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चिन्ना वीरभद्रुडु के खिलाफ चार सप्ताह की जेल की सजा और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. हालांकि, अदालत ने अपील के आधार पर अपने आदेश के अनुपालन में दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति बट्टू देवानंद की अध्यक्षता वाली एकल न्यायाधीश की पीठ ने सोमवार को सुनवाई की और कुछ समय पहले जारी अपने अंतरिम आदेश के आधार पर पूर्व निदेशक द्वारा याचिकाकर्ताओं को समय पर बीपीएड कोर्स करने की अनुमति देने में विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की. विजयनगरम जिले के बी राजेश और तीन अन्य लोगों ने पिछले साल मार्च में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने उन्हें एसजीटी पोस्ट पर काम करते हुए बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) कोर्स करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ें- Rajiv Gandhi Assassination: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- संविधान के उल्लंघन पर हम आंखें बंद नहीं कर सकते

अदालत ने 8 मार्च, 2021 को आदेश जारी किया कि याचिकाकर्ताओं को नियमित वेतन देकर बीपीएड कोर्स करने की अनुमति दी जाए. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को बीपीएड कोर्स करने की अनुमति नहीं देने संबंधी अधिकारी द्वारा जारी मेमो को रद्द कर दिया. अदालत ने कहा, 'अधिकारियों ने अपने जवाबी हलफनामे में उल्लेख किया है कि अदालत के आदेश को केवल दिसंबर, 2021 में लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप आदेश के कार्यान्वयन में देरी हुई. हालांकि, अधिकारी ने अपने जवाबी हलफनामे में माफी मांगी, लेकिन यह प्रामाणिक नहीं पाया गया. इसलिए, यह अदालत माफी को स्वीकार करने से इनकार करती है और अधिकारी को जेल की सजा सुनाती है.'

अमरावती: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अदालत की अवमानना के एक मामले में पूर्व शिक्षा निदेशक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चिन्ना वीरभद्रुडु के खिलाफ चार सप्ताह की जेल की सजा और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. हालांकि, अदालत ने अपील के आधार पर अपने आदेश के अनुपालन में दो सप्ताह के लिए रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति बट्टू देवानंद की अध्यक्षता वाली एकल न्यायाधीश की पीठ ने सोमवार को सुनवाई की और कुछ समय पहले जारी अपने अंतरिम आदेश के आधार पर पूर्व निदेशक द्वारा याचिकाकर्ताओं को समय पर बीपीएड कोर्स करने की अनुमति देने में विफल रहने पर नाराजगी व्यक्त की. विजयनगरम जिले के बी राजेश और तीन अन्य लोगों ने पिछले साल मार्च में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने उन्हें एसजीटी पोस्ट पर काम करते हुए बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) कोर्स करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

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अदालत ने 8 मार्च, 2021 को आदेश जारी किया कि याचिकाकर्ताओं को नियमित वेतन देकर बीपीएड कोर्स करने की अनुमति दी जाए. अदालत ने याचिकाकर्ताओं को बीपीएड कोर्स करने की अनुमति नहीं देने संबंधी अधिकारी द्वारा जारी मेमो को रद्द कर दिया. अदालत ने कहा, 'अधिकारियों ने अपने जवाबी हलफनामे में उल्लेख किया है कि अदालत के आदेश को केवल दिसंबर, 2021 में लागू किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप आदेश के कार्यान्वयन में देरी हुई. हालांकि, अधिकारी ने अपने जवाबी हलफनामे में माफी मांगी, लेकिन यह प्रामाणिक नहीं पाया गया. इसलिए, यह अदालत माफी को स्वीकार करने से इनकार करती है और अधिकारी को जेल की सजा सुनाती है.'

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