कोहिमा: नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने जनगणना का काम पूरा होने के बाद नौकरी में आरक्षण की नीति की समीक्षा करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के विधायक यिताचू द्वारा विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. एनपीपी के विधायक ने पिछड़ी जनजातियों को तकनीकि पदों पर आरक्षण का अनुरोध किया था.
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रियो ने कहा कि विधायक के अनुरोध पर सही वक्त आने पर गौर किया जाएगा. उन्होंने सदन को बताया कि मंत्रिमंडल ने जनगणना का काम पूरा होने के बाद नौकरी में आरक्षण की नीति की समीक्षा करने का निर्णय लिया है, क्योंकि कुछ इलाकों और जनजातियों को इसमें जोड़े जाने की, जबकि कुछ को इससे बाहर किए जाने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने अगली जनगणना के बाद इन सभी मुद्दों की समीक्षा करने और नयी नीति बनाने का फैसला किया है.
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उन्होंने विधायक यिताचू के प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य सरकार की छह जुलाई 1973 की नीति के तहत 20 प्रतिशत राजपत्रित और तकनीकि पद अनारक्षित हैं, जिन पर किसी भी श्रेणी को नियुक्ति में आरक्षण नहीं दिया गया है. नगालैंड में तकनीकि पदों को छोड़कर अन्य पदों पर पिछड़ी जनजातियों को नौकरी में 37 प्रतिशत आरक्षण हासिल है.