देहरादून : उत्तराखंड के चमोली में ऋषि गंगा की आपदा के बाद से तपोवन सुरंग और बैराज साइट से मलबा हटाने का कार्य जारी है. यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान लापता लोगों को ढूंढने के लिए विभिन्न स्थानों पर सर्च अभियान चला रहे हैं.
रैणी में भी ऋषि गंगा के दोनों ओर मलबे में लापता की खोजबीन की जा रही है. उत्तराखंड में तपोवन सुरंग से रविवार को एक और शव बरामद किया गया, जिसके साथ ही एक पखवाड़े पहले चमोली जिले में आई आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 68 हो गई है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद बनी कृत्रिम झील की स्थिति की सोमवार को समीक्षा की. गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक बैठक में भल्ला ने जल के प्रवाह को और बढ़ाने तथा कुछ अवरोधकों को हटाने से जुड़े काम की समीक्षा की.
बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न वैज्ञानिक एजेंसियों द्वारा स्थल पर कृत्रिम झील के संबंध में विश्लेषण और उपग्रह से मिले डाटा के आधार पर पता चला है कि फिलहाल कोई खतरा नहीं है, क्योंकि जलस्तर अनुमान से कम है और यह पानी पुरानी धारा से बह रहा है.
केंद्रीय गृह सचिव ने अस्थायी अवरोधक के कारण बनी स्थिति के अनुरूप जरूरत पड़ने पर तथा राज्य सरकार को केंद्रीय एजेंसियों से मदद जारी रखने का आश्वासन दिया.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सचिव और राज्य सरकार को केंद्र और राज्य की एजेंसियों के साथ लगातार हालात की निगरानी करने को कहा गया है.