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जिम्मेदार व विवेकशील भारत, इनपुट पर नजर रखने के लिए हमेशा तैयार: विदेश मंत्री जयशंकर

बेंगलुरु में रोटरी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और कनाडा रिश्ते पर बात की. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी देश द्वारा दी गई इनपुट पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार हैं. इसके अलावा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को सदस्यता न मिलने पर भी बात की. Foreign Minister of India S Jaishankar, india and canada relations, UN Security Council

Foreign Minister Jaishankar
विदेश मंत्री जयशंकर
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By PTI

Published : Dec 17, 2023, 10:52 PM IST

बेंगलुरु: ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत-कनाडा संबंध चरम बिंदु पर पहुंचने के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत, एक जिम्मेदार और विवेकपूर्ण देश है, जो किसी भी अन्य देश द्वारा दिए गए इनपुट की जांच करने के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा कि कनाडाई और अमेरिकियों द्वारा उठाए गए मुद्दे जरूरी नहीं कि समान हों.

जयशंकर ने कहा कि 'मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां हम बहुत ज़िम्मेदार हैं, हम जो करते हैं उसमें बहुत विवेक रखते हैं. हमारे लिए संपूर्ण मुद्दा यह है कि हमने हमेशा यह कहा है कि कनाडा ही नहीं, किसी भी देश को कोई चिंता है और वह हमें उस चिंता के लिए कुछ इनपुट या कुछ आधार देता है, तो हम उस पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार हैं. देश यही करते हैं.'

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता नहीं दिए जाने पर नाखुशी व्यक्त करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि सुरक्षा परिषद एक ऐसे पुराने समूह की तरह है, जिसमें कुछ ऐसे सदस्य हैं, जो अपनी पकड़ ढीली नहीं होने देना चाहते और वे नहीं चाहते कि उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार चाहते हैं क्योंकि अगर आप ओरिजिनल प्रोमोटर्स ऑफ बिजनेस को बदलना नहीं चाहते हैं तो यह उचित नहीं है.

जयशंकर ने रोटरी इंस्टीट्यूट द्वारा परिवर्तन का एक दशक विषय पर आयोजित एक व्याख्यान के बाद परिचर्चा के दौरान कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां ऐसे सदस्यों का एक समूह है जो अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहता है. वे समूह पर नियंत्रण रखना चाहते हैं और अधिक सदस्यों को शामिल करने के इच्छुक नहीं हैं.'

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट कब मिलेगी, इस सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि 'एक तरह से यह मानवीय विफलता है, लेकिन मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि विश्व के सामने प्रमुख मुद्दे हैं और संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है.' वैश्विक भावना का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार के इच्छुक हैं.

जयशंकर ने कहा कि 'अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछें कि क्या आप सुधार चाहते हैं या आप सुधार नहीं चाहते हैं? वे कहेंगे हां, हम सुधार चाहते हैं क्योंकि इसका (संरा) गठन उस समय हुआ था, जब संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता लगभग 50 देशों की थी. कल्पना कीजिए एक दुनिया जो चार गुना बढ़ गई है, फिर भी आप बदलाव नहीं चाहते हैं. यह उचित नहीं है.'

बेंगलुरु: ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत-कनाडा संबंध चरम बिंदु पर पहुंचने के साथ, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत, एक जिम्मेदार और विवेकपूर्ण देश है, जो किसी भी अन्य देश द्वारा दिए गए इनपुट की जांच करने के लिए हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा कि कनाडाई और अमेरिकियों द्वारा उठाए गए मुद्दे जरूरी नहीं कि समान हों.

जयशंकर ने कहा कि 'मुझे लगता है कि हर कोई जानता है कि भारत एक ऐसा देश है जहां हम बहुत ज़िम्मेदार हैं, हम जो करते हैं उसमें बहुत विवेक रखते हैं. हमारे लिए संपूर्ण मुद्दा यह है कि हमने हमेशा यह कहा है कि कनाडा ही नहीं, किसी भी देश को कोई चिंता है और वह हमें उस चिंता के लिए कुछ इनपुट या कुछ आधार देता है, तो हम उस पर विचार करने के लिए हमेशा तैयार हैं. देश यही करते हैं.'

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता नहीं दिए जाने पर नाखुशी व्यक्त करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि सुरक्षा परिषद एक ऐसे पुराने समूह की तरह है, जिसमें कुछ ऐसे सदस्य हैं, जो अपनी पकड़ ढीली नहीं होने देना चाहते और वे नहीं चाहते कि उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार चाहते हैं क्योंकि अगर आप ओरिजिनल प्रोमोटर्स ऑफ बिजनेस को बदलना नहीं चाहते हैं तो यह उचित नहीं है.

जयशंकर ने रोटरी इंस्टीट्यूट द्वारा परिवर्तन का एक दशक विषय पर आयोजित एक व्याख्यान के बाद परिचर्चा के दौरान कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद एक पुराने क्लब की तरह है, जहां ऐसे सदस्यों का एक समूह है जो अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहता है. वे समूह पर नियंत्रण रखना चाहते हैं और अधिक सदस्यों को शामिल करने के इच्छुक नहीं हैं.'

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट कब मिलेगी, इस सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि 'एक तरह से यह मानवीय विफलता है, लेकिन मुझे लगता है कि आज यह दुनिया को नुकसान पहुंचा रहा है, क्योंकि विश्व के सामने प्रमुख मुद्दे हैं और संयुक्त राष्ट्र कम प्रभावी होता जा रहा है.' वैश्विक भावना का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार के इच्छुक हैं.

जयशंकर ने कहा कि 'अगर आप दुनिया के 200 देशों से पूछें कि क्या आप सुधार चाहते हैं या आप सुधार नहीं चाहते हैं? वे कहेंगे हां, हम सुधार चाहते हैं क्योंकि इसका (संरा) गठन उस समय हुआ था, जब संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता लगभग 50 देशों की थी. कल्पना कीजिए एक दुनिया जो चार गुना बढ़ गई है, फिर भी आप बदलाव नहीं चाहते हैं. यह उचित नहीं है.'

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