बालाघाट। बालाघाट के भटेरा में रहने वाले पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी लिमिटेड के रिटायर्ड सहायक यंत्री दयाशंकर प्रजापति (उम्र 65) के घर पर ईओडब्लू की टीम ने छापा मारा. रिटायर्ड सहायक यंत्री के घर से करोड़ों की संपति मिली है. ईओडब्ल्यू की टीम दिनभर घर की तलाशी लेती रही. टीम अनाप-शनाप संपत्ति के संबधित दस्तावेज खंगालती रही. आय से अधिक लगभग 280 गुना अधिक संपत्ति पाई गई है.
शिकायत के बाद कोर्ट से लिया वारंट : ईओडब्ल्यू डीएसपी मंजीत सिंह ने बताया कि ईओडब्ल्यू भोपाल में सेवानिवृत्त सहायक यंत्री व उनकी पत्नी के विरुद्ध शिकायत मिली थी कि उनके द्वारा अपने सेवाकाल के दौरान आय से अधिक संपति अर्जित की गई है. इनकी एक कंपनी सतपुड़ा फायनेंस नाम से चलाई जा रही है, जिसके नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने का कार्य किया जा रहा है. शिकायत पर भोपाल में प्रकरण दर्ज किया गया. इसके बाद न्यायालय से वारंट लेकर जांच शुरू की. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह के नेतृत्व में टीम ने प्रारंभिक जांच में ही रिटायर्ड सहायक यंत्री दयाशंकर प्रजापति के घर से करोड़ों की संपत्ति मिली.
ये है बेहिसाब संपत्ति : ईओडब्लू के अनुसार उसके पास से 6 आलीशान मकान, बालाघाट के विभिन्न स्थानों में बूड़ी में 05 प्लाट, गर्रा में 01 प्लाट, गायखुरी में 01 प्लाट, ग्राम मौजा में 05 प्लाट व सिगंरौली में 04 प्लाट समेत कुल 16 प्लाट, कंपनी के नाम पर अपार संपति, 17 बैंक खाते, एलआईसी समेत अन्य पॉलिसी में निवेश के दस्तावेज, 350 ग्राम सोने के जेवरात, 3.25 किलो चांदी, 65 लाख की जमीन की रजिस्ट्री, गर्रा में एक वैनगंगा इलेक्ट्रीकल वॉयर निर्माण फैक्ट्री जो बंद पाई गई है. इसके अलावा सिंगरौली में एक प्लाट में कपंनी का निर्माण किया गया, जहां 45 लाख की मशीन लगाई गई व 35 लाख का निर्माण कार्य करवाया गया.
बैंक लॉकर्स की जांच : इस अपार संपत्ति के अलावा जांच टीम मकान, प्लाट की कीमत की जांच करवा रही है. वहीं बैंको में लॉकर होने की जांच हो रही है. साथ ही 17 बैंक खातों को सीज कर दिया गया है. बता दें कि विद्युत वितरण कंपनी के सहायक यंत्री दयाशंकर प्रजापति वर्ष 2018 में सिवनी से रिटायर्ड हुए. जहां उन्होंने पहले से ही पत्नी के नाम पर सतपुड़ा लीजिंग एवं फायनेंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी वर्ष 1994 से संचालित की थी. रिटायर्ड होने के बाद दयाशंकर स्वयं संचालक बन गये.
सेवा में रहते बना ली थी प्राइवेट कंपनी : शासकीय सेवा में रहते हुए प्राइवेट कम्पनी के नाम पर भी प्रापर्टी है. जाँच में आये साक्ष्यों के आधार पर पाया गया कि दयाशंकर प्रजापति द्वारा अपनी सेवा अवधि के दौरान आय के वैधानिक स्त्रोत से प्राप्त आय की तुलना में बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है. उपपुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह ने बताया कि जांच जारी है, जांच के बाद ही पूरी संपति का खुलासा हो पायेगा. जांच टीम में निरीक्षक लक्ष्मी यादव, निरीक्षक छविकांति आर्मो, निरीक्षक शशिकला मस्कुले, निरीक्षक मोमेन्द्र मर्सकोले, उप निरीक्षक कीर्ति शुक्ला एवं अन्य सदस्य शामिल रहे. (EOW raid on retired assistant engineer) (Rretired assistant engineer worth crores) (EOW shocked to see unaccounted wealth)