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गिलानी के निधन के बाद श्रीनगर के कुछ हिस्सों में अब भी प्रतिबंध जारी - अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद श्रीनगर के कुछ हिस्सों में अब भी प्रतिबंध जारी हैं. अधिकारियों ने कहा, एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए हैं.

सैयद अली शाह गिलानी
सैयद अली शाह गिलानी
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Published : Sep 6, 2021, 4:17 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में सोमवार को पांचवें दिन भी प्रतिबंध जारी है, जिसके चलते जनजीवन प्रभावित रहा. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पुराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने से रोकने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है.

अधिकारियों ने कहा, एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली थी कि शरारती तत्व गिलानी के शव को उस ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कब्र से निकालने का प्रयास कर सकते हैं, जहां कई आतंकवादियों और दो शीर्ष अलगाववादी नेताओं - अब्दुल गनी लोन और मीरवाइज मोहम्मद फारूक को दफनाया गया है.

अलगाववादियों की ओर से पिछले साल फरवरी में जारी एक बयान के मुताबिक, गिलानी ने ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी. 91 वर्षीय गिलानी का पिछले हफ्ते श्रीनगर में उनके घर पर निधन हो गया था.

अधिकारियों ने कहा कि ईदगाह और हैदरपोरा की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेड लगा दी गई है और इन इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है.

उन्होंने कहा कि हैदरपोरा कब्रिस्तान में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं, जहां गिलानी को गत गुरुवार को दफनाया गया था. शहर में अन्य जगहों पर प्रतिबंधों के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ क्योंकि बाजार आंशिक रूप से खुले थे.

यह भी पढ़ें- गिलानी के निधन के बाद कश्मीर में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में : डीजीपी सिंह

मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के कारण ऑनलाइन कक्षाओं जैसी शैक्षिक गतिविधियां निलंबित रहीं. इंटरनेट सेवाएं फिलहाल केवल घाटी में ब्रॉडबैंड और फाइबर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं.

(पीटीआई-भाषा)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों में सोमवार को पांचवें दिन भी प्रतिबंध जारी है, जिसके चलते जनजीवन प्रभावित रहा. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पुराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने से रोकने के लिए यह प्रतिबंध लगाया गया है.

अधिकारियों ने कहा, एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली थी कि शरारती तत्व गिलानी के शव को उस ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कब्र से निकालने का प्रयास कर सकते हैं, जहां कई आतंकवादियों और दो शीर्ष अलगाववादी नेताओं - अब्दुल गनी लोन और मीरवाइज मोहम्मद फारूक को दफनाया गया है.

अलगाववादियों की ओर से पिछले साल फरवरी में जारी एक बयान के मुताबिक, गिलानी ने ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी. 91 वर्षीय गिलानी का पिछले हफ्ते श्रीनगर में उनके घर पर निधन हो गया था.

अधिकारियों ने कहा कि ईदगाह और हैदरपोरा की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेड लगा दी गई है और इन इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है.

उन्होंने कहा कि हैदरपोरा कब्रिस्तान में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं, जहां गिलानी को गत गुरुवार को दफनाया गया था. शहर में अन्य जगहों पर प्रतिबंधों के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ क्योंकि बाजार आंशिक रूप से खुले थे.

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मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के कारण ऑनलाइन कक्षाओं जैसी शैक्षिक गतिविधियां निलंबित रहीं. इंटरनेट सेवाएं फिलहाल केवल घाटी में ब्रॉडबैंड और फाइबर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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