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सेना को वापस बुलाने का निर्णय चीन के लिए जरूरी था: ब्रिगेडियर(रिटायर्ड) बीके खन्ना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह संसद में बताया कि भारत और चीन दोनों ने पश्चिमी हिमालय में कटे हुए झील क्षेत्र के दक्षिणी तट से सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जताई है.

India china brigadier khanna
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने भी दिया बयान
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Published : Feb 11, 2021, 10:14 PM IST

नई दिल्ली : पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों किनारों से अपने सैनिकों को हटाने वाली चीनी सेना की पृष्ठभूमि के खिलाफ ब्रिगेडियर(रिटायर्ड) बीके खन्ना, जो पहले भारत-चीन सीमा पर तैनात थे, ने गुरुवार को नई दिल्ली में ईटीवी भारत को बताया कि सेना को वापस बुलाने का निर्णय चीन के लिए आवश्यकता था.

ब्रिगेडियर(रिटायर्ड) बीके खन्ना ने दिया बयान

उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में झड़प के बाद चीनी अधिकारियों ने आकलन किया और महसूस किया कि वे बैकफुट पर थे.

ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने देखा कि गलवान घाटी में क्या हुआ था, हालांकि हमने अपने 20 जवानों को खो दिया था, चीनी ने कथित तौर पर 150-200 से अधिक सैन्य कर्मियों को खो दिया था. उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह बताने की कोशिश कर सकता है कि वह एक शांतप्रिय राष्ट्र है. 1996-97 में लद्दाख में तैनात तैनात ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि अपनी सेना को वापस बुलाने से उन्हें शांति बनाए रखने का श्रेय मिल सकता है. आमतौर पर वे इस तरह का निर्णय नहीं लेते हैं.

उन्होंने कहा कि जब दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 9वें दौर की वार्ता हुई, तो सेना को वापस बुलाने का फैसला किया गया. ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि इससे पहले यह भी तय किया गया था कि दोनों देश अपनी सेनाओं को वापस बुला लेंगे, लेकिन इसे लागू नहीं किया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि भारत पंगोंग में कुछ रणनीतिक स्थानों पर कब्जा कर रहा है, चीनी अधिकारियों को अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर कर सकता है. ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि पैंगोंग में हमें कुछ रणनीतिक ऊंचाइयां मिलीं, जो हमें एक फायदा देती हैं. उन ऊंचाई वाले स्थानों से हम चीनी सेना की आवाजाही देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमें स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है, भारत अब बेहतर स्थिति में है.

पढ़ें: वीडियो देखें : लद्दाख में पीछे हटने लगी चीन व भारत की सेनाएं

अपने अनुभव के बल पर सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने कहा कि कुछ रणनीतिक स्थानों पर कब्जे होने से निश्चित रूप से भारत को फ्रंट फुट पर रखा गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह संसद में बताया कि भारत और चीन दोनों ने पश्चिमी हिमालय में कटे हुए झील क्षेत्र के दक्षिणी तट से सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जताई है.

नई दिल्ली : पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण दोनों किनारों से अपने सैनिकों को हटाने वाली चीनी सेना की पृष्ठभूमि के खिलाफ ब्रिगेडियर(रिटायर्ड) बीके खन्ना, जो पहले भारत-चीन सीमा पर तैनात थे, ने गुरुवार को नई दिल्ली में ईटीवी भारत को बताया कि सेना को वापस बुलाने का निर्णय चीन के लिए आवश्यकता था.

ब्रिगेडियर(रिटायर्ड) बीके खन्ना ने दिया बयान

उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में झड़प के बाद चीनी अधिकारियों ने आकलन किया और महसूस किया कि वे बैकफुट पर थे.

ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने देखा कि गलवान घाटी में क्या हुआ था, हालांकि हमने अपने 20 जवानों को खो दिया था, चीनी ने कथित तौर पर 150-200 से अधिक सैन्य कर्मियों को खो दिया था. उन्होंने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह बताने की कोशिश कर सकता है कि वह एक शांतप्रिय राष्ट्र है. 1996-97 में लद्दाख में तैनात तैनात ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि अपनी सेना को वापस बुलाने से उन्हें शांति बनाए रखने का श्रेय मिल सकता है. आमतौर पर वे इस तरह का निर्णय नहीं लेते हैं.

उन्होंने कहा कि जब दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच 9वें दौर की वार्ता हुई, तो सेना को वापस बुलाने का फैसला किया गया. ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि इससे पहले यह भी तय किया गया था कि दोनों देश अपनी सेनाओं को वापस बुला लेंगे, लेकिन इसे लागू नहीं किया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि भारत पंगोंग में कुछ रणनीतिक स्थानों पर कब्जा कर रहा है, चीनी अधिकारियों को अपनी सेना को वापस बुलाने के लिए मजबूर कर सकता है. ब्रिगेडियर खन्ना ने कहा कि पैंगोंग में हमें कुछ रणनीतिक ऊंचाइयां मिलीं, जो हमें एक फायदा देती हैं. उन ऊंचाई वाले स्थानों से हम चीनी सेना की आवाजाही देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमें स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है, भारत अब बेहतर स्थिति में है.

पढ़ें: वीडियो देखें : लद्दाख में पीछे हटने लगी चीन व भारत की सेनाएं

अपने अनुभव के बल पर सेवानिवृत्त सेना अधिकारी ने कहा कि कुछ रणनीतिक स्थानों पर कब्जे होने से निश्चित रूप से भारत को फ्रंट फुट पर रखा गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह संसद में बताया कि भारत और चीन दोनों ने पश्चिमी हिमालय में कटे हुए झील क्षेत्र के दक्षिणी तट से सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जताई है.

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