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केरल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित, भाजपा विधायक का भी समर्थन

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. विधानसभा से यह प्रस्ताव पारित हो गया है.

केरल विधानसभा सत्र
केरल विधानसभा सत्र
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Published : Dec 31, 2020, 10:06 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 1:28 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसका भाजपा के एकमात्र विधायक ओ. राजगोपाल ने समर्थन किया है. अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में ध्वनिमत से प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया.

हालांकि, राजगोपाल का समर्थन मिलने के बाद विवाद बढ़ गया. उन्होंने अपने भाषण में, कानूनों में संशोधन करने की बात कही.

राजगोपाल ने बाद में मीडिया को बताया, 'मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन इसमें कुछ हिस्सों का विरोध भी किया है. मैंने विधानसभा में आम सहमति का पालन किया है और ऐसा मैंने लोकतांत्रिक भावना के तहत किया है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे इन कानूनों की व्याख्या पर कुछ आपत्ति है.'

यह प्रस्ताव कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए बुलाए गए विशेष सत्र में पारित किया गया. विधानसभा का यह सत्र प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए आयोजित किया गया था.

माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.

प्रस्ताव को पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र के कानूनों में संशोधन उद्योगपतियों की मदद के लिए किया गया है. उन्होंने , 'इन तीन कानूनों को संसद की स्थायी समिति को भेजे बिना पारित कराया गया. अगर यह प्रदर्शन जारी रहता है तो एक राज्य के तौर पर केरल को बुरी तरह से प्रभावित करेगा.'

पढ़ें : गिरजाघर विवाद : याकूबी धड़े ने केरल सरकार को सामूहिक ज्ञापन सौंपा

प्रस्ताव पर करीब दो घंटे की चर्चा के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामाकृष्ण ने कहा, 'प्रस्ताव का पारित होना किसानों की मांग के प्रति सदन की भावना को प्रतिबिंबित करता है.'

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, जिसका भाजपा के एकमात्र विधायक ओ. राजगोपाल ने समर्थन किया है. अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र में ध्वनिमत से प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया.

हालांकि, राजगोपाल का समर्थन मिलने के बाद विवाद बढ़ गया. उन्होंने अपने भाषण में, कानूनों में संशोधन करने की बात कही.

राजगोपाल ने बाद में मीडिया को बताया, 'मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया है, लेकिन इसमें कुछ हिस्सों का विरोध भी किया है. मैंने विधानसभा में आम सहमति का पालन किया है और ऐसा मैंने लोकतांत्रिक भावना के तहत किया है.' उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे इन कानूनों की व्याख्या पर कुछ आपत्ति है.'

यह प्रस्ताव कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करते हुए बुलाए गए विशेष सत्र में पारित किया गया. विधानसभा का यह सत्र प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए आयोजित किया गया था.

माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.

प्रस्ताव को पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र के कानूनों में संशोधन उद्योगपतियों की मदद के लिए किया गया है. उन्होंने , 'इन तीन कानूनों को संसद की स्थायी समिति को भेजे बिना पारित कराया गया. अगर यह प्रदर्शन जारी रहता है तो एक राज्य के तौर पर केरल को बुरी तरह से प्रभावित करेगा.'

पढ़ें : गिरजाघर विवाद : याकूबी धड़े ने केरल सरकार को सामूहिक ज्ञापन सौंपा

प्रस्ताव पर करीब दो घंटे की चर्चा के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामाकृष्ण ने कहा, 'प्रस्ताव का पारित होना किसानों की मांग के प्रति सदन की भावना को प्रतिबिंबित करता है.'

Last Updated : Dec 31, 2020, 1:28 PM IST
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